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DM से परेशान बिजली विभाग के अधिकारी, सामुहिक रूप से की तबादले की मांग
शाहजहांपुर: तेज तर्रार जिलाधिकारी से परेशान बिजली विभाग के अधिकारियों ने सामुहिक रूप से तबादले की गुहार लगाई है। बिजली विभाग के अधिकारियों का आरोप है की जिलाधिकारी मीटिंग के बहाने रोज 7 बजे मीटिंग मे अपशब्द बोलते हुए है और जेल भेजने की धमकी देते है।
मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। ऐसे मे उनके साथ काम करना बहुत मुश्किल है। बिजली विभाग के अधिकारियों ने मधयांचल विधुत विभाग के प्रबंध निदेशक को पत्र लिखकर सामुहिक रूप से तबादले की मांग की है।
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दरअसल शाहजहांपुर के जिलाधिकारी अमृत त्रिपाठी की गिनती तेज तर्रार अफसरों मे की जाती हैं। योजनाओं पर काम करना और सबसे ज्यादा गरीबों को योजनाओं का हक दिलाने के लिए जाने जाते है। ऐसे ही जिलाधिकारी ने बिजली विभाग की एक मीटिंग बीते बुधवार को सुबह 11 बजे बुलाई थी। मीटिंग मे बिजली विभाग के सभी अधिकारी मौजूद थे।
अधिकारियों से डीएम ने प्रगति रिपोर्ट मांगी तो बिजली विभाग के अधिकारियों ने रिपोर्ट दे दी। आरोपी है कि इसी तरह से जिलाधिकारी रोज शाम मे 7 बजे सभागार मे बुलाकर मीटिंग के दौरान अपशब्द बोलते हुए जिससे सभी बिजली अधिकारी मानसिक रूप से परेशान रहने लगे है।
इतना ही नही जब कोई अधिकारी किसी कारणवश मीटिंग नहीं पहुंच] पाता है तो उसको बुलाने के लिए पुलिस फोर्स उसके घर भेज दिया जाता है। ऐसे मे बिजली विभाग के अधिकारियों का जिलाधिकारी अमृत त्रिपाठी के साथ काम कर पाना बेहद मुश्किल है। अधिकारियों ने पत्र लिखकर सामुहिक तबादले की मांग मधयांचल विधुत विभाग के प्रबंध निदेशक संजय गोयल से की है।
आपको बता दें कि अपनी कार्यप्रणाली मेहनत और अधिकारियों के पेंच कसने मे जिलाधिकारी अमृत त्रिपाठी जाने जाते है। इससे पहले जिलाधिकारी ने अस्पताल का निरिक्षण किया तो वहां पर गंदगी देखकर डीएम का पारा हाई हो गया और सीएमओ आरपी रावत को सभी डाक्टरो को बीच फटकार लगा दी। जिसके बाद जिले डाक्टर ने हङताल पर जाने का निर्णय लिया। लेकिन आपस मे बैठकर जिलाधिकारी द्वारा लिखित माफी के बाद सब ठीक हो पाया था।
इस वक्त यहां पर जो स्थिति डीएम को लेकर अधिकारियों के बीच बनी हुइ है। यही स्थिति तेज तर्रार डीएम विजय किरण आनन्द के कार्यकाल मे बनी थी क्योंकि विजय किरण आनंद भी अधिकारियों के पेंच कसते थे और इसी तरह से अधिकारी तबादले की मांग करते थे। विजय किरण आन्नद के तबादले के बाद तीन जिलाधिकारी यहां आकर जा चुके हैं।
मगर किसी अधिकारी ने तबादले की मांग नही की थी लेकिन अब डीएम अमृत त्रिपाठी काम न करने वाले अधिकारियों के पेंच कस रहे हैं। अब फिर वही स्थिति पैदा हो गई है। अधिकारियों डीएम पर दबाव बनाने के लिए तबादले की मांग कर रहे हैं या फिर हङताल की धमकी दे देते है।