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Prayagraj: कंडोम बांटने वाली बलिया की अन्नपूर्णा, जनसंख्या नियंत्रण पर पेश की मिशाल
Prayagraj News: प्रयागराज की रहने वाली अन्नपूर्णा मिश्रा सरकार की योजना को धरातल पर लाने के लिए मलिन बस्तियों में जाकर के जनसंख्या नियंत्रण की चर्चा कर रही है और वहा के लोगों को कंडोम बांट रही है।
Prayagraj: देश में लगातार जनसंख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है। सरकार जनसंख्या नियंत्रण (control of population) के लिए कई योजनाओं को धरातल पर लाई है, लेकिन उसके बाद भी हर साल जनसंख्या मे इजाफा ही देखने को मिल रहा है। प्रयागराज की मलिन बस्तियों से एक खास तस्वीर सामने आई है। प्रयागराज की रहने वाली अन्नपूर्णा मिश्रा (Annapurna Mishra) इन दिनों सरकार की योजना को धरातल पर लाने के लिए मलिन बस्तियों में जाकर के जनसंख्या नियंत्रण (control of population) की चर्चा कर रही है और वहा के लोगो को कंडोम बांट रही है।
हालांकि अक्सर आपने कंडोम के प्रचार करते हुए टीवी पर लड़कियों को देखा होगा। लेकिन रियल लाइफ में कंडोम अगर लोगों को बीच में जाकर कोई युवती उपयोगिता और नफा नुकसान के बारे में बताएं तो आप को थोड़ा आश्चर्य सा लगेगा। लेकिन प्रयागराज की ला की पढ़ाई करने वाली एक युवती बढ़ती जनसंख्या पर रोक लगाने के लिए खुद मैदान में उतारा आई है और किस तरह कंडोम के जरिए उपयोगिता और जनसंख्या पर नियंत्रण किया जा सकता है। इसके नफा और नुकसान के बारे में स्लम बस्तियों और लोगों के बीच में जाकर समझा रही हैं। जनसंख्या पर रोक लगाने की मुहिम में शामिल अन्नपूर्णा मिश्रा अपने पॉकेट मनी से कंडोम खरीदती हैं।
बलिया के ग्रामीण इलाके की रहने वाली है अन्नपूर्णा मिश्रा
अन्नपूर्णा मिश्रा (Annapurna Mishra) यूपी के बलिया के ग्रामीण इलाके की रहने वाली है। पिता पेशे से वकील है तो अन्नपूर्णा मिश्रा प्रयागराज के प्राइवेट कॉलेज से ला की पढ़ाई कर रही हैं। प्रयागराज कालिंदीपुरम इलाके में किराए के मकान में रहने वाली अन्नपूर्णा मिश्रा भारत में बढ़ती जनसंख्या को लेकर काफी चिंतित हैं। इसको लेकर उन्होंने अपनी एक प्लानिंग तैयार किया और प्लानिंग के तहत उन्होंने आम लोगों और स्लम बस्तियों में जाकर कंडोम बांटने का मन बना लिया।
शुरूआत में थोड़ी समस्या जरूर हुई: अन्नपूर्णा
हालांकि अन्नपूर्णा के इस मिशन में पैसे भी बीच में आ रहे थे। अन्नपूर्णा ने अपनी पॉकेट मनी से कुछ पैसे बचाकर कंडोम खरीदें और फिर स्लम बस्तियों में जाकर बांटना शुरू कर दिया। अन्नपूर्णा ने बताया कि शुरुआत में थोड़ी समस्या जरूर हुई लेकिन कुछ जागरूक महिलाओं ने उनका साथ दिया पहले तो लोगों ने मजाक उड़ाया लेकिन अब लोग इसकी गंभीरता को समझ रहे हैं।
मलिन बस्ती में रहने वाले नंदलाल के 9 बच्चे हैं जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने इतने बच्चे क्यों पैदा किए तो उन्होंने कहा कि कभी भी बम गिर सकता है किसी भी समय जनसंख्या एक बार में कम हो जाएगी हालांकि उनका यह तर्क हास्यपद जरूर था लेकिन बाद में उनको समझाया गया
अन्नपूर्णा सबसे पहले मलिन बस्ती में जाकर के परिवार वालों से उनके परिवार के बारे में पूछती है कि आखिर कितने बच्चे हैं उनको समझ आती है कि कम बच्चे होंगे तो वह अच्छे से बच्चों की परवरिश भी कर सकते हैं ऐसे में अन्नपूर्णा को लगता है कि पैसों की कमी से ही गरीब महिलाएं या पुरुष कंडोम नहीं खरीद पाते हैं जिसकी वजह से उन्होंने उनके लिए कंडोम बांटने का भी काम शुरू कर दिया।