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Prayagraj News: प्रयागराज में गंगा के जलस्तर ने तोड़ा 20 सालों का रिकॉर्ड, नदी में डुबकी लगा रहे श्रद्धालु
Prayagraj News: प्रयागराज के संगम तट पर हर महीने श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ता है।
Prayagraj news: प्रयागराज में एक बार फिर जीवनदायिनी और मोक्षदायिनी गंगा नदी के अस्तित्व को बचाए रखना अब एक कड़ी चुनौती नजर आ रही है। संगम शहर प्रयागराज में माँ गंगा दिन पर दिन सूखती नज़र आ रही है, जिससे दूर दराज से आए श्रद्धालु नाराज हैं और साधु संत चिंतित। फाफामऊ क्षेत्र हो या फिर संगम क्षेत्र पानी इतना कम हो गया है कि जगह जगह रेत के टीले नजर आ रहे हैं ।
संगम क्षेत्र की बात करें तो संगम में पानी इतना कम हो गया है कि श्रद्धालु बैठकर डुबकी और लेट करके स्नान करते हुए नजर आ रहे हैं। जलस्तर जब अधिक था तो प्रशासन ने वाटर बैरीगेटिंग लगाई थी लेकिन अब जलस्तर इतना कम हो गया है कि बैरीगेटिंग को भी हटा दिया गया है। लोग पानी में पैदल चल कर के आधी नदी के करीब तक पहुंच जाते हैं। जहां का जलस्तर घुटने के नीचे रहता है ।आप तस्वीरों में भी साफ़ देख सकते हैं की किस तरीके से श्रद्धालु संगम में स्नान कर रहे हैं।
प्रयागराज के कई क्षेत्रों से गुजरने वाली गंगा की धारा कई स्थानों पर सिमट गई है ।कई क्षेत्रों में गूगल मैप पर भी गंगा सूखी नजर आ रही है ।सिंचाई विभाग के अधिकारियों के मुताबिक 20 वर्षों के बाद मई में गंगा का जलस्तर ढाई हजार क्यूसेक रहा। संगम पर यमुना के मिलने से यह बढ़कर लगभग 55 सौ क्यूसेक रहा। अगर पिछले साल की बात करें तो फाफामऊ के आसपास गंगा का जलस्तर 9000 क्यूसेक था।
ऐसे में देश के कोने कोने से पहुंच रहे श्रद्धालुओं ने सरकार से अपील की है कि गंगा के अस्तित्व को बचाया जाए और नरोरा डैम से पानी जल्द से जल्द छोड़ा जाए । प्रतापगढ़ से आये श्रद्धालु अजय मिश्रा का कहना है कि संगम स्नान बैठकर करने का कोई महत्व नहीं है अगर लोग बैठ कर के स्नान कर रहे हैं तो पुण्य लाभ नहीं मिल सकता है क्योंकि डुबकी खड़े होकर के ही लगानी होती है।
दूसरी तरफ साधु संतो का कहना है कि गंगा के जलस्तर में लगातार कमी होना एक बड़ी समस्या है और एक चिंता का विषय भी है। शंकराचार्य स्वामी विश्वेश्वरानंद महाराज ने कहा की सरकार को इस मसले में गंभीर होना पड़ेगा क्योंकि प्रयागराज के संगम तट पर हर महीने श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ता है। ऐसे में सरकार जल्द से जल्द डैम से पानी छोड़े जिससे गंगा की स्थिति बहाल हो।