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Prayagraj News: राज्यपाल ने रज्जू भैया विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में दिये पदक व उपाधियां
Prayagraj News: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल रज्जू भैया विश्वविद्यालय के पंचम दीक्षांत समारोह कार्यक्रम में सम्मिलित हुईं। इस समारोह में उन्होंने छात्र-छात्राओं को पदक और उपाधि दी।
Prayagraj News: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) विश्वविद्यालय के पंचम दीक्षांत समारोह कार्यक्रम में सम्मिलित हुईं। राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलित कर किया। दीक्षांत समारोह में कुल 142 छात्र-छात्राओं को पदक तथा 1,19,377 छात्रों को उपाधि दी गयी। राज्यपाल ने राज्य विश्वविद्यालय कैम्पस को ग्रीन कैम्पस में बदलने की कड़ी में विद्यार्थियों को महत्वपूर्ण सौगात देते हुए निःशुल्क साईकिल की सुविधा का शुभारम्भ भी किया। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए प्राथमिक विद्यालय हरिजन बस्ती सरायबहार सोरांव ब्लाक, पूर्व माध्यमिक विद्यालय सरायबहार के बच्चों को बैग व फल का वितरण किया।
प्रोफेसर राजेंद्र सिंह का शैक्षिक क्षेत्र में अप्रतिम योगदान रहा: राज्यपाल
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज्जू भय्या) विश्वविद्यालय के दीक्षान्त समारोह में उपस्थित डा. कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन पूर्व चेयरमैन इसरों सहित सभी महानुभावों का स्वागत व अभिनन्दन करती हूँ। उन्होंने प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज्जू भय्या) जिनके नाम से यह विश्वविद्यालय स्थापित है, को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि समाज सुधारक प्रोफेसर राजेंद्र सिंह का प्रयागराज की धरती से अतिशय लगाव था। उनका शैक्षिक क्षेत्र में अप्रतिम योगदान रहा है। राज्यपाल ने कहा कि इसरों के पूर्व चेयरमैन डा. कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन का विश्व स्तर पर देश को अग्रणी बनाने में महत्वपूर्ण स्थान रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि आज जिन छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल मिला है, उनको बधाई देती हूं और जिन को नहीं मिला है उनको भी बधाई देती हूं, क्योंकि परिश्रम तो सभी विद्यार्थियों ने किया है, अंतर मात्र कुछ अंकों का होता है। वहीं मेडल मिलना तथा न मिलना निर्धारित करता हैं। राज्यपाल ने कहा कि आज के इस विशेष दिवस पर यहां से जीवन में कुछ सर्वोत्तम करने का दृढ़ संकल्प करके जाइए।
''नए भारत के निर्माण में अग्रसर हो रही छात्र शक्ति के लिए महत्वपूर्ण''
आनंदीबेन पटेल ने आज उपाधि प्राप्त सभी छात्र-छात्राओं को हृदय से शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह समारोह उन विद्यार्थियों के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं है, जिन्हें आज उपाधि मिली है, यह दिन नए भारत के निर्माण में अग्रसर हो रही छात्र शक्ति के लिए भी महत्वपूर्ण है। एक समय ऐसा भी था जब हर जगह बिजली उपलब्ध नहीं थी। तमाम अव्यवस्थाओं के बीच भी पढ़ने वाले बच्चे पढ़ लिखकर आगे बढ़े है और देश का नाम रोशन किए है। उन्होंने कहा कि अगर हमारे अंदर पढ़ने की ललक होगी, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं है। राज्यपाल ने कहा कि देश जब अपना 100वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा होगा, तब देश को आप कहां पर ले जाना चाहते है, यह आप जैसे युवाओं को तय करना है। आप के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी है। आपलोगो को आगे आकर देश के लिए कुछ करने का संकल्प लेना है।
पर्यावरण को बचाने के लिए लोगों को जागरूक करना होगा: राज्यपाल
राज्यपाल ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए हमें पानी, नदियों, तालाबों, वृक्षों को बचाये रखने के लिए आगे आना होगा तथा लोगों को जागरूक करना होगा कि वे पर्यावरण की महत्वता को समझे। राज्यपाल ने पदक एवं उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं से आह्वाहन किया कि वे पर्यावरण संरक्षण के लिए एक पौधे का रोपण अवश्य करें। उन्होंने बच्चों से पोषणयुक्त अनाज(मोटे अनाज) का अधिक से अधिक अपनी दिनचर्या में इस्तेमाल लाये जाने के लिए कहा है।
नई शिक्षा नीति की विद्यार्थियों को बहुविषयकता का लाभ मिल रहा: आनंदीबेन
आनंदीबेन पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा नई शिक्षा नीति 2020 पूर्णतः लागू कर दिया गया हैं। विद्यार्थियों को बहुविषयकता का लाभ मिल रहा है। अब विद्यार्थी अपनी रूचि के विषयों का चयन कर पाठ्यक्रम पूर्ण कर रहे है। विद्यार्थियों के कौशल विकास हेतु भी पाठ्यक्रम चलाये जा रहे है। जैसे बागवानी विन्यास, मत्स्य पालन, कम्प्यूटर शिक्षा आदि। विद्यार्थियों की क्षमता को और अधिक विकसित करने हेतु वैल्यू ऐडेड कार्यक्रम भी संचालित किये जा रहे है। मुझे खुशी है कि आज कई विश्वविद्यालय नैक द्वारा ग्रेडिंग की प्रक्रिया में आगे आने का प्रयास कर रहे है। मुझे यह बताया गया है कि यह विश्वविद्यालय नया होते हुए भी नैक की तैयारी कर रहा है उम्मीद करती हूँ कि सबके सहयोग से विश्वविद्यालय अच्छा ग्रेड प्राप्त कर सकेगा।
''विश्वविद्यालय के 20 विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय स्तर पर खेलों में भी पदक प्राप्त''
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा सामाजिक सरोकार के लिए भी उल्लेखनीय कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा गांवों में कराये गये खेल प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पदक भी दिया। उन्होंने कहा कि यह भी अति प्रसन्नता का विषय है कि विश्वविद्यालय के 20 विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय स्तर पर खेलों में भी पदक प्राप्त किया है। विद्यार्थियों के लिए दीक्षांत समारोह उनकी शैक्षणिक यात्रा का महत्वपूर्ण अंग होता है। यह अवसर उनकी मेहनत एवं उपलब्धियों का प्रतीक है। यहाँ से जीवन की एक यात्रा का आरम्भ होता है जब विद्यार्थी इस अर्जित शिक्षा का उपयोग कर जनमानस की सेवा करता है। इस पथ पर आपसे कुछ अपेक्षाएं एवं आशायें जुड़ जाती हैं। मैं उम्मीद करती हूँ कि सभी विद्यार्थी इस चुनौतीपूर्ण यात्रा में इस विश्वविद्यालय से प्राप्त अनुभवों का प्रयोग कर सफल होंगे, और निरन्तर प्रगति करते हुए अपने परिवार के साथ-साथ राष्ट्र व समाज के उत्थान में भी अपना बहुमूल्य योगदान देंगे।
देश के युवा हमारी शक्ति है। आज हम परिवर्तन के दौर से गुजर रहे हैं। हमारा देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एक ऊंची छलांग लगाने के लिये तत्पर है। ऐसे में हमारे युवाओं को वैश्विक अर्थव्यवस्था की चुनौतियों हेतु तैयार करने में विश्वविद्यालयों की भूमिका महत्वपूर्ण है। हमें इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिये श्रेष्ठ शिक्षा पद्धतियों को अपनाकर छात्रों को विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करना होगा। शिक्षा-दीक्षा का उद्देश्य केवल उपाधि प्राप्त करने तक सीमित नहीं है। उसके ध्येय दूरगामी होते हैं और होने भी चाहिए।
उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आज आप एक नई यात्रा की शुरूआत की दहलीज पर हैं। आप में से कुछ लोग उच्च अध्ययन की दिशा में आगे बढेंगे तो कुछ लोग रोजगार व स्वरोजगार का दायित्व ग्रहण करेंगे। लेकिन एक बात हमेशा याद रखें कि आपके सद्कार्य ही आपके व्यक्तित्व का प्रतिबिम्ब बनते हैं। आप अपने उस परिवार, समाज, देश और प्रदेश का ऋण चुकाने के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहें, जो अपने जीवन के सबसे महत्वपूर्ण चरण में आपके साथ खड़े रहें। मुझे विश्वास है कि आप अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने से कभी पीछे नहीं हटेंगे।
उत्तर प्रदेश के चार शहरों में आयोजित की जा रही जी-20 देशों की बैठकें: राज्यपाल
राज्यपाल ने कहा कि जी-20 देशों की बैठकें उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के चार शहरों आगरा, वाराणसी, लखनऊ व नोएडा में आयोजित की जा रही हैं। मैं, कुलाधिपति होने के नाते मैं आप सबको कहना चाहती हूँ कि आप सभी इस महाइवेंट में बढ़ चढ़कर हिस्सा लें तथा कुछ ऐसे मेधावी छात्रों का चयन करें जो जी-20 बैठक में हिस्सा लेने वाले प्रतिनिधियों को संवाद स्थापित करने के लिए विदेशी भाषाओं का ज्ञान रखने के साथ-साथ पर्यावरण को बेहतर बनाये जाने के संबंध में सरकार द्वारा उठाये गये प्रभावी कदम के बारे में उन्हें विस्तृत जानकारी दे सकें। इसके साथ ही आप अपने विश्वविद्यालय में किये गये नवाचारों, स्टार्ट अप, सूचना प्रौद्योगिकी, पेटेण्ट तथा अन्य गतिविधियों का प्रदर्शन प्रदर्शनी एवं डिजीटल माध्यम से अवश्य करें। आज उत्तर प्रदेश पर्यटन के क्षेत्र में देश हब बन रहा है। प्रदेश में पर्यटन को और अधिक बढ़ावा देने के लिए भी जी-20 की बैठक सहायक होगी।
राज्यपाल ने कहा कि मैं आशान्वित हूँ कि छात्र छात्राएं अपनी इस रचनात्मकता एवं नवाचार से विश्वविद्यालय की ख्याति आगे बढ़ाएंगे, साथ ही साथ समाज में एक नया आदर्श स्थापित करते हुए देश में ज्ञान की गंगा प्रवाहित करेंगे। इसी के साथ मैं पुनः एक बार फिर आप सबको बधाई देती हूँ और भविष्य के यशस्वी, तेजस्वी, ऊर्जस्वी और सफल जीवन के लिये अपनी शुभकामनाएं देती हूँ।
विद्यार्थी जीवन का यह क्षण बहुत ही महत्वपूर्ण होता: रजनी तिवारी
इस अवसर पर राज्य शिक्षा मंत्री रजनी तिवारी ने कहा कि दीक्षांत समारोह के अवसर पर मैं समस्त पदक एवं उपाधि प्राप्त कर्ताओं को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना करती हूं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी जीवन का यह क्षण बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। कहा कि इस अवसर पर मैं विद्यार्थिंयों को यह संदेश देना चाहती हूं कि आपलोग अपने जीवन में जो भी लक्ष्य निर्धारित करें, उसे प्राप्त करने के लिए सच्ची लगन और परिश्रम के साथ-साथ नैतिकता, ईमानदारी, दया और सबसे महत्वपूर्ण परोपकार जैसे गुणों का विकास करना होगा, तभी यह संभव है और सच मानिए ये ऐसे गुण है जो मनुष्य को बुलंदियों के अंतिम छोर तक पहुंचा सकते है।
उन्होंने कहा कि मुझे यह पूर्ण विश्वास है कि प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भय्या) विश्वविद्यालय गुणवत्तायुक्त शिक्षा एवं संस्कृति के नए मानक एवं प्रतिमान गढ़ेगा। एक सशक्त, समर्थ एवं आत्मनिर्भर भारत बनाने में अपना अप्रतिम योगदान देगा। विश्वगुरू के उस महान गौरवशाली परंपरा के संवाहक बनने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करेगा। इस अवसर पर इसरों के पूर्व चेयरमैन डा. कृष्णास्वामी कस्तूरीरंगन ने भी अपने विचार व्यक्त किए।