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UP News: बिजली कंपनियों ने उपभोक्ताओं से वसूले 100 करोड़, आयोग का आदेश 21 अक्टूबर तक सभी का पैसा वापस करो

UP News: उत्तर प्रदेश में यह पहली बार हुआ है जब आयोग ने बिजली कंपनियों के शीर्ष नेतृत्व और उससे जुड़े 6 आईएएस अफसरों को विद्युत अधिनियम 302 की धारा 142 के तहत नोटिस जारी किया है.

Rahul Singh Rajpoot
Published on: 27 Sept 2022 11:28 AM IST
Jaunpur News In Hindi
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बिजलीकर्मियों के हड़ताल (photo: social media )

UP News: उत्तर प्रदेश में बिजली कंपनियों ने विद्युत नियामक आयोग के आदेश को हटाकर अपने नियम लगा दिए और उसके जरिए उपभोक्ताओं से 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की वसूली कर डाली. उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने विद्युत नियामक आयोग में एक याचिका डाली और इस मुद्दे को उठाया. जिसके बाद आयोग के अध्यक्ष आरपी सिंह ने बिजली कंपनियों के एमडी समेत छह आईएएस अफसरों को तलब कर 21 अक्टूबर तक ब्याज समेत उपभोक्ताओं के पैसे वापस करने के निर्देश दिए हैं. उत्तर प्रदेश में यह पहली बार हुआ है जब आयोग ने बिजली कंपनियों के शीर्ष नेतृत्व और उससे जुड़े 6 आईएएस अफसरों को विद्युत अधिनियम 302 की धारा 142 के तहत नोटिस जारी किया है.

बता दें राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने आयोग में एक लोक महत्व की अवमानना याचिका दाखिल कर आरोप लगाया था कि बिजली कनेक्शन के लिए कास्ट डाटा बुक के विपरीत उपभोक्ताओं से ज्यादा एस्टीमेट के जरिए बिजली कंपनियां वसूली कर रही हैं. जिस पर विद्युत नियामक आयोग ने उपभोक्ताओं से वसूली गई धनराशि ब्याज समेत वापस करने की निर्देश दिए हैं. आयोग ने नोटिस में कहा जिस प्रकार आयोग के आदेशों का उल्लंघन किया गया वह अवमानना की श्रेणी में आता है. इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. यह कॉस्ट डाटा बुक का उल्लंघन है जो रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के तहत एक कानून है.

नियम विरुद्ध 18 से 39 प्रतिशत तक वसूली गई जीएसटी

गौरतलब है कि नियमानुसार बिजली कनेक्शन के लिए उपभोक्ता का एस्टीमेट नियामक आयोग द्वारा अनुमोदित काश डाटा बुक में तय दरों के आधार पर बनाया जाना चाहिए. जबकि बिजली कंपनियों ने कॉरपोरेशन की तरफ से जून 2022 में केंद्रीय कृत सामग्री के लिए जारी स्टॉक इश्यू रेट के आधार पर एस्टीमेट थमा दिए. इससे 8 से 10 हॉर्स पावर लोड के लिए कनेक्शन का आवेदन करने वालों से भी 25 से 35000 हजार रूपये ज्यादा जमा करा लिए गए. इसी को आधार बनाते हुए अवधेश कुमार वर्मा ने नियामक आयोग में शिकायत की कि बिजली कंपनियों ने अपने ऑनलाइन सॉफ्टवेयर की ईआरपी में जिस प्रकार से आयोग के आदेश को हटाकर नियम विरुद्ध गलत आदेश डाला वह उपभोक्ता की जेब पर डाका डालने जैसा है. किसानों से कनेक्शन के एस्टीमेट पर 18 प्रतिशत जीएसटी वसूला गया. जबकि यह उनके लिए शून्य है. अन्य उपभोक्ताओं से जीएसटी के मद में 39 फीसदी तक वसूली की गई जो बहुत ही गंभीर मामला है. इस तरह नियमों के साथ छेड़छाड़ कर विद्युत कंपनियों ने 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की वसूली की. इसके विरोध में उन्होंने विद्युत नियामक आयोग में याचिका डालकर कंपनियों की शिकायत की थी. जिस पर संज्ञान लेते हुए आयोग ने कहा यह आदेशो का उल्लंघन अवमानना की श्रेणी में आता है और 21 अक्टूबर तक सभी उपभोक्ताओं का पैसा वापस कीजिए।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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