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कुंभ मेला: योगी संत न होते तो सफाई को लेकर होता हल्ला,नहीं हो रही कोई सुनवाई

कुंभ मेला सज रहा है संतो के शिविरों में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच धर्म का उपदेश हो रहा है। सारी सुविधाएं लगभग तैयार हैं किंतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान को पलीता लग रहा है। स्वच्छता को लेकर कुंभ क्षेत्र में चारों ओर हाहाकार मचा हुआ है।

Anoop Ojha
Published on: 21 Jan 2019 10:19 AM GMT
कुंभ मेला: योगी संत न होते तो सफाई को लेकर होता हल्ला,नहीं हो रही कोई सुनवाई
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आशीष पाण्डेय

कुंभ नगर: कुंभ मेला सज रहा है संतो के शिविरों में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच धर्म का उपदेश हो रहा है। सारी सुविधाएं लगभग तैयार हैं किंतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान को पलीता लग रहा है। स्वच्छता को लेकर कुंभ क्षेत्र में चारों ओर हाहाकार मचा हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सर्वाधिक जोर मेले में स्वच्छता पर है लेकिन स्थानीय प्रशासन हकीकत पर पर्दा डालते हुए केवल आंकड़ों में खेल कर अपने नंबर बढ़ाने को बेताब दिख रहा है।

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शौचालय इतने छोटे हैं कि मोटे लोग बैठ भी नहीं सकते

सच देखना है तो अखाड़ों में दिखेगा। महामंडलेश्वर मां आनंदमयी के शिविर में अचानक मिले महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद ने स्वयं जो दिखाया। वह प्रशासन के स्वच्छता के दावों को पोल खोल रहा है। शौचालय इतने छोटे हैं कि उनमें मोटे शरीर वाले बैठ नहीं सकते। अंदर से कुंडी बंद करने का कोई इंतजाम नहीं। जहां रखे गए हैं उनके आस पास की जमीन धंस चुकी है। गंदगी बह रही है, शौचालय चोक हो चुके हैं। जिसकी गंदगी व दुर्गन्ध से लोगों का जीना मुहाल है।

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शौचालय तो हैं लेकिन सफाई व्यवस्था चौपट

एक लाख 22 हजार शौचालय लगाने और उन्हें साफ रखने को एप से सूचना देने का सिस्टम जाने कहां गुम हो गया। इसका जवाब किसी के पास नहीं और कोई देने को भी तैयार नहीं। सरकार ने तो स्वच्छता के नाम पर 300 करोड़ रुपए से अधिक खर्च कर दिए, फिर सिस्टम में इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई। इतनी धनराशि की बर्बादी हो रही है। पानी के लिए बाहर लगे नलों के प्लेटफॉर्म का सीमेंट बह गया है। बर्तन धोने या कुछ सामान रखने को बनाए गए पक्के प्लेटफार्म बनते ही उखड़ गए।

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आवाहन अखाड़े के स्वामी सत्य गिरी और स्वामी उपेंद्र गिरी शौचालयों की कमी पर अपना मर्म बयान करते हैं और उन में फैली गंदगी को लेकर खासे नाराज हैं। कहते हैं अगर योगी जी मुख्यमंत्री नहीं होते तो हम बताते लेकिन एक संत के मुख्यमंत्री होने पर ही हम चुप रहकर सारी समस्या झेल रहे हैं। ऐसे हालात केवल अखाड़ों में नहीं हजारों संतो, खालसाओं एवं कल्पवासियों के शिविरों में भी हैं।

लघुशंका के लिए रखे गए कम्बोर्ड से भी गंदगी बाहर बह रही है

अचंभे की बात तो यह है कि कुंभ मेले में योगी भी आए लेकिन उनकी पारखी नजरें भी इन कमियों को नहीं पकड़ सकी और शायद संतों से भी उन्होंने समस्याआओ को लेकिन कोई चर्चा नहीं की। त्रिवेणी क्षेत्र समेत पूरे मेला क्षेत्र में लघु शंका के लिए आधुनिक कम्बोर्ड लगाए गए हैं लेकिन उनमें से गंदगी बाहर बह रही है। इसको लेकर जब कुंभ मेले के अपर निदेशक स्वास्थ्य डा. डी.के. पालीवाल दबी जुबान से स्वीकारते हैं कि कुछ समस्याएं हैं लेकिन समस्या बड़ी है इसलिए इससे पल्ला झाड़ने की कोशिश करते हैं। संत गुहार लगाते हैं कि मुख्यमंत्री जी अब आप ही संभालिए क्योंकि दिव्य कुंभ भव्य कुंभ को अधिकारी ही पलीता लगा रहे हैं।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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