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Pratapgarh News: अवैध वसूली के खिलाफ सब्जी विक्रेताओं का हंगामा, सड़क पर फेंकी सब्जियां, नगर पालिका कर्मचारी लौटे बैरंग
Pratapgarh News: कोतवाली इलाके में पुलिस लाइन चौकी के समीप सब्जी विक्रेताओं ने नगर पालिका कर्मचारियों के खिलाफ अवैध वसूली का आरोप लगाकर जमकर प्रदर्शन किया।
Vegetable vendors create ruckus against illegal collection (Photo: Social Media)
Pratapgarh News: प्रतापगढ़ जिले के नगर कोतवाली इलाके में पुलिस लाइन चौकी के समीप सब्जी विक्रेताओं ने नगर पालिका कर्मचारियों के खिलाफ अवैध वसूली का आरोप लगाकर जमकर प्रदर्शन किया। विरोध जताने के लिए दुकानदारों ने सड़क पर टमाटर और अन्य सब्जियां फेंक दीं। यह घटना सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई, जिसके बाद नगर पालिका के कर्मचारी बैरंग लौटने पर मजबूर हो गए।
क्या है पूरा मामला?
प्रतापगढ़ नगर पालिका के कर्मचारी सड़क किनारे रेडी-पटरी पर दुकान लगाने वाले सब्जी विक्रेताओं के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई यातायात व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए की जा रही है। इसी के तहत जब पालिका के कर्मचारी पुलिस लाइन चौकी के पास पहुंचे और दुकानदारों को वहां से हटने के लिए कहा, तो दुकानदार भड़क गए और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। गुस्साए विक्रेताओं ने अपने ठेलों से टमाटर और परवर सड़क पर फेंककर आक्रोश जताया।
नगर पालिका कर्मचारियों पर अवैध वसूली के आरोप
सब्जी विक्रेताओं का आरोप है कि नगर पालिका के कर्मचारी उनसे आए दिन 100 से 200 रुपये की अवैध वसूली करते हैं। यदि कोई दुकानदार पैसे देने से इनकार कर देता है, तो उसका चालान काटकर 5000 से 10000 रुपये तक का जुर्माना लगा दिया जाता है। दुकानदारों का कहना है कि महंगाई के इस दौर में सब्जी बेचकर परिवार का पेट पालना मुश्किल हो गया है, ऊपर से नगर पालिका के कर्मचारी बेवजह परेशान कर रहे हैं।
विरोध प्रदर्शन के बाद लौटे नगर पालिका कर्मचारी
सब्जी विक्रेताओं के आक्रोश को देखते हुए नगर पालिका के कर्मचारी बिना कार्रवाई किए ही लौट गए। वहीं, मौके पर पहुंची स्थानीय पुलिस ने विक्रेताओं को शांत करने की कोशिश की। पुलिस का कहना है कि दुकानदारों की शिकायतों को अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा ताकि किसी भी पक्ष के साथ अन्याय न हो।
नगर पालिका ने दी सफाई
इस मामले पर जब नगर पालिका के अधिकारियों से बात की गई, तो उन्होंने अवैध वसूली के आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया। अधिकारियों का कहना है कि शहर की यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए फुटपाथ और सड़क किनारे दुकान लगाने वालों पर कार्रवाई की जाती है। जो भी शुल्क वसूला जाता है, वह सरकारी खजाने में जमा किया जाता है। किसी दुकानदार को जबरन परेशान नहीं किया जा रहा है, और विक्रेताओं द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं।
इस पूरे मामले में अब प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि नगर पालिका सही तरीके से काम कर रही है, तो दुकानदार इस तरह से सड़क पर सब्जियां फेंककर प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं? अब देखना होगा कि क्या प्रशासन कोई ठोस कदम उठाता है या यह मामला इसी तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा।