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Prayagraj News: अध्यात्म की दीवाली, योग आश्रम में विदेशियों की दिखी अनोखी तस्वीर
Prayagraj News: विदेशी टोली प्रयागराज के संगम तट स्थित क्रिया योगा आश्रम में आकर अध्यात्म की दिवाली के महत्व को समझ रही है।
Prayagraj News: पूरे देश में दिवाली का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया गया 2 साल के कोरोना महामारी काल के बाद हर जगह दिवाली की धूम नजर आयी। शायद ही कोई भी ऐसा क्षेत्र हो जहां पर पटाखे की गूंज ना सुनाई दी हो । हालांकि इस बार सरकार ने ग्रीन पटाखे की अनुमति दी है ऐसे में पूरे देश में दिवाली की धूम देखी जा रही है । संगम शहर प्रयागराज में दिवाली का अनोखा रंग देखने को मिल रहा है। विदेश से आए विदेशी सैलानियों की टोली दिवाली के पर्व को खास तरीके से मना रहे है ।
विदेशी टोली प्रयागराज के संगम तट स्थित क्रिया योगा आश्रम में आकर अध्यात्म की दिवाली के महत्व को समझ रही है। भारी संख्या में आए विदेशी सैलानियों ने रंगोली बनाई, दीए जलाएं। इस दौरान किसी ने भी पटाखे नहीं जलाए क्योंकि सभी का मानना है कि पटाखे जलाने से वातावरण प्रदूषित होता है और तमाम तरीके की बीमारियों का भी आगमन शुरू होता है । क्रिया योगा आश्रम के संस्थापक योगी सत्यम का कहना है कि हर साल की तरह इस साल भी हमारे आश्रम में अध्यात्म की दीवाली का आयोजन किया गया। महंत योगी सत्यम महाराज ने बताया कि देश के कई राज्यो के साथ साथ अफ्रीका, अमेरिका, कनाडा, ब्राज़ील, ऑस्ट्रेलिया से विदेशी सैलानी आये हुए है।
योगी सत्यम महाराज के मुताबिक हर इंसान के अंदर सिर से लेकर पीठ तक 7 बिंदु होते हैं। ऐसे में लोगो को अपने अंदर के अध्यात्म और रोशनी को जगाना चाहिए । इस दिवाली भी सभी आए हुए लोगों को अध्यात्म की दीवाली के महत्व को बताया गया है। सत्यम महाराज के मुताबिक अगर देश के 50 फीसदी लोग अध्यात्म और सादगी के साथ दिवाली का पर्व मनाए तो इसके कई फायदे होंगे। स्वच्छ वातावरण तो मिलेगा ही साथ-साथ इंसान की व्यक्तिगत परेशानियां भी दूर हो सकेगी। उन्होंने कहा कि अध्यात्म की दीवाली में सबसे पहले ईश्वर की तस्वीर के आगे दीप जलाये जाते है उसके बाद आंख बंद करके मन शांत रखकर ईश्वर का स्मरण किया जाता है उसके बाद क्रिया योग का अभ्यास किया जाता है। विदेश से आए सभी सैलानियों और अन्य लोगों ने दीप जलाएं उसके बाद अध्यात्म की दिवाली के महत्व को समझा । ब्राजील से आए सैलानी भवानंद का कहना है कि अमेरिका में क्रिसमस और भारत के दिवाली पर्व में एक जैसा माहौल रहता है ऐसे में दिवाली के पर्व में अध्यात्म से जुड़ना यह असल दिवाली है ।कनाडा से आई अलीजा का भी यही मानना है कि वह यहां आकर क्रियायोग करती हैं और असल दिवाली के महत्व को भी समझ रही है।