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Magh Mela 2023: माघ मेले के पहले स्नान को लेकर तैयारी लगभग पूरी, 6 जनवरी को है पौष पूर्णिमा स्नान पर्व

Magh Mela 2023: 6 जनवरी को पौष पूर्णिमा स्नान पर्व के साथ ही माघ मेले की औपचारिक तौर पर शुरुआत भी हो जाएगी।

Syed Raza
Written By Syed Raza
Published on: 5 Jan 2023 12:29 PM IST
Prayagraj magh mela 2023
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Prayagraj magh mela 2023 (photo:social media )

Magh Mela 2023: त्रिवेणी संगम की रेती पर लगने वाला माघ मेला इस बार खास होने वाला है। योगी सरकार ने माघ मेले को दिव्य और भव्य बनाने के लिए अधिकारियों ने दिन रात एक कर दिया है। मेले की तैयारियां भी लगभग पूरी हो चुकी है, तंबुओं की नगरी में साधु संतों का आगमन भी हो चुका है। 6 जनवरी को पौष पूर्णिमा स्नान पर्व के साथ ही माघ मेले की औपचारिक तौर पर शुरुआत भी हो जाएगी। 43 दिनों तक चलने वाले माघ मेले में साधु संतों और कल्पवासियो के साथ ही श्रद्धालुओं के लिए इस बार ख़ास इंतजाम किए गए हैं।

छः सेक्टर में बांटा गया

मेला क्षेत्र को छः सेक्टर में बांटा गया है। गंगा की बीच धारा में श्रद्धालुओं के आवागमन को सुविधाजनक बनाने के लिए पांच पांटून पुल बनाए गए हैं। कल्पवासियों के ठहरने के लिए जहां टेंट में जरूरी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं, तो वहीं अरैल क्षेत्र में इस बार हाईटेक टेंट सिटी भी बसाई जा रही है। टेंट सिटी में लग्जरी होटल जैसी सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। इन सबके के बीच इस बार के माघ मेले में धर्म और अध्यात्म की कुछ ख़ास तस्वीरें मेले को और भी आकर्षक बनाएंगी। मेला क्षेत्र के सभी सेक्टर में एलईडी स्क्रीन के जरिए माघ मेले के पौराणिक महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा। एलईडी स्क्रीन के जरिए माघ मेले के साथ ही कल्पवास के महत्व की महिमा का बखान भी साधु संत करते हुए नज़र आएंगे।

तंबुओं के शहर को करीब 700 हेक्टेयर में बसाया गया है। नागवासुकी मंदिर से लेकर नैनी के अरेल क्षेत्र तक मेले का विस्तार किया गया है। मेले में चकर्ड प्लेट के जरिए डेढ़ सौ किलोमीटर की सड़क बनाई गई है। डेढ़ लाख एलईडी बल्ब से पूरा मेला रात में दूधिया रोशनी से जगमगा रहा है। शास्त्री ब्रिज पर लगाई गई फसाड लाइट रात में लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। खास बात यह है कि मेले को ओडीएफ फ्री बनाने के लिए भी जरूरी तैयारियां की गईं हैं। मेला क्षेत्र में स्वच्छता का ख़ास इंतजाम किया गया है। बड़ी संख्या में स्वच्छता कर्मियों की तैनाती की गई है। कोविड के संभावित खतरे को देखते हुए मेला क्षेत्र में चिकित्सकीय व्यवस्था भी की गई है। मेला क्षेत्र में अस्थाई तौर पर हॉस्पिटल का निर्माण किया गया है। अस्थाई हॉस्पिटल में डॉक्टर्स और प्रशिक्षित नर्स के स्टॉफ को तैनात किया गया है। साथ ही जरूरी दवाओं का भी इंतजाम किया गया है।

सुरक्षा को लेकर चाक चौबंद इंतजाम

माघ मेले में सुरक्षा को लेकर भी बेहद चाक चौबंद इंतजाम किए गए हैं। पूरे मेला क्षेत्र में 13 पुलिस थानों के साथ ही 36 पुलिस चौकियों का निर्माण किया गया है। इन पुलिस थानों और चौकियों में पुलिसकर्मियों की तैनाती भी कर दी गई है। मेले में करीब छः हजार पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। सिविल पुलिस के अलावा मेले में सीआरपीएफ, आरएएफ और एटीएस के कमांडो की तैनाती भी की जाएगी। इसके साथ साथ आईबी और एलआईयू की टीमें भी मेला क्षेत्र में भ्रमण पर रहेंगी। मेले की निगरानी सीसीसीटीवी कैमरे के साथ साथ ड्रोन कैमरे से भी की जाएगी। घाटों पर जल पुलिस के साथ ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी तैनात रहेंगी। सादे वर्दी में महिला पुलिसकर्मियों को भी स्नान घाट पर तैनात किया जाएगा। मेले में तैनात किए गए सभी पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित भी किया जा चुका है। श्रद्धालुओं से बातचीत में विनम्रता का पाठ पढ़ाया गया है। मेले में आने वाले श्रद्धालुओं से पुलिस को मित्र की भूमिका रहने के लिए बकायदा प्रशिक्षित किया गया है।

तीर्थराज प्रयागराज देश के सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में से एक है। यहां पर हर साल जनवरी मास में माघ मेला लगता है। यह विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक मेला होता है। माघ मेले की शुरुआत के पीछे कई कथाएं कही जाती हैं, हिंदू पुराणों के अनुसार, भगवान ब्रह्मा ने प्रयागराज को तीर्थ राज अथवा तीर्थस्थलों का राजा कहा था। इन्होंने गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम तट पर प्राकृष्ठ यज्ञ संपन्न किया था। एक पौराणिक कथा के अनुसार, देवताओं और असुरों के बीच समुद्र मंथन में अमृत कलश के लिए युद्ध हुआ था। अमृत के कलश को बचाने के लिए इंद्रदेव चारों तरफ भागे थे, जिससे अमृत की कुछ बूंदें हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में गिर गई थीं। फिर अमृत कलश को विष्णु जी को दिया गया। तब से लेकर आजतक इन चारों जगहों पर स्नान करने का महत्व बहुत अधिक और विशेष है। इसी के चलते हर साल त्रिवेणी संगम पर माघ मेले का आयोजन होता है और देश दुनियां से लोग आस्था की पुण्य डुबकी लगाने के लिए आते हैं।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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