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Newstrack की खबर पर मुहर: प्रवीर कुमार बने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष
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लखनऊ: करीब पिछले दो साल से रिक्त चल रहे अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष पद को भरने का राज्य सरकार ने फैसला लिया है। इस संबंध में 1982 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अफसर प्रवीर कुमार के नाम पर यूपी सरकार ने मुहर लगा दी है। इसके साथ ही रचना पाल, ओम नारायण सिंह को अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का सदस्य बनाया गया है।
Newstrack की खबर पर मुहर
बता दें कि Newstrack वेबसाइट पर एक दिन पहले ही (9 दिसंबर) को इस खबर को ब्रेक कर (प्रकाशित) कर दिया था। हमने हमेशा की तरह इस बार भी तथ्यों के आधार पर सबसे पहले और विश्वसनीय खबर को प्रकाशित किया। Newstrack अपने यूजर्स के भरोसे को हमेशा बनाकर रखा। ‘Newstrack’पर अपार भरोसा जताने के लिए हम सभी यूजर्स को धन्यवाद देते हैं।
खबर का लिंक यहां पर मौजूद हैं… अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष होंगे प्रवीर कुमार!
गौरतलब है कि मुलायम सिंह यादव ने अपने मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को भंग कर दिया था लेकिन जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने अपनी सरकार के अंतिम दिनों में इस आयोग को पुनः गठित किया और उनके कार्यकाल में राज्य संपत्ति अधिकारी के पद पर रहे राजकिशोर यादव को आयोग का अध्यक्ष बना दिया।
उन्होंने अपने कार्यकाल में इस आयोग के माध्यम से तमाम रिक्तियां भी निकालीं। लेकिन सरकार बनने के साथ ही राजकिशोर यादव ने इस पद से इस्तीफा दे दिया।
आईएएस एसोसिएशन के अध्यक्ष रह चुके हैं प्रवीर कुमार
इसके बाद 1981 बैच के आईएएस अफसर सीबी पालीवाल को सेवानिवृत्ति के बाद इस पद पर बैठा दिया। पालीवाल की गिनती अच्छे अफसरों में की जाती है। उन्हें यह पद रास नहीं आया और कार्यकाल खत्म होने से बहुत पहले उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
उनके इस्तीफे को लेकर सवाल भी खड़े किये गए। उनके इस्तीफे के बाद से आयोग के अध्यक्ष का पद खाली था। 1983 बैच के आईएएस अफसर रहे अरुण सिन्हा को कार्यवाहक अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई, सिन्हा आयोग के सदस्य हैं।
प्रवीर कुमार आईएएस एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे और राजस्व परिषद के चेयरमैन के पद से सेवानिवृत्त हुए, उनकी गिनती भी साफ सुथरे और अच्छे अफसरों में की जाती है। प्रशासनिक सदस्य बनाए जाने वाले ओएन सिंह 1983 बैच के पीसीएस अफसर हैं।
प्रोन्नति के बाद आईएएस में उन्हें 2002 बैच मिला है। समाजवादी पार्टी के शासनकाल में ओएन सिंह गोरखपुर के जिलाधिकारी रहे हैं।
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उथल पुथल भरा रहा है आयोग का इतिहास
प्रारंभ में, उत्तर प्रदेश की राज्य सरकार ने 1988 में एक अध्यादेश के माध्यम से अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड की स्थापना की, जिसे बाद में 1988 के अधिनियम नं. 7 द्वारा प्रतिस्थापित किया गया। आयोग द्वारा इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित सभी समूह 'ग' पदों पर सीधी भर्ती के लिए निर्दिष्ट किए जा सकते हैं।
इसके बाद 1990 में 31 मई को बोर्ड विघटित कर दिया गया और इसे एक अध्यक्ष और अधिकतम पांच सदस्यों वाले आयोग में परिवर्तित कर दिया गया।
इसके अलावा उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (संशोधन) अधिनियम, 1993 को अध्यक्ष और आयोग के सदस्यों की सेवा शर्तों को परिभाषित करने के लिए लाया गया। इस संशोधन द्वारा आयोग को सरकार के एक विभाग में बदल दिया गया।
आयोग पर 1997 से लेकर 2018 तक लगातार कानूनी बदलाव होते रहे। अंततः वर्तमान आयोग को "उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग अधिनियम" द्वारा फिर से स्थापित किया गया। 6 अप्रैल, 2017 को वर्तमान आयोग का पुनर्गठन किया गया।