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Population Control Bill: कैसा होगा जनसंख्या नियंत्रण कानून, विधि आयोग ने CM योगी को सौंपा ड्राफ्ट

Population Control Bill: यूपी में सरकार जनसंख्या नियंत्रण कानून को लागू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। आज इसका मसौदा विधि आयोग ने सीएम योगी को सौंप दिया है।

Shreedhar Agnihotri
Report Shreedhar AgnihotriPublished By Shreya
Published on: 16 Aug 2021 11:21 PM IST
Population Control Bill: कैसा होगा जनसंख्या नियंत्रण कानून, विधि आयोग ने CM योगी को सौंपा ड्राफ्ट
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सीएम योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Population Control Bill: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Adityanath Government) अब अपने राज्य में जनसंख्या नियंत्रण कानून को लागू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। आज इसका मसौदा विधि आयोग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) को सौंप दिया। माना जा रहा है कि 17 अगस्त से शुरू हो रहे विधानसभा के मानसून सत्र (UP Assembly Monsoon Session) में इससे विधायक के रुप में पारित कराया जाएगा ।

शासन सूत्रों ने बताया की इसमें जनसंख्या नियंत्रण के लिए दो बच्चों की नीति का पालन न करने वालों को वोट का अधिकार छीने जाने की बात कही गई है। विधानसभा में इस कानून के पारित होने के बाद इसे 1 साल बाद लागू किए जाने की व्यवस्था की गई है।

यहां यह भी बताना जरूरी है कि इस कानून को लेकर विपक्ष लगातार शोर शराबा कर रहा है। बताया जाता है कि बिल के डेट में विधि आयोग ने 2 से ज्यादा बच्चों के माता-पिता को स्थानीय निकाय चुनाव रोकने संबंधी कई अन्य सुविधाओं की भी सिफारिश की गई है। इसके अलावा जिन सरकारी कर्मचारियों के दो बच्चे हैं उन्हें प्रोत्साहित किए जाने की बात कही गई है। साथ ही जिनके एक बच्चा है उसे और भी ज्यादा उत्साहित किया।

(कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया)

कई सुविधाओं से होना पड़ेगा वंचित

इस बात का जिक्र है कि जिनके 2 से ज्यादा बच्चे हैं उन्हें कई सुविधाओं से वंचित कर दिया जाना चाहिए। ऐसे लोगों को राज्य की स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ ना दिया जाए। साथ ही राशन कार्ड में 4 सदस्यों के नाम की सीमा तय करनी चाहिए उसे राज्य सरकार की ओर से मिलने वाली सब्सिडी पर भी रोक की व्यवस्था की गई है। यह भी जानकारी में आया है कि अगर एक बच्चा होने के बाद अगली बार जुड़वा बच्चे पैदा होते हैं तो उसे टू चाइल्ड पॉलिसी (Two Child Policy) का उल्लंघन नहीं माना जाना चाहिए।

मानसून सत्र में विपक्ष बन सकता है रोड़ा

इसके अलावा यदि किसी व्यक्ति का एक या दोनों बच्चे विकलांग है तो उसे तीसरा बच्चा पैदा करने की इजाजत दी जानी चाहिए। साथ ही अगर कानून लागू होने से पहले ही किसी के दो बच्चे हो तो वह कानून लागू होने के एक साल के अंदर एक तीसरा बच्चा पैदा कर सकता है। इसमें इस बात की भी व्यवस्था की गई है कि अगर किसी व्यक्ति की एक या दोनों बच्चे की मौत आती है तो उसे तीसरा बच्चा पैदा करने की छूट होनी चाहिए। अब देखना है कि यह विधेयक इसी मानसून सत्र में पास होता है अथवा नही क्योंकि सदन में अड़ंगेबाजी कर इसे विपक्ष रोकने की पूरी कोशिश करेगा।

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