TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

UP Politics: अब विधानसभा में भतीजे से दूर बैठेगें चाचा शिवपाल, आजम खां को लेकर अखिलेश से आंतरिक टकराव

UP Politics: विधानसभा चुनाव में प्रसपा के मुखिया शिवपाल सिंह यादव भले ही साइकिल से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हों पर अब वो विधानसभा में समाजवादी पार्टी से दूरी बनाना चाह रहे है।

Shreedhar Agnihotri
Published on: 25 May 2022 9:18 AM IST
Shivpal Akhilesh
X

शिवपाल अखिलेश (फोटो-सोशल मीडिया)

UP Politics: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव के बीच तल्खी बढ़ती ही जा रही है। विधानसभा चुनाव में प्रसपा के मुखिया शिवपाल सिंह यादव भले ही साइकिल से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हों पर अब वो विधानसभा में समाजवादी पार्टी से दूरी बनाना चाह रहे है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को पत्र लिखकर वरिष्ठता के आधार पर अपने लिए एक अलग सीट के आवंटन की मांग की हैै।

सदन में विधायक दल के नेता ही अपने सदस्यों को सीट आवंटन करते हैं पर शिवपाल सिंह यादव ने विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को पत्र लिखकर सीधे इस बात की मागं की है। विधानसभा का जब सत्र शुरू हुआ तो पहले दिन अखिलेश यादव के ठीक पीछे शिवपाल सिंह यादव बैठे थें। पर अब स्थिति में बदलाव आ सकता है।

घरेलू कार्यक्रमों में मिलते रहे चाचा भतीजा

शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश यादव के बीच राजनीतिक टकराव 2016 से लगातार चला आ रहा है। घरेलू कार्यक्रमों में भले ही चाचा भतीजा मिलते रहे हों पर राजनीतिक टकराव जगजाहिर है। गत विधानसभा चुनाव में गठबन्धन भी हुआ अखिलेश यादव ने शर्त लगा दी कि शिवपाल सिंह यादव समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर ही मैदान में उतरेगें। यहीं नहीं शिवपाल ने अखिलेश यादव से लगभग 25 सीटों की मांग की थी पर उन्हे केवल एक सीट जसवंतनगर ही दी गयी।

इधर आजम खां को लेकर भी चाचा भतीजे में आंतरिक टकराव चल रहा है। आजम इन दिनों अखिलेश यादव से नाराज बताए जा रहे है। जबकि शिवपाल सिंह यादव की आजम से नजदीकियां जग जाहिर है। आजम खां के जेल से छूटने के बाद दोनो नेताओं की मुलाकात भी हो चुकी है।

अब सवाल इस बात का है कि यदि वह अखिलेश यादव का साथ छोड़ कर शिवपाल सिंह यादव के साथ आते हैं तो शिवपाल सिंह यादव की छवि काफी नम्र और उदार है। यही नहीं, भाजपा नेताओं के साथ हुई मुलाकातों ने उनके रूख को और लचीला किया है। जबकि आजम खां आक्रामक शैली के नेता कहे जाते है। ऐसे में दोनो नेताओं का एक साथ चलना कितना सही होगा कितना गलत,यह भी एक बडा सवाल है।



\
Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

Next Story