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Pratapgarh News: शहीद का शव पहुँचा पैतृक गांव, राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

Pratapgarh News: प्रतापगढ़ के बड़नपुर के रहने वाले शिव बहादुर सिंह बीएसएफ में तैनात एएसआई के रूप में बंगाल के कूंच बिहार में तैनात थे जहां ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए।

Sanjay Pal Pratapgarh
Published on: 14 Jan 2023 5:07 PM IST
Dead body of BSF martyr Shiv Bahadur reached native village, cremated with state honors
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प्रतापगढ़: बीएसएफ के शहीद शिव बहादुर का पैतृक गांव प्रतापगढ़ में हुआ राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

Pratapgarh News: प्रतापगढ़ के बड़नपुर के रहने वाले शिव बहादुर सिंह बीएसएफ में तैनात एएसआई के रूप में बंगाल के कूंच बिहार में तैनात थे जहाँ ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए। शहीद के शव को बीएसएफ के ट्रक से साथी जवान लेकर उनके घर पहुचे तो गांव में मातम पसर गया। आज जवानों ने राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी, गांव में ही शहीद की चिता को मुखग्नि दी गई।

सरकार की तरफ से सूबे के राज्यमंत्री राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, सांसद, विधायक के अलावा प्रशासन की तरफ से डीएम, एसपी अंत्येष्टि में शामिल हुए। जवान के अंतिम यात्रा में ग्रामीणों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी, हर कोई अंतिम यात्रा में शामिल होकर उनको भावभीनी श्रद्धांजलि देने के लिए आतुर दिखा, मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने परिजनों को 50 लाख का चेक सौंपा, साथ ही परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और गांव की एक सड़क का नाम शहीद के नाम पर रखने की घोषणा की।

शहीद जवान परिजनों को मिलेगी 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद

कल सीएम योगी ने शहीद जवान को श्रद्धांजलि देते हुए जवान के परिजनों को 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की थी, शिव बहादुर की 53 वर्ष की उम्र में निधन की खबर मिली तो परिजनों में कोहराम मच गया, शिव बहादुर एएसआई के पद पर पश्चिम बंगाल के कूंच बिहार में तैनात थे। उनके पिता वंश बहादुर सिंह आर्मी के हवलदार के पद से 1979 में सेवानिवृत्त हो चुके हैं, शव घर पहुचने के बाद शहीद के परिजनों पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल है।

ड्यूटी के दौरान ठंड लगने से शिव बहादुर सिंह हुए शहीद

बताया जाता है कि ड्यूटी के दौरान ठंड लगने से शिव बहादुर सिंह शहीद हो गए, इस खबर के बाद इलाके में शोक की लहर है। इस बाबत डीएम डॉ. नितिन बंसल ने बताया कि शहीद के परिवार को सरकार की तरफ 50 हजार की आर्थिक सहायता जिसमे 35 लाख शहीद की विधवा व 15 लाख रूपये का चेक शहीद के पिता को दिया गया है साथ ही परिवार के एक सदस्य को सरकारी सेवा नियोजित किया जाएगा और गांव की एक सड़क का नाम शहीद के नाम पर किया जाएगा।

Shashi kant gautam

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