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CBI जांच से बढ़ सकती है राजा भैया की मुश्किलें, CO जिया-उल हक हत्याकांड में आया सुप्रीम कोर्ट फैसला

Raja Bhaiya News: सीओ जांच का मामला तूल पकड़ने से राजा भैया के चुनावी तैयारियों पर भी असर पड़ सकता है।

Anant kumar shukla
Published on: 28 Sept 2023 4:55 PM IST
CO Zia ul Haq murder case
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CO Zia ul Haq murder case

Raja Bhaiya News: CO जिया-उल हक हत्याकांड में मंगलवार को आए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद जनसत्ता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। अब सीईओ हत्याकांड की जांच सीबीआई करेगी। लोकसभा चुनाव से पहले आए निर्णय से किसी बड़े पार्टी के साथ गठबंधन पर असर पड़ सकता है। इस बार जनसत्ता दल तीन सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। बता दें कि पच्चीस साल विधायक रहने के बाद 30 नवंबर, 2018 में जनसत्ता दल का गठन किया था। लोकसभा चुनाव 2019 में उन्होंने कई कई सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन मोदी लहर में सभी हार गए।

वहीं उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में जनसत्तादल ने दो सीटें जीती थी। राजा भैया और जनसत्ता दल पार्टी का प्रभाव प्रतापगढ़ और आस-पास के जिलों में है। यही कारण है कि राजा भैया प्रतापगढ़, कौशांबी सहित तीन लोकसभा क्षेत्रों में अपने प्रत्याशी उतारने की तैयारी कर रहे हैं। राजा भैया की बसपा से पुरानी नाराजगी है। जबकि अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद सपा से भी मनमुटाव चल रहा है। समाचारों के माध्यम से मिली जानकारी के अनुसार जनसत्तादल भाजपा के साथ मिलकर एक या दो सीटों पर गठबंधन से चुनाव लड़ने की कोशिश में है। लेकिन अब सीओ जांच का मामला एक बार फिर से तूल पकड़ लिया है। ऐसे में राजा भैया के चुनावी तैयारियों पर असर पड़ सकता है।

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि 2013 को प्रतापगढ़ के कुंडा के बलीपुर गांव में एक जमीनी विवाद था। सपा नेता बलीपुर के प्रधान नन्हे लाल यादव ने एक जमीन खरीदी थी, उसी गांव के कामता प्रसाद पाल भी उस जमीन पर दावा कर रहे थे। कामता प्रसाद को राजा भैया के करीबी गुड्डू सिंह का संरक्षण प्राप्त था। विवाद को सुलझाने के लिए 2 मार्च, 2013 को पंचायत बुलाई गई थी। बैठक में विवाद हो गया, जिसमें प्रधान नन्हे यादव की हत्या कर दी गई थी। सूचना मिलने पर पहुंचे तत्कालीन सीओ कुंडा जिया-उल हक, हथिगवां थाने के प्रभारी मनोज शुक्ला और कुंडा प्रभारी सर्वेश मिश्रा बली गांव पहुंचे। आक्रोशित गांव वालों ने पुलिस पर हमला बोल दिया। इसमें सीईओ की हत्या कर दी गई। इसी दौरान नन्हे यादव के भाई सुरेश यादव की भी गोली लगने से मौत हो गई थी।

इस घटना को लेकर एफआईआर दर्ज हुई। मनोज शुक्ला की तहरीर पर प्रधान नन्हे यादव के भाइयों और बेटे समेत 10 लोग नामजद थे। जबकी दूसरी एफआईआर सीईओ की पत्नी की ओर से दर्ज की गई, जिसमें गुलसन यादव समेत चार लोगों पर आरोप लगाया गया था। उस समय राजा भैया अखिलेश सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। इस घटना के बाद उन्हें स्तिफा देना पड़ा।



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Anant kumar shukla

Anant kumar shukla

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अनंत कुमार शुक्ल - मूल रूप से जौनपुर से हूं। लेकिन विगत 20 सालों से लखनऊ में रह रहा हूं। BBAU से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन (MJMC) की पढ़ाई। UNI (यूनिवार्ता) से शुरू हुआ सफर शुरू हुआ। राजनीति, शिक्षा, हेल्थ व समसामयिक घटनाओं से संबंधित ख़बरों में बेहद रुचि। लखनऊ में न्यूज़ एजेंसी, टीवी और पोर्टल में रिपोर्टिंग और डेस्क अनुभव है। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काम किया। रिपोर्टिंग और नई चीजों को जानना और उजागर करने का शौक।

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