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पुलवामा अटैक में कानपुर के प्रदीप यादव शहीद ,परिवार समेत पूरा शहर शोक में डूबा
पुलवामा में सीआपीएफ़ पर हुए आतंकी हमले में कानपुर के प्रदीप यादव शहीद हो गए। गुरुवार देर रात परिजनों को जब प्रदीप की शहादत की खबर मिली तो परिवार में कोहराम मच गया। प्रदीप की शहादत से पूरा शहर शोक में डूबा है। वहीं शहीद की पत्नी को अभी भी यकीन नहीं है कि प्रदीप आतंकी हमले के शिकार हुए है।
कानपुर: पुलवामा में सीआपीएफ़ पर हुए आतंकी हमले में कानपुर के प्रदीप यादव शहीद हो गए। गुरुवार देर रात परिजनों को जब प्रदीप की शहादत की खबर मिली तो परिवार में कोहराम मच गया। प्रदीप की शहादत से पूरा शहर शोक में डूबा है। वहीं शहीद की पत्नी को अभी भी यकीन नहीं है कि प्रदीप आतंकी हमले के शिकार हुए है। प्रदीप यादव 115 बटालियन के जवान थे और बीते 10 फरवरी को छुट्टिया समाप्त होने के बाद जम्मू के लिए रवाना हुए थे।
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कल्यानपुर थाना क्षेत्र स्थित बारासिरोही के रहने वाले शहीद प्रदीप यादव सीआरपीएफ में सैनिक के पद पर तैनात थे। परिवार में पत्नी नीरज यादव ,बेटी सुप्रिया (09) छोटी बेटी सोना (02) है। प्रदीप यादव ने 2004 में सीआरपीएफ़ में भर्ती हुए थे। इनके पिता अमर सिंह जेल में सिपाही के पद से रिटायर्ड है।प्रदीप को बचपन से सेना में भर्ती होकर देश की रक्षा करने का जज्बा था।
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शहीद प्रदीप यादव के मौसेरे भाई ने बताया कि आतंकी हमले से पहले सुबह और फिर दोपहर के वक्त भाभी नीरज ने भैया से मोबाइल फोन पर बात की थी। किसी को भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि सीआरपीफ़ के काफिले पर हमला हो जाएगा। भैया बीते 10 फरवरी को छुट्टियाँ बिता कर गए है। पूरे दिन बच्चों के साथ खेलते रहते थे। वो सोना को सब से अधिक प्यार करते थे।
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सोनू ने बताया कि बुधवार दोपहर न्यूज चैनल पर पुलवामा में सीआरपीएफ़ के काफिले पर आतंकी हमले की खबर देखा तो पूरा परिवार घबरा गया। भैया को फोन लगाया गया तो उनका फोन बंद जा रहा था। घबराहट की वजह से सभी का दिल बैठा जा रहा था।भाभी परेशान थी टीवी पर वहां का नजारा देख कर उनके आँखों के आंसू नहीं रुक रहे थे। भैया से बहुत संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा था लेकिन कोई भी सही जानकारी नहीं मिल पा रही थी। इसके बाद देर रात कंट्रोल रूम से फोन आया कि भैया इस हमले में शहीद हो गए। इस फोन आने के बाद सभी के होश उड़ गए। पूरा परिवार सदमे में है किसी को कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है।