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Prayagraj News: 85 साल की बुजुर्ग ने वेस्ट मटेरियल से बनायी गणेश प्रतिमा
Prayagraj News: प्रयागराज की रहने वाली सीता श्रीवास्तव ने अब तक 63 सौ से अधिक गणेश जी के अलग-अलग पोस्टर बनाए हैं।
Prayagraj News: कहते हैं जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है वैसे-वैसे याददाश्त कमजोर हो जाती है। लेकिन प्रयागराज की 85 साल की एक बुजुर्ग महिला का जोश और जज्बा बेहद कमाल कर देने वाला है। दरअसल 85 वर्षीय बुजुर्ग महिला सीता श्रीवास्तव के लिए गणपति बेहद अनमोल है क्योंकि एक उम्र का पड़ाव पार कर चुकी सीता श्रीवास्तव अपने पति को खोने के बाद अपने को अकेले नही होने दिया और घर के पड़े बेकार सामान से वह गणेश भगवान का पोस्टर बनाने मे लगी हैं।
भले ही पूरे देश में इस वक्त गणेश चतुर्थी की धूम हो और हर जगह मूर्तियां स्थापित कर पूजा पाठ का दौर चल रहा है । लेकिन प्रयागराज की रहने वाली सीता श्रीवास्तव ने अब तक 63 सौ से अधिक गणेश जी के अलग-अलग पोस्टर बनाए हैं। खास बात यह है कि बीते 15 सालों से सीता श्रीवास्तव वेस्ट मटेरियल से गणेश जी को बना रही हैं वह वेस्ट मटेरियल जिनको अमूमन लोग फेक देते हैं। जैसे ड्राई फ्रूट पिस्ता के छिलके ,सीडी, कागज के गत्ते, आइसक्रीम स्टिक ,खिलौने के टुकड़े ,कांच ,मोती आदि।
सीता श्रीवास्तव कहती है कि अब तक उन्होंने 62 सौ से अधिक पोस्टर को लोगों के बीच बांट दिया है वह भी निशुल्क ।उनका मानना है कि भगवान गणेश की प्रतिमा को गिफ्ट देना सबसे बड़ा पुण्य का काम है । ठीक 15 साल पहले पति की मौत होने के बाद सीता श्रीवास्तव अकेले रहने लगी तो उनका रुझान कला की ओर पड़ा।अब आए दिन सीता श्रीवास्तव जी घर में लोग उनकी कला को देखने के लिए आते हैं और उनकी जमकर की सराहना करते हैं।
अपनी जिंदगी को अपने तरीके जी रहीं
परिवार में इनके एक बेटा है और बेटे के दो बच्चों के अलावा तीन बेटियां हैं। जिनकी शादी हो चुकी है। वह भी अपनी मां सीता से खुश है कि उन्होंने अपनी जिंदगी को अपने तरीके से जीना शुरु कर चुकी है। सीता के गणपति देखने में खूबसूरत भी हैं। उम्र का एक पड़ाव पार कर चुकी सीता श्रीवास्तव अभी भी उनकी बातें काफी समझदारी वाली होती हैं। मौजूदा समय में सीता अपने परिवार से काफी खुश हैं।सीता श्रीवास्तव कहना है कि कि वह अपने द्वारा बनाई गई गणेश जी की प्रतिमा को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी भेट करना चाहती हैं।साथ ही साथ वह मुख्यमंत्री से अपील कर रही हैं कि वो इस कला को आगे बढ़ाएं । जिस तरीके से हर कला को सरकार आगे ले जा रही है वैसे इस कला को भी आगे लेकर के जाए क्योंकि इससे एक तो लोग हुनरमंद होंगे साथ ही साथ रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा ।
सीता श्रीवास्तव की कला के बारे मे जो भी सुनता है वह हैरत में पड़ जाता है क्योंकि कोई यह अनुमान भी नहीं लगा सकता कि घर में इस्तेमाल हुए ड्राई फ्रूट्स के छिलके, बेकार पड़ी दफ़्ती से भगवान गणेश जी का चित्र भी बन सकता हैं। स्थानीय निवासी विशाल सिंह का कहना है कि पूरे क्षेत्र में सीता श्रीवास्तव जी दादी मां के नाम से मशहूर है उनके द्वारा की गई कला लोगों को अपनी और आकर्षित करता है।