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Prayagraj: उफ्फ ये महंगाई! बढ़ते दामों से जनता बुरी तरह त्रस्त, आज फिर बढ़े CNG के दाम
Prayagraj: प्रयागराज में सिलेंडर के दाम ₹1050 के पार पहुंच चुके हैं। तो वहीं दूसरी तरफ आज फिर सीएनजी के दाम में भी ₹2 का इजाफा किया गया है।
Prayagraj: एक तरफ जहां आम जनता भीषण गर्मी से परेशान हैं तो वहीं दूसरी तरफ लगातार बढ़ रही महंगाई ने भी जनता को बेहाल करके रखा है हाल ही में सिलेंडर के दामों में भी इजाफा किया गया है जिसकी वजह से सिलेंडर के दाम 1000 के पार पहुंच चुके हैं ।
प्रयागराज में सिलेंडर के दाम ₹1050 के पार पहुंच चुके हैं। तो वहीं दूसरी तरफ आज फिर सीएनजी के दाम में भी ₹2 का इजाफा किया गया है। सबसे ज्यादा असर रोजमर्रा की जरूरतों में पड़ रहा है चाहे वह राशन के समान हो जिसमें दाल चावल ,राजमा, काबुली चना या फिर सब्जी मसाले हो इसके साथ ही साथ सब्जियों के दाम भी आसमान छू रहे हैं।
स्थानीय जनता बेहाल
सब्जियों से लेकर खाने वाली दाल के दामो में कई गुना इजाफा हुआ है। जनता महंगाई की पूरी ज़िम्मेदारी मौजूदा सरकार पर डाल रही है । पेट्रोल-डीजल के दामों में भी बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है पेट्रोल जहां 106 रुपये के करीब बिक रहा है तो वहीं डीजल भी शतक के करीब है।ऐसे में स्थानीय जनता बेहाल है। स्थानीय जनता का कहना है कि सरकार को जिस मकसद से चुना गया उसमें सरकार विफल साबित हो रही है।
दूसरी तरफ प्रयागराज की महिलाएं बढ़ती महंगाई से बेबस नजर आ रही हैं । महिलाओं का कहना है कि जो सामान वह पहले 5 किलो तक खरीदती थी अब वही सम्मान को 2 किलो तक खरीद रही हैं ।घर का बजट इतना बिगड़ गया है कि उनको समझ में नहीं आ रहा है कि आगे कैसे चलेगा ।
सबसे ज्यादा दिक्कतें मिडिल क्लास परिवार को
प्रयागराज की रहने वाली कसक का कहना है कि हर दिन रोजमर्रा से जुड़ी चीजें महंगी हो रही है।
बच्चों की पढ़ाई -लिखाई हो या फिर पेट्रोल -डीजल के दाम या कहे कि अब सब्जियों और राशन के समान हो सभी में जैसे आग लगी हो। कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि यह महंगाई कहां तक जाएगी।
तो उधर कनक का कहना है कि उन्होंने देश की मौजूदा मोदी सरकार और प्रदेश की योगी सरकार से काफी उम्मीदें हैं , की है वह आम जनता के लिए बेहतर करेंगे। लेकिन जिस तरीके से महंगाई दिन पर दिन बढ़ रही है उससे सरकार को गंभीर होना पड़ेगा क्योंकि सबसे ज्यादा दिक्कतें मिडिल क्लास परिवार को हो रही है। जिनकी सीमित सैलरी रहती है और बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ घर का खर्चा भी चलाना होता है। ऐसे में बेतहाशा बढ़ रही महंगाई एक सिर दर्द भी बनी हुई है।