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प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव ने राजीव मिश्रा को बनाया प्रत्याशी

कानपुर लोकसभा सीट से प्रसपा ने पूर्व केन्द्रीयमंत्री स्वर्गीय प्रमोद महाजन के व्यक्तिगत सचिव रहे राजीव मिश्रा को प्रत्याशी बनाया है। राजीव मिश्रा ने शिव सेना प्रमुख बाला साहब ठाकरे के खिलाफ परप्रांतीय सेना का गठन किया था।

Roshni Khan
Published on: 20 March 2019 12:26 PM IST
प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव ने राजीव मिश्रा को बनाया प्रत्याशी
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कानपुर: प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने 30 लोकसभा सीटों के कैंडिडेट के नामों की घोषणा कर दी हैं। शिवपाल सिंह ने चुन-चुन कर प्रत्याशियों के नामों का एलान किया है, जिससे यह बात साबित होती है कि वो राजनीती के माहिर खिलाड़ी है।

कानपुर लोकसभा सीट से प्रसपा ने पूर्व केन्द्रीयमंत्री स्वर्गीय प्रमोद महाजन के व्यक्तिगत सचिव रहे राजीव मिश्रा को प्रत्याशी बनाया है। राजीव मिश्रा ने शिव सेना प्रमुख बाला साहब ठाकरे के खिलाफ परप्रांतीय सेना का गठन किया था। इसके बाद से वो उत्तर प्रदेश के स्टेट गेस्ट बन गए। राजीव मिश्रा जब भी यूपी आते है तो उन्हें पुलिस स्काट के साथ वीवीआईपी ट्रीटमेंट दिया जाता है।

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प्रसपा कैंडिडेट राजीव मिश्रा मूल रूप से जनपद फतेहपुर के बिंदकी तहशील के जोगा महमूदपुर गाँव के रहने वाले है। परिवार में पत्नी अनपूर्णना मिश्रा हॉउस वाइफ है और बेटे शशांक मिश्रा के साथ रहते है। राजीव मिश्रा का नासिक मुंबई हाईवे पर अत्याधुनिक रायफल क्लब का बिजनेस है। राजीव मिश्रा का कानपुर के श्याम नगर में आवास है और उनका जन्म भी कानपुर में हुआ हैंl इनके पिता राजेंद्र मिश्रा पुराने कांग्रेसी नेता रहे है।

राजीव मिश्रा के मुताबिक सन 1991 में कानपुर के ब्रह्मानंद डिग्री कॉलेज से छात्र संघ का पदाधिकारी रहा और वही से राजनीती में पहला कदम रखा था। मेरे छात्र जीवन में समाजवादी पार्टी का गठन हुआ था और पार्टी की सदस्यता ली थी। सन 1994 में बसपा के खिलाफ सपा ने जेल भरो आन्दोलन किया था। उस आन्दोलन में मै कानपुर की जेल में सबसे ज्यादा 21 दिनों तक जेल काटी थी। तत्कालीन सपा के राष्ट्रिया अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव और उनके भाई शिवपाल सिंह यादव के बेहद करीबियों में मेरी गिनती हो गई। शिवपाल सिंह यादव मुझे बहुत मानते थे जब मैं मुंबई जा रहा था तो उन्होंने मुझे बहुत रोकने का प्रयास किया था।

उन्होंने बताया कि मुंबई में भी मैंने सपा का साथ नही छोड़ा। महाराष्ट्र में मै प्रदेश महासचिव नियुक्त किया गया था उस समय राजाराम साल्वी अध्यक्ष थे। 1997 में मैंने औरंगाबाद में राष्ट्रीय अधिवेशन कराया था। उसमे मुलायम सिंह भी आए थे उन्हें मुझे कोलकत्ता में होने वाले राष्ट्रीय कार्यकारणी अधिवेशन में आने का न्योता दिया था। उन्होंने मुझसे वहा पर कहा था कि आप लोग महाराष्ट्र में मुसलमानों का विरोध कर रहे है। मैंने उनसे कहा था कि हम लोग तो चाहते है कि मुस्लिम भी जुड़े बल्कि सर्वसमाज के लोग जुड़े। यदि आप इस तरह का आरोप लगाते है तो हम लोगो का समाजवादी रहने का कोई फायदा नही है। हमने और राजाराम साल्वी ने फ़ौरन इस्तीफा सौंप दिया। इसके हम लोगो ने भाजपा ज्वाइन कर ली थी।

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उन्होंने बताया कि भाजपा ज्वाइन करने के बाद राजाराम साल्वी को कबिनेट मिनिस्टर बनाया था। मैंने इच्छा जाहिर की थी कि प्रमोद महाजन के साथ करने की। मुझे महाराष्ट्र बीजेपी कार्यकारणी मी शामिल किया गया। मुझे जिम्मेदारी सौपी गई कि आप प्रमोद महाजन का सारा कामकाज देखेगे। मुझे उनके व्यक्तिगत सचिव बनाया गया। मैंने राजनीती के गुण प्रमोद महाजन से सीखे है। यदि आज प्रमोद महाजन होते तो नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री नही होते।

उन्होंने बताया कि शिव सेना ने 2003 में परप्रांतीय भगाओ मुंबई आन्दोलन चलाया था। जिसका मैंने खुल कर विरोध किया और बाला साहब ठाकरे के खिलाफ परप्रांतीय सेना का गठन कर पार्टी का रजिस्ट्रेशन कराया था। उत्तर भारतीयों के खिलाफ शिवसेना की मुहीम को रोकने के लिए हमने संघर्स किया था। लेकिन जब शिवपाल सिंह यादव ने मुझे मिलने के लिए बुलाया और मुझसे कहा कि, “मैंने प्रसपा बनाया है। मैं चाहता हूँ कि आप कानपुर से चुनाव लड़े उन्होंने मेरी टिकट और अपनी संसदीय सीट की तीन माह पहले ही सिलेक्ट कर दी थी”। इसके बाद मैंने अपनी परप्रांतीय सेना का विलय प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया में कर दिया।

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कानपुर मैंन चेस्टर ऑफ़ इण्डिया के नाम से जाना जाता है। बड़े-बड़े नामी ग्रामी नेता सांसद बने लेकिन कानपुर के उद्योग धंधो को उबार नहीं पाए। आज कानपुर की मिलो में मशीने जंग खा रही है। युवाओ के पास रोजगार नही है युवा ,किसान व्यापारी सभी परेशान है। मेरा कानपुर वासियों से वादा है कि कानपुर की सूरत बदल कर रख दूंगा यदि मुझे कानपुर की जनता मौका देती है।



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