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Prayagraj में Neki ki gullak कर रही गरीबों का भला, बिना किसी ब्याज या कर्ज दिये की जा रही है मदद
Prayagraj Neki ki gullak उन्होंने बैंक ऑफिस के अपने काउंटर के सामने "नेकी का गुल्लक" नाम का बॉक्स रखा है। नेकी का यह गुल्लक गरीब ,असहाय और बेबस लोगो की मदद के लिए खोला गया है ।
कहते है किसी का भला हो तो नेकी कर देना चाहिए,
ईश्वर धन दे तो गरीबों की झोली भर देना चाहिए, और इसी कहावत को धरातल पर उतारने का पुण्य कार्य इंडियन बैंक के कर्मचारी मदन जी उपाध्याय बीते 5 सालों से कर रहे है । बैंक की जम्मेदारियों के साथ साथ मदन जी उपाध्याय अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों का भी निर्वाहन कर रहें हैं। उन्होंने बैंक ऑफिस के अपने काउंटर के सामने "नेकी का गुल्लक" नाम का बॉक्स रखा है। नेकी का यह गुल्लक गरीब ,असहाय और बेबस लोगो की समस्या को दूर करने के लिए खोला गया है ।बीमारी की हालत ही नहीं बल्कि शादी विवाह और घर की जरूरतों को पूरा करने के साथ ही कानूनी लड़ाई में भी गरीबों असहायों की मदद करता है। खास बात यह है कि इस गुल्लक के जरिए जिसकी भी मदद होती है, उससे कोई भी ब्याज या फिर मदद के लिए दिए गए रुपये वापस नहीं लिए जाते हैं। कोरोना काल के दौरान भी इस नेकी के गुल्लक ने कई गरीब परिवारों की मदद की है । रोड के किनारे ज़िंदगी बिताने वाले लोगों को इसी गुल्लक की मदद से खाना दिया गया है। यहां तक कि मास्क और सैनिटाइजर भी लोगो बांटे गए हैं।
मदन जी उपाध्याय द्वारा शुरू की गई इस पहल से अब आम जनता भी प्रेरित हो रही है ।बैंक आ रहे स्थानीय लोगों का कहना है कि यह बेहतर पहल है। बैंक कर्मचारियों के साथ-साथ अन्य लोग भी इस नेकी के गुल्लक में अपनी इच्छा के अनुसार दान करते रहते हैं।
मदन जी उपाध्याय ने बताया कि बैंक में तमाम गरीब और असहाय लोग बेहद मामूली बैंक लोन के लिए आते हैं।लेकिन उनके पास लोन के लिए जरूरी दस्तावेज नहीं होता है जिसके चलते जरूरतमंदों की मदद वह नही कर पाते थे। घर जाने पर अक्सर उन्हें पछतावा भी होता था। इसके साथ ही अब से ठीक 5 साल पहले बैंक के ही एक कर्मचारी की तबीयत इतनी बिगड़ गई की इलाज के लिए पैसों की कमी होने लगी ।तभी उनके दिमाग में ख्याल आया कि क्यों न जरूरतमंदों की मदद के लिए अपनी जरूरत में से कुछ चीजों की कटौती करके किया जाए, जिससे गरीबों और असहायों की मदद हो सके और तब से लेकर के अब तक लगातार लोगों की मदद नेकी का गुल्लक के माध्यम से की जा रही है। मदन जी उपाध्याय ने बताया कि कोरोना काल के अलावा अब तक 80 से अधिक गरीब असहाय लोगो की मदद की जा चुकी है। उन्होंने यह भी बताया कि मदद उन्हीं को ही कि जाती है जो लोग इस के योग्य होते हैं। एक टीम के द्वारा व्यक्ति की पूरी जानकारी इकठ्ठा की जाती है और जब यह प्रमाणित हो जाता है कि वह असल में नेकी गुल्लक का हकदार है तो उस व्यक्ति की मदद की जाती है।