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गांव से होकर गुजरता है विकास का महामार्ग: प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी

गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि जब तक गांव और किसान का समग्र विकास नहीं होगा तब तक भारत में विकास अधूरा रहेगा।

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Published on: 28 Jun 2021 1:09 PM GMT
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गांव की फाइल तस्वीर (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

Prayagraj News,: जनपद के जसरा विकासखंड के दूरस्थ गांव खटंगिया में कृषि आर्थिक शोध केंद्र की तरफ से आयोजित किसान जागरूकता, मास्क, सैनिटाइजर वितरण और पौधारोपण कार्यक्रम में केंद्र के निदेशक प्रोफेसर गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने इस बात को रेखांकित किया कि जब तक गांव और किसान का समग्र विकास नहीं होगा तब तक भारत में विकास अधूरा रहेगा। क्योंकि आज भी भारत की 68 प्रतिशत आबादी गांवों में निवास करती है। प्रोफेसर त्रिपाठी ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय स्थित कृषि आर्थिक शोध केंद्र की 58 वर्षों की उपलब्धियों का जिक्र किया और एईआरसी द्वारा आयोजित किसान गोष्ठी और कृषि संवाद कार्यक्रम में अपना उद्बोधन दिया।

उन्होंने इस बात की ओर इंगित किया कि पूरे भारत में कृषि अर्थव्यवस्था से संबंधित आंकड़े, पूरे देश में फैले 12 कृषि शोध केंद्र और तीन कृषि आर्थिक शोध इकाइयां एकत्र करते हैं जिसके आधार पर राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर कृषि कल्याण और किसानों के जीवन स्तर को उन्नत बनाने के लिए नीतियां और कार्यक्रम बनाए जाते हैं। उन्होंने प्रसार भारती आकाशवाणी इलाहाबाद का भी धन्यवाद किया जो लगभग 8 दशकों से कृषि कल्याण के लिए प्रतिदिन कार्यक्रमों का प्रसारण करता है। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद के एईआरसी पर पूरे भारत में अपनी तरह का पहला वृत्तचित्र यानी डॉक्यूमेंट्री प्रोग्राम बना रहा है। एईआरसी इलाहाबाद विश्वविद्यालय में 1963 में स्थापित किया गया जिसका समस्त खर्च कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय वाहन करता है।

इलाहाबाद स्थित इस केंद्र ने कृषक हितैषी की भूमिका का निर्वहन करते हुए अपनी स्थापना से अब तक लगभग 200 से ज्यादा शोध और रिपोर्टे केंद्र सरकार को भेजी हैं। स्टाफ की कमी और धन की अनुपलब्धता को इस केंद्र ने कभी आड़े नहीं आने दिया और कोविड-19 में भी जब सब कुछ ठप था तो भी किसानों के साथ यह केंद्र भी अपने शोध और सर्वे कार्यों पर लगातार कार्य करता रहा है। जिला कृषि विस्तार अधिकारी अर्पिता राय ने कोरोनावायरस एवं वैक्सीनेशन पर अपने विचार साझा किया। इस दौरान उन्होंने एग्रो सेंटर के द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों की प्रशंसा की। कार्यक्रम का संचालन केंद्र के प्रभारी डॉ. हरीश चंद्र मालवीय ने किया। उन्होंने एईआरसी क्या करता है, किसानों और सरकार के बीच कितनी अहम कड़ी है इसके बारे में ग्रामीणों को विस्तार से अवगत कराया।

इस कार्यक्रम में निवर्तमान और वर्तमान प्रधानों ने ग्रामीण विकास के संबंध में अपने विचार साझा किए। इसी के साथ ही गांव के प्रगतिशील किसानों को सम्मानित भी किया गया। इस कार्यक्रम में कोविड-19 से बचाव और टीकाकरण कार्यक्रम एवं शिक्षा पर डॉ. अरुण कुमार त्रिपाठी ने अपने विचार साझा किए। इस कार्यक्रम में मास्क और सैनिटाइजर वितरण का कार्यक्रम भी बड़े पैमाने पर किया गया। इस दौरान पौधारोपण भी किया गया। इस कार्यक्रम में आकाशवाणी के कृषि अनुभाग के प्रमुख और कार्यक्रम निर्माता आशीष चतुर्वेदी ने आकाशवाणी द्वारा लगातार किसानों के लिए प्रसारित किए जा रहे कार्यक्रमों के बारे में अवगत कराया।

बड़ी संख्या में मीडिया कर्मी और ग्रामीण इस कार्यक्रम में जुटे और अपने विचार साझा किए। इस तरह के कार्यक्रमों से ग्रामीण काफी उत्साहित और खुश दिखे। इस गांव में कार्यक्रम करने के पीछे एक सबसे बड़ा उद्देश्य यह भी था कि 1963 से 2018 तक लगातार इस गांव का सर्वे किया गया। साथ ही विभिन्न सामाजिक आर्थिक इंडिकेटर्स के माध्यम से भारत सरकार और कृषि मंत्रालय को गांव में विकास की क्या तस्वीर है इस बारे में हर वर्ष अवगत कराया गया। इस कार्यक्रम में एईआरसी के समस्त स्टाफ शामिल हुए। कार्यक्रम के अंत में आम के पौधारोपड़ मुख्य अतिथि प्रोफेसर गिरीश चन्द्र त्रिपाठी द्वारा किया गया। कार्यक्रम में ग्राम प्रधान धर्मेंद्र सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

Raghvendra Prasad Mishra

Raghvendra Prasad Mishra

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