Magh Mela 2023: माघ मेला में धर्म सेंसर बोर्ड का गठन, जानें क्या होगी इसकी ताकत

Prayagraj Magh Mela 2023: इस सेंसर बोर्ड की सेवाएं नई फिल्म, चलचित्र, धारावाहिक तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि स्कूल कॉलेज और विश्वविद्यालय में होने वाले नाट्य मंचन पर भी नजर रखेगा।

Syed Raza
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Published on: 19 Jan 2023 2:50 PM GMT
Magh Mela 2023: माघ मेला में धर्म सेंसर बोर्ड का गठन, जानें क्या होगी इसकी ताकत
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Prayagraj Magh Mela 2023: संगम की रेती प्रयागराज में चल रहे माघ मेला में आज जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज द्वारा पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया। पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने घोषणा की कि धर्म अभिवेचन सेवालय अर्थात "धर्म सेंसर बोर्ड" का गठन किया जा रहा है और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 की धारा 1 तथा अनुच्छेद 26 की धारा ब के तहत धर्म सेंसर बोर्ड की स्थापना की जा रही है, जिसमें भारतीय बॉलीवुड सिनेमा जगत समेत सभी भाषाओं में बन रहे सिनेमा में धर्म एवं धर्म से संबंधित विषय वस्तुओं में किसी प्रकार की कोई भी ऐसा नाट्य मंचन, संवाद के अलावा स्कूलों में चल रहे पाठ्यक्रम में धर्म के प्रति अनादर भाव रखने वाले पाठ्यक्रम को हटाने के लिए विवेचना कर सकती है, एवं उन्हें हटवाने के लिए झोंको, टोको और रोको की कार्रवाई की व्यवस्था करने के अधिकार रखती है।

स्वामी अविमुक्तानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि आज के समय में वेब सीरीज, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, ओटीटी मंच, एवं स्कूलों में मंचन होने वाले नाटक दृश्य और सिनेमा जगत में कई बार धर्म और संस्कृति के विरुद्ध विषय वस्तु परोसी जाती है एवं इसको लेकर एक बड़ी राजनीति शुरू हो जाती है, जो बाद में हिंसात्मक कार्रवाई तक तब्दील हो जाती है, जिससे समाज में काफी बुरा असर पड़ता है, पर ध्यानाकर्षण करते हुए धर्म संसद बोर्ड के तहत इन पर अंकुश लगाया जाएगा तथा इसके साथ ही स्कूलों में पढ़ाई जाए रहे पाठ्य पुस्तकों में सनातन धर्म के विरुद्ध विषय वस्तु वाले पाठ्यक्रम को भी हटाने की व्यवस्था की जाएगी। फिल्म सेंसर बोर्ड में 9 प्रकार के सदस्य होंगे जिनमें मीडिया अनुभवी, वरिष्ठ अधिवक्ता, सनातन धर्म के प्रवक्ता, अभिनेत्री सहित समाज के विषय वस्तु के विशेषज्ञ , संस्कृत सांस्कृतिक मर्मज्ञ, सनातन धर्म विशेषज्ञ एवं इतिहासकार शामिल होंगे।

अश्लील एवं धर्म विरोधी बातों को रोका जायेगा

इस सेंसर बोर्ड की सेवाएं नई फिल्म, चलचित्र, धारावाहिक तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि स्कूल कॉलेज और विश्वविद्यालय में होने वाले नाट्य मंचन पर भी विशेष निगाह रखेगा। इसके अलावा इसका कार्य क्षेत्र में पहले झुकना अर्थात उनके द्वारा प्रस्तुत पाठ्यवस्तु या नाते वस्तु को धर्म के आधारित बदलना, उसके बाद उन्हें रोकने का कार्य किया जाएगा ताकि वह समय रहते बात मान ले अन्यथा रोकने का कार्य किया जाएगा जिसमें उनके खिलाफ हर संभव कानूनी कार्रवाई की जाएगी, ताकि वे कानून से बहराइच होकर अपने कार्यों को रोके और इस प्रकार की किसी अश्लील एवं धर्म विरोधी वस्तु को प्रस्तुत ना करें।

उन्होंने यह भी कहा कि धार्मिक जिसमें वैदिक सामाजिक और ग्रामीण किसी भी देवी देवता, महापुरुष, ऋषि, आचार्य का अनादर हो रहा हो उपहास किया जा रहा हो या अवेलहना किया जा रहा हो या शास्त्र परंपरा के विरुद्ध चरित्र चित्रण या वर्णन किया जा रहा है यह एक दंडनीय कार्य है और इसके खिलाफ यह बोर्ड कार्य करेगा सांप्रदायिक विशेषज्ञ इस बोर्ड के अंतर्गत समाज पर बुरी असर देने वाले कार्यप्रणाली पर रोक लगाने का कार्य करेगी एवं यह बोर्ड पूरी तरीके से इस बात का खंडन करती है कि सनातन धर्म के विरुद्ध प्रस्तुत किए जा रहे हैं दृश्य संवाद या अन्य कोई भी विषय वस्तु जिससे समाज की अवमानना हो रही हो का प्रयोग ना करें इसके अलावा अथवा चलचित्र में महिलाओं के साथ लैंगिक हिंसा जैसे दृश्यों का भी घोर विरोध करेगी एवं किसी धार्मिक श्लोक श्लोक छायावादी का गलत तरीके से इस्तेमाल करने पर रोक लगाएगी।

Shashi kant gautam

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