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UP By Election: 'सत्ताईस के खेवनहार', BJP ऑफिस के बाहर लगे संजय निषाद के पोस्टर, यूपी उपचुनाव में नहीं मिली सीट

UP By Election: भाजपा हाईकमान ने निषाद पार्टी को उपचुनाव में एक भी सीट नहीं दी। जिसके बाद अब लखनऊ बीजेपी ऑफिस के बाहर संजय निषाद के पोस्टर लगे हैं।

Sidheshwar Nath Pandey
Published on: 25 Oct 2024 10:56 AM IST (Updated on: 25 Oct 2024 12:56 PM IST)
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संजय निषाद के लगे पोस्टर (Pic: Newstrack)

UP By Election: उत्तर प्रदेश में उपचुनाव को लेकर भाजपा ने सभी सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। एक सीट रालोद के हिस्से भी गई है। भाजपा के अन्य सहयोगी दलों को उपचुनाव में कोई सीट नहीं मिली है। निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद दो सीटों की मांग कर रहे थे। उन्होंने लखनऊ से दिल्ली तक तमाम नेताओं के साथ इसे लेकर बैठक भी की। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और सुनील बंसल से मुलाकात की। मगर उनके तमाम प्रस्तावों को भाजपा ने खारिज कर दिया। भाजपा हाईकमान ने निषाद पार्टी को उपचुनाव में एक भी सीट नहीं दी। जिसके बाद अब लखनऊ में संजय निषाद के पोस्टर लगे हैं। पोस्टर में उन्हें 'सत्ताईस के खेवनहार' बताया गया है। निषाद पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय सिंह ने 5 KD और बीजेपी ऑफिस के बाहर यह पोस्टर लगाए हैं।

भाजपा ने खारिज किए सारे प्रस्ताव

संजय निषाद कटेहरी और मझवां सीट की मांग करते हुए लखनऊ से दिल्ली तक भाजपा नेताओं से मिलते रहे। जब लखनऊ में भाजपा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद बात नहीं बनी तब उन्होंने दिल्ली का रुख किया। बीते शनिवार को दिल्ली पहुंचे संजय निषाद चार दिन दिल्ली में रहे। उन्होंने सीटों का समझौता करने के लिए दिल्ली में डेरा डाल दिया। जेपी नड्डा और सुनील बंसल से मुलाकात की। प्रस्ताव रखा कि मझवां और कटेहरी विधानसभा सीटों पर कैंडिडेट आपका सिंबल मेरा या फिर सिंबल आपका कैंडिडेट मेरा। मगर बात नहीं बनी। दोनों प्रस्ताव भाजपा हाईकमान ने खारिज कर दिए।

खाते में एक भी सीट नहीं

13 अक्टूबर को हुई बैठक से नाराज संजय निषाद ने बगावत करने का भी संकेत दिया था। उन्होंने कहा कि निषाद पार्टी अपने ही सिंबल पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुकी है। पार्टी अपने सिंबल पर चुनाव लड़ सकती है। इसके साथ ही उन्होंने भाजपा को नसीहत भी दे दी। संजय निषाद ने कहा कि बीजेपी को अपने गठबंधन का धर्म निभाना चाहिए। इसके तहत कटेहरी और मझवां सीट निषाद पार्टी को देनी चाहिए। उन्होंने उपचुनाव को लेकर चल रही सारी चर्चाओं को नकार दिया था। मगर अब उनके खाते में एक भी सीट नहीं है।

ऐसे हुआ समझौता

भाजपा को नसीहत देने वाले संजय निषाद ने अब पैंतरा बदल लिया है। उन्होंने एक बयान में कहा कि उपचुनाव में निषाद पार्टी कोई कैंडिडेट नहीं उतारेगी बल्कि गठबंधन का धर्म निभाएगी। सीट न मिलने पर उन्हें निषाद समाज भी याद आ गया। उन्होंने निषाद समाज को अनुसूचित जाति का दर्जा दिलाने और पार्टी कार्यकर्ताओं को समायोजित कर उनके हितों का ख्याल रखने का प्रस्ताव रखा है। साथ ही उन्होंने यह उम्मीद भी जताई है कि दिवाली के बाद निषाद समाज को एससी में शामिल करने पर सरकार गंभीरता से विचार करेगी। संजय निषाद को यह समझने में बहुत देर लगी कि उत्तर प्रदेश भाजपा संगठन ने उन्हें नकार दिया है। अंत में उनके पास समर्थन करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा।



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Sidheshwar Nath Pandey

Sidheshwar Nath Pandey

Content Writer

मेरा नाम सिद्धेश्वर नाथ पांडे है। मैंने इलाहाबाद विश्विद्यालय से मीडिया स्टडीज से स्नातक की पढ़ाई की है। फ्रीलांस राइटिंग में करीब एक साल के अनुभव के साथ अभी मैं NewsTrack में हिंदी कंटेंट राइटर के रूप में काम करता हूं। पत्रकारिता के अलावा किताबें पढ़ना और घूमना मेरी हॉबी हैं।

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