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Prayagraj News: महाकुंभ की वाटर ट्रांसपोर्ट सिस्टम भी है अनोखी, नदी में बनते हैं चौराहे, डिवाइडर और तैनात होते है ट्रैफिक पुलिस कर्मी
Prayagraj News: प्रयागराज महाकुंभ में 4000 से नावों का संचालन होगा। इसके लिए यहां सड़क डिवाइडर और ट्रैफिक चौराहों की तरह ही जल पुलिस कर्मियों द्वारा संचालित फ्लोटिंग रिवर लाइन और नदी ट्रैफिक चौराहे बनाए जा रहे हैं ।
Prayagraj News: प्रयागराज महाकुंभ में स्नान पर्वों के दिन 40 से 50 लाख स्नानार्थियों का गंगा और यमुना में स्नान करने का अनुमान हैं। इन स्नानार्थियों को संगम तक ले जाने के लिए 4000 से अधिक नावों को संगम में चलाने के लिए अलग जल यातायात की व्यवस्था की जा रही है ।
गंगा नदी में नावों में पाबंदी लेकिन जमुना नदी की अद्भुत जल यातायात व्यवस्था
महाकुंभ में नावों का संचालन केवल यमुना नदी में होता है । प्रयागराज महाकुंभ में 4000 से नावों का संचालन होगा। इसके लिए यहां सड़क डिवाइडर और ट्रैफिक चौराहों की तरह ही जल पुलिस कर्मियों द्वारा संचालित फ्लोटिंग रिवर लाइन और नदी ट्रैफिक चौराहे बनाए जा रहे हैं । एसएसपी महाकुंभ राजेश द्विवेदी का कहना है कि जल यातायात व्यवस्था के अंतर्गत यमुना नदी में 4 किलोमीटर लंबी रिवर लाइन का निर्माण होना है। डीप वॉटर बैरिकेटिंग बॉक्स से यह रिवर लाइन बन रही है जिसमें आठ से दस मीटर पर प्लेटफॉर्म भी बन रहे हैं जिन्हें जल चौराहों की तरह जल पुलिस इस्तेमाल करेगी। एकल मार्ग में ही नावों का संचालन होगा। इस रिवर लाइन के बॉक्स के ऊपर प्लेटफॉर्म में जल चौराहे बनते है। जिसमें जल ट्रैफिक पुलिस के जवान तैनात होंगे। ये सभी गोताखोर की ट्रेनिंग ले चुके जवान है जिनके पास ऑक्सीजन सप्लाई के सिलेंडर भी होंगे।
12 किलोमीटर की नदी यातायात व्यवस्था के लिए 2000 जल पुलिस
महाकुंभ में मेले के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए 50 स्नान घाटों वाले 12 किलोमीटर के क्षेत्र को जल बैरिकेडिंग प्रणाली से सुरक्षित किया गया है, जिसमें जाल के साथ फ्लोटिंग ब्लॉक शामिल हैं। स्नानार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पीसी की 10 कंपनियों में 800 प्रशिक्षित कार्मिक, एसडीआरएफ के 150 सदस्य, एनडीआरएफ की 12 टीमों के अलावा जल पुलिस के 35 प्रशिक्षित गोताखोरों की एक कोर टीम शामिल है, जो प्रबंधन और बचाव कार्यों का समन्वय करेगी। इसके अलावा 12 किलोमीटर के क्षेत्र में महत्वपूर्ण बिंदुओं पर फैले 17 सब स्टेशनों के अलावा एक फ्लोटिंग ट्रैफिक कंट्रोल स्टेशन भी स्थापित किया जाएगा। मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए 12 जेटी का निर्माण होगा। सेना की तरफ मौजूदा सुरक्षा योजना को बढ़ाने के लिए सरस्वती घाट और किला घाट के बीच एक जेटी स्थापित करने का भी प्रस्ताव दिया है, इसके अलावा राज्य की डायल 112 सेवा भी इसकी निगरानी के लिए अपना फ्लोटिंग स्टेशन स्थापित करेगी।