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Pratapgarh Journalist Death Case: मौत पर शुरू हुआ राजनीतिक घमासान

प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी सपा से लेकर बसपा, आप, प्रसपा और कांग्रेस ने योगी सरकार से पूछे सवाल

Shashwat Mishra
Written By Shashwat MishraPublished By Pallavi Srivastava
Published on: 15 Jun 2021 7:32 AM GMT (Updated on: 15 Jun 2021 7:37 AM GMT)
Pratapgarh Journalist Death Case: मौत पर शुरू हुआ राजनीतिक घमासान
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Pratapgarh News: प्रतापगढ़ में एक राष्ट्रीय चैनल के पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव की मौत पर राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी सपा से लेकर बसपा, आप, प्रसपा और कांग्रेस ने सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। सारे विपक्षी दलों ने एक सुर में इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।

जांच कराकर दोषियों को सख्त सजा सुनिश्चित करें: बीएसपी

बसपा सुप्रीमो मायावती ने सुलभ श्रीवास्तव की मौत पर कहा है कि जांच कराकर दोषियों को सख्त सजा सुनिश्चित की जाए। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि यूपी में शराब माफियाओं आदि का आतंक किसी से भी छिपा हुआ नहीं है, जिनके काले कारनामों को उजागर करने पर ताजा घटना में प्रतापगढ़ जिले के टीवी पत्रकार की नृशंस हत्या अति-दुःखद। सरकार घटना की अविलम्ब निष्पक्ष व विश्वसनीय जांच कराकर दोषियों को सख्त सजा सुनिश्चित करे, बीएसपी की माँग।

आशंका जताने के बाद भी उन्हें सुरक्षा क्यों नहीं दी गयी: अखिलेश यादव

प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार से पूछा है कि आशंका जताने के बाद भी उन्हें सुरक्षा क्यों नहीं दी गई। उन्होंने ट्वीट कर अपनी संवेदना प्रगट करते हुए कहा कि प्रतापगढ़ में एक कथित हादसे में एक टीवी पत्रकार की संदिग्ध मौत बेहद दुखद है। भाजपा सरकार इस मामले में एक उच्च स्तरीय जांच बैठाकर परिजन और जनता को ये बताए कि पत्रकार द्वारा शराब माफिया के हाथों हत्या की आशंका जताने के बाद भी उन्हें सुरक्षा क्यों नहीं दी गयी।

मामले की सीबीआई जांच हो, परिवार को आर्थिक सहायता मिले

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रतापगढ़ में हुई पत्रकार की हत्या के मामले की CBI जांच की मांग की है। साथ ही उन्होंने योगी सरकार को पत्र लि खकर परिवार को आर्थिक सहायता देने की भी मांग की। प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर लिखा है कि उप्र के प्रतापगढ़ में पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव के साथ घटी दुखद घटना दिखाती है कि कानून के राज का इकबाल खत्म हो गया है। मामले की CBI जांच हो, परिवार को आर्थिक सहायता मिले एवं शराब माफियाओं व प्रशासन के गठजोड़ पर निर्णायक चोट की जाए।


उन्हें सुरक्षा क्यों नहीं दी गई?

प्रसपा के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने भी पत्रकार की मौत पर सवाल खड़े करते हुए पूछा है कि हत्या की आशंका के बावजूद भी उन्हें सुरक्षा क्यों नहीं दी गई? उन्होंने कहा कि एक दिन पहले ही सुलभ ने हत्या की आशंका जताते हुए सुरक्षा की मांग की थी। फिर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शराब माफिया के हाथों हत्या की आशंका के बावजूद भी उन्हें सुरक्षा क्यों नहीं दी गई?

..हत्या की आशंका जताई थी लेकिन सब सोते रहे

आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी व राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने सुलभ श्रीवास्तव की मौत पर कहा है कि उन्होंने (सुलभ) पत्र लिखकर हत्या की आशंका जताई थी, लेकिन सब सोते रहे। उन्होंने कहा कि ABP न्यूज के पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव की निर्मम हत्या हुई। शराब माफियाओं के ख़िलाफ खबर चलाने के कारण यू पी में एक पत्रकार की हत्या हो जाती है, जबकि एक दिन पहले सुलभ ने ADG को पत्र लिखकर हत्त्या की आशंका जताई थी लेकिन सब सोते रहे।

गौरतलब है कि 13 जून को जब एटीएस और प्रतापगढ़ पुलिस द्वारा संयुक्त ऑपरेशन में अवैध असलहा फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया था, तब पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव उसकी रिपोर्टिंग करके वापस लौट रहे थे। कवरेज से लौटते वक्त ही उनकी मौत नगर कोतवाली क्षेत्र के सुखपाल नगर इलाके में हो गई। जहां पर उनका शव संदिग्ध हालत में रोड किनारे अर्धनग्न अवस्था में मिला। सिर पर चोट के निशान थे। शर्ट के सारे बटन खुले हुए थे। स्थानीय लोगों की सूचना पर उन्हें राजकीय मेडिकल कॉलेज (जिला अस्पताल) पहुंचाया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। फिलहाल, पुलिस ने अब हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

Pallavi Srivastava

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