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DSP Zia ul Haq Murder: DSP जिया उल हक हत्याकांड में CBI ने शुरु की जांच, SC ने दिया है आदेश, राजा भैया से होगी पूछताछ

DSP Zia ul Haq Murder: सीबीआई की टीम बलीपुर गांव पहुंची, जहां पर डिप्टी एसपी जिया उल हक की हत्या की गई थी। घटनास्थल पर करीब दो घंटे तक सीबीआई की टीम रही और लोगों से पूछताछ की।

Jugul Kishor
Published on: 19 Oct 2023 7:00 AM GMT (Updated on: 19 Oct 2023 7:40 AM GMT)
DSP Zia ul Haq Murder
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DSP जिया उल हक हत्याकांड में CBI ने शुरु की जांच (सोशल मीडिया)

DSP Zia ul Haq Murder: प्रतापगढ़ की कुंडा विधानसभा से विधायक रघुराज प्रताप सिहं उर्फ राजा भैया की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। दरअसल, डीएसपी जिया उल हक मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने दोबारा जांच शुरू कर दी है। सीबीआई की पांच सदस्यीय टीम ने कुंडा पहुंचकर दोबारा मामले की बारीकी से जांच शुरु कर दी है।

विधायक राजा भैया से पूछताछ करेगी CBI

सीबीआई की टीम बलीपुर गांव पहुंची, जहां पर डिप्टी एसपी जिया उल हक की हत्या की गई थी। घटनास्थल पर करीब दो घंटे तक सीबीआई की टीम रही और लोगों से पूछताछ की। सीबीआई की टीम ने इलाके के हथिगवां थाने जाकर वहां से भी जानकारी हासिल की। इसके बाद सीबीआई की टीम वापस प्रतापगढ़ जनपद पहुंच गई है। माना जा रहा है कि इस मामले में कुंडा विधायक राजा भैया से दोबारा सीबीआई की टीम पूछताछ करेगी।

CBI ने राजा भैया को दी थी क्लीनचिट

उस दौरान सपा सरकार की सिफारिश पर तत्कालीन केंद्र सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी। इसके बाद सीबीआई ने कुंडा में ही कैंप ऑफिस बनाकर कई महीने तक इस मामले में जांच की थी। कैंप ऑफिस में दो दिनों तक सीबीआई ने राजा भैया से पूछताछ की थी, हालांकि सीबीआई ने इस मामले में राजा भैया को क्लीन चिट दे दी थी और उनके खिलाफ क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी। जिस पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी।

SC ने दिया है सीबीआई को जांच करने का आदेश

राजा भैया के खिलाफ क्लोजर रिपोर्ट लगने के बाद डीएसपी जिया उल हक की पत्नी परवीन आजाद ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को तीन महीने का समय दिया है। सीबीआई को तीन महीने में जांच करके सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करनी है।

क्या है जिया उल हक हत्याकांड मामला?

बता दें कि साल 2013 में प्रतापगढ़ के कुंडा के बलीपुर गांव में एक जमीनी विवाद था। सपा नेता बलीपुर के प्रधान नन्हे लाल यादव ने एक जमीन खरीदी थी, उसी गांव के कामता प्रसाद पाल भी उस जमीन पर दावा कर रहे थे। कामता प्रसाद को राजा भैया के करीबी गुड्डू सिंह का संरक्षण प्राप्त था। विवाद को सुलझाने के लिए 2 मार्च, 2013 को पंचायत बुलाई गई थी। बैठक में विवाद हो गया, जिसमें प्रधान नन्हे यादव की हत्या कर दी गई थी। सूचना मिलने पर पहुंचे तत्कालीन सीओ कुंडा जिया-उल-हक, हथिगवां थाने के प्रभारी मनोज शुक्ला और कुंडा प्रभारी सर्वेश मिश्रा बली गांव पहुंचे। आक्रोशित गांव वालों ने पुलिस पर हमला बोल दिया। इसमें सीईओ की हत्या कर दी गई। इसी दौरान नन्हे यादव के भाई सुरेश यादव की भी गोली लगने से मौत हो गई थी।

इस घटना को लेकर एफआईआर दर्ज हुई। मनोज शुक्ला की तहरीर पर प्रधान नन्हे यादव के भाइयों और बेटे समेत 10 लोग नामजद थे। जबकी दूसरी एफआईआर सीओ की पत्नी की ओर से दर्ज की गई, जिसमें गुलशन यादव समेत चार लोगों पर आरोप लगाया गया था।

Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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