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Prayagraj: प्रयागराज में फेल हुआ स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट, चौराहों पर मूर्तियां बहा रही बदहाली के आंसू, बस VVIP मूवमेंट में सफाई

Prayagraj Special Report: प्रयागराज में तकरीबन 50 जगहों पर करोड़ों की लागत से लगाई गई मूर्तियां आज अपने बदहाली के आंसू बहा रही है ।

Syed Raza
Report Syed Raza
Published on: 3 Dec 2022 9:28 AM GMT
Prayagraj Special Report
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Prayagraj Special Report (Social Media)

Prayagraj Special Report: स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत प्रयागराज जिले में कुछ साल पहले सड़कों का चौड़ीकरण किया गया जबकि चौराहों को मूर्ति या फिर कलाकृति स्थापित करके सजाया गया था। प्रयागराज में तकरीबन 50 जगहों पर करोड़ों की लागत से लगाई गई मूर्तियां आज अपने बदहाली के आंसू बहा रही है । इन मूर्तियों और कलाकृतियों में धूल और गंदगी का अंबार देखने को मिलता है। शहर का पॉश इलाका हो या फिर सामान्य जहां-जहां चौराहे के बीच मे या फिर किनारे इन मूर्तियों और कलाकृतियों को लगाया गया है। उन पर धूल की मोटी परत दिखाई पड़ रही है स्थानीय लोगों ने इस मुद्दे को बेहद गंभीर बताया है और उनका मानना है नगर निगम प्रशासन हो या फिर जिला प्रशासन वह इस मुद्दे पर लापरवाह बना हुआ है।

लोगों का मानना है कि जब बारिश होती है तभी इन मूर्तियों की सफाई होती है नहीं तो यह चौराहों पर इसी तरह धूल फैंकती हुई नजर आती हैं या कभी जब किसी वीवीआइपी का आना होता है तब उसी रास्ते की मूर्तियों को साफ किया जाता है जिस रास्ते वीवीआइपी का गुजरना हो।

हालांकि करोना कॉल के दौरान शहर की तस्वीर स्वच्छ दिखाई दी थी लेकिन बीते 1 सालों की बात करें तो इन कलाकृतियों को पूछने वाला कोई भी नहीं है। लोगों का यह भी मानना है कि कई जगह भगवान की भी मूर्तियां स्थापित हैं और उनके साथ भी इसी तरह का बर्ताव किया जा रहा है।


उधर जिले के वरिष्ठ पत्रकार गिरीश पांडे का कहना है कि अधिकतर कलाकृतियों में धूल तो देखी जाती है साथ ही साथ पक्षियों की बीट भी देखी जा रही है। मोहल्लों गली मे कूड़े का निस्तारण तो हो जाता है लेकिन जगह-जगह चौराहे पर लगी मूर्तियों को प्रशासन अनदेखा कर रहा है।

कोई भी पर्यटक अगर प्रयागराज आएगा तो पॉश इलाके या फिर सामान्य जगह पर लगी इन मूर्तियों को देख कर के हैरत में जरूर पड़ जाएगा। कुछ दिन पहले सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रयागराज आए थे तो कुछ मूर्तियों को साफ किया गया लेकिन उसके बाद सालों बीत जाते हैं कोई भी अधिकारी इनकी सुध नहीं लेता है। हालांकि महीने में एक या दो बार महर्षि भारद्वाज की मूर्ति और पंडित दीनदयाल उपाध्याय की मूर्ति को तो साफ किया जाता है लेकिन अन्य मूर्तियों पर कोई सुध नहीं लेता है।


इस विषय पर बात करने के लिए जब हमारी टीम दो बार नगर निगम के अधिकारी से मिलने पहुंचे तो अधिकारी वहां मौजूद नहीं थे। मीटिंग की बात कह कर के करेले के लोगों ने अपना पल्ला झाड़ा।

Durgesh Sharma

Durgesh Sharma

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