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Sonbhadra: यूपी में गहरा सकता है बिजली संकट, तपिश से 20,831 मेगावाट पहुंची मांग

Power Crisis in Sonbhadra: शनिवार की रात पीकआवर में बिजली की मांग 20,831 मेगावाट तक पहुंच गई। यह इस सीजन की अब तक की सर्वाधिक मांग है। रविवार को भी बिजली की अच्छी-खासी मांग बनी रही।

Kaushlendra Pandey
Report Kaushlendra PandeyPublished By Deepak Kumar
Published on: 3 April 2022 7:19 PM IST
due to Coal Crisis india could be faced more power cut for many hours
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गहरा सकता है बिजली संकट (प्रतीकात्मक चित्र)

Power Crisis in Sonbhadra: अप्रैल माह के पहले दिन से आसमान में बरसती आग ने जनजीवन बेहाल करना शुरू कर दिया है। वहीं गर्मी और उमस के चलते बिजली की तेजी से बढ़ रही मांग के चलते यूपी में बिजली संकट की स्थिति बनने लगी है। रविवार को अधिकतम पारा जहां 40 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं उमस और तेज धूप लोगों को पसीने से तरबतर किए रही।

इसके चलते शनिवार की रात पीकआवर में बिजली की मांग 20,831 मेगावाट तक पहुंच गई। यह इस सीजन की अब तक की सर्वाधिक मांग है। रविवार को भी बिजली की अच्छी-खासी मांग बनी रही। रात आठ से नौ बजे के बीच अचानक से बढ़ी बिजली की मांग ने सिस्टम कंट्रोल के पसीने छुड़ा दिए। वहीं सूबे के ऊर्जा जगत में देर तक हड़कंप की स्थिति बनी रही। हालात संभालने के लिए महंगी बिजली खरीदने के साथ ही छह सौ मेगावाट तक की आपात कटौती का सहारा लेना पड़ा।


पिछले वर्ष बारिश में हुई देरी के चलते जुलाई माह में बिजली की खपत जहां 24,795 मेगावाट तक पहुंच गई थी। वहीं जून माह से ही बिजली की मांग 20 हजार मेगावाट से उपर पहुंचनी शुरू हो गई थी लेकिन इस बार अप्रैल की शुरूआत में ही मांग 20831 मेगावाट पहुंच गई है। इसके चलते जहां ऊर्जा जगत में हायतौबा की स्थिति देखी जाने लगी है। वहीं, पीक आवर के समय मांग में अचानक से उछाल की स्थिति को देखते हुए, ग्रिड संभाले रहने के लिए आपात कटौती का सहारा लेना पड़ रहा है।


यूपी स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर से मिली जानकारी

यूपी स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार रात लगभग सवा आठ बजे बिजली की मांग 20,831 मेगावाट के करीब पहुंच गई। करीब नौ बजे तक यहीं स्थिति बनी रही। इसको देखते हुए जहां सिस्टम कंट्रोल को सोनभद्र सहित सूबे के कई हिस्सों में आपात कटौती का सहारा लेना पड़ा। वहीं, बिजली की बेहतर आपूर्ति बनाए रखने से आठ से बारह रुपये प्रति यूनिट की दर से महंगी बिजली खरीदनी पड़ी।


बिजली परियोजनाओं में बिजली का बेहतर उत्पादन

राहत की बात यह है कि राज्य सेक्टर की बिजली परियोजनाओं में उत्पादन पर चल रही इकाइयां इन दिनों बेहतर उत्पादन पर बनी हुई हैं। अनपरा परियोजना से 2017 मेगावाट, ओबरा से 604, हरदुआगंज से 716, पारीक्षा से 602 तथा राज्य सरकार को पूरी बिजली देने वाली लैंको परियोजना से 1128 मेगावाट विद्युत उत्पादन बना रहा। वहीं, एनटीसी की परियोजनाओं से भी करार के मुताबिक बिजली मिलती रही। इस कारण बिजली उपलब्धता को लेकर राज्य के उर्जा सेक्टर में काफी राहत बनी रही, लेकिन जिस तरह से तपिश के साथ बिजली की मांग में बढ़ोत्तरी हो रही है। उससे आने वाले प्रचंड तपिश के समय में बिजली संकट की स्थिति की संभावना जताई जाने लगी है।


बताते चलें कि राज्य सेक्टर और केंद्रीय सेक्टर से से जहां दो से तीन रुपये यूनिट बिजली उपलब्ध होती है। वहीं निजी क्षेत्र की लैंको परियोजना से मिलने वाली बिजली की भी दर तीन रुपये यूनिट के करीब है। यहीं कारण है जब भी इन परियोजनाओं में उत्पादन लड़खड़ाने की स्थिति बनती है तो खासकर तपिश के समय में बिजली की उपलब्धता को लेकर पूरे प्रदेश में हायतौबा की स्थिति बननी शुरू हो जाती है।

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Deepak Kumar

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