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Prayagraj Video: हृदय विदारक, पिता और पति बांस में चादर बांध टांगकर ले गए शव, अखिलेश यादव ने शेयर किया वीडियो
Prayagraj Video: इस हाल में जिसने भी पिता पुत्र को देखा उसका दिल भर आया। आसपास के लोगों ने मानवता दिखाते हुए पिता-पुत्र को वहीं पर रोक लिया और अंतिम संस्कार के लिए पैसे जमा किए। चंदा एकत्रित करके मदद की।
Prayagraj Video: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जनपद से एक हृदय विदारक वीडियो सामने आया है, जिसने झकझोर करके रख दिया है। दरअसल, प्रयागराज में एक गरीब महिला का बीमारी के चलते निधन हो गया। लेकिन, महिला का पति इतना गरीब है कि उसके पास अपनी पत्नी का अंतिम संस्कार करने के लिए भी पैसे नहीं थे। ऐसे में गरीब पति और उसके पिता ने मृत पत्नी के शव को बांस के सहारे चादर मे बांधा। इसके बाद पिता पुत्र कंधो पर लेकर अंतिम संस्कार के लिए चल पड़े।
लोगों ने चंदा करके पीड़ित पति की मदद की
इस हाल में जिसने भी पिता पुत्र को देखा उसका दिल भर आया। आसपास के लोगों ने मानवता दिखाते हुए पिता-पुत्र को वहीं पर रोक लिया और अंतिम संस्कार के लिए पैसे जमा किए। इस बात की सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस के पहुंचने के बाद भी मौके पर शव वाहन नहीं पहुंचा। आखिर में ई-रिक्शा से शव दारागंज श्मशान घाट अंतिम संस्कार के लिए भेजा गया।
अखिलेश यादव बोले- यह अमृतकाल नहीं!
इस पूरी घटना के वीडियो को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर शेयर किया है। अखिलेश ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, जहाँ मृतक का सम्मान नहीं, वहाँ अमृतकाल नहीं!
जानकारी के मुताबिक वाराणसी का रहने वाला एक गरीब परिवार कुछ दिन पहले ही काम की तलाश में प्रयागराज आया था। यह परिवार प्रयागराज के झूंसी के नीबी गांव में पत्तल बेंचकर जीवनयापन करता है। इसी परिवार के नखडू की पत्नी अनीता (26) कई दिनों से बीमार चल रही थी। लेकिन, शुक्रवार (13 अक्टूबर) को उसकी मौत हो गई। परिवार इस कदर गरीबी में जी रहा है कि उसके पास अंतिम संस्कार के लिए पैसे नहीं थे। आखिर में जब कुछ नहीं समझ आया तो अनीता के पति नखड़ू और पिता ने बांस में चादर बांधी और उसी में शव रखकर अंतिम संस्कार के लिए चल दिए। झूसी में लोगों ने देखा तो पूछा कि चादर में बांधकर क्या ले जा रहे हैं। तो उन्होने पूरी घटना बताई। इस पर लोगों ने लोगों ने पुलिस को बुला लिया और मदद के लिए चंदा जमा किया। इसके बाद ई-रिक्शा से शव को अंतिम संस्कार के लिए दारागंज घाट पर भेजा।