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Prayagraj: लम्पी संक्रमण को लेकर अलर्ट हुए जिलाधिकारी, टीकाकरण अभियान शुरु
Prayagraj News: टीकाकरण अभियान के अन्तर्गत 02 मोबाइल वेटनरी वाहनो एवं 10 सचल पशुचिकित्सा वाहन को हरी झण्डी दिखाकार रवाना किया
Prayagraj News Today: जिलाधिकारी श्री संजय कुमार खत्री ने आज कलेक्ट्रेट परिसर से लम्पी स्कीन डिजीज का गोवंश में संक्रमण की रोकथाम के दृष्टिगत टीकाकरण अभियान का शुभारम्भ किया गया। इसके अन्तर्गत 02 मोबाइल वेटनरी वाहनो एवं 10 सचल पशुचिकित्सा वाहन को हरी झण्डी दिखाकार अन्तर्राज्यीय एवं अन्तर्जनपदीय सीमा से सटे 12 विकास खण्डों के 194 ग्रामों में तथा 208 पंजीकृत/अपंजीकृत गोशालाओं में टीकाकरण के लिए रवाना किया गया।
सीमावर्ती राज्यों राजस्थान, हरियाणा आदि से सटे प्रदेश के 25 पश्चिमी जनपदों में लम्पी स्कीन डिजीज का गोवंश में संक्रमण हुआ है। इस रोग से अभी तक प्रदेश के 2692 ग्रामों में 25372 पशु प्रभावित हुए हैं। यह एक विषाणुजनित रोग है। इसका प्रसार प्रभावित पशुओं से वेक्टर आदि के माध्यम से अन्य पशुओं में होता है।
लम्पी स्कीन डिजीज के रोकथाम तथा उपचार हेतु भारत सरकार के पशुपालन एवं दुग्धशाला विभाग द्वारा विस्तृत दिशा निर्देश दिये गये हैं। जनपद में एल0एस0डी0 संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने हेतु जनपद में संचालित गोआश्रय स्थलों/गो-संरक्षण केन्द्रों, कान्हा गौशालाओं, पंजीकृत/अपंजीकृत गौशालाओं तथा जनपदीय/अन्तर्राज्यीय सीमा से 2 किलो मीटर के अन्दर के समस्त गोवंशीय पशुओं में सघन टीकाकरण कराये जाने का निर्णय लिया गया है।
टीकाकरण की कार्यवाही दिनांक 19.09.2022 से प्रारम्भ कर 07 दिवसों में पूर्ण की जानी है। संक्रमण को रोकने हेतु जनपद प्रयागराज में टीकाकरण का लक्ष्य प्रतिदिन 8000 निर्धारित किया गया है। कुल 60000 गोवंशों का प्रथम चरण मे टीकाकरण किया जाना है। जिसके क्रम में 50000 वैक्सीन भी प्राप्त हो गयी है।
उक्त के अतिरिक्त एल0एस0डी0 संक्रमण को नियंत्रित किये जाने हेतु टीकाकरण को गति प्रदान करने के लिए जनपद में दो मोबाइल वेटनरी यूनिट वाहन का आवंटन भी किया गया है। एल0एस0डी0 टीकाकरण का रोस्टर/प्रोग्राम एवं टीम का गठन कर लिया गया है। इस अवसर पर डा0 आर0 पी0 राय, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, प्रयागराज, डा0 डी0के0 पाण्डेय, उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, चिकित्सा स्वास्थ्य/नोडल अधिकारी एल0एस0डी0, डा0 नवल किशोर सचान, सदर, डा0 संजीव कुमार सिंह, पशु चिकित्सा अधिकारी, खीरी एवं समस्त 12 विकास खण्डों के पशु चिकित्सा अधिकारी, पशुधन प्रसार अधिकारी इत्यादि उपस्थित थे।