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Mahakumbh 2025: महा कुम्भ में सनातन बोर्ड का शंखनाद, बिना सनातन बोर्ड लिए कुंभ से नहीं जायेंगे अखाड़े

Mahakumbh 2025:अब सनातन बोर्ड के गठन को लेकर साधु संत आरपार की लड़ाई की तैयारी कर रहे हैं। महाकुंभ के सेक्टर 20 में अखाड़ों के साथ साधु संतों ने बैठक कर 27 को धर्म संसद में इसका प्रस्ताव लाकर इसपर मोहर लगाने की बात कही है।

Dinesh Singh
Published on: 23 Jan 2025 8:20 PM IST
Mahakumbh 2025: महा कुम्भ में सनातन बोर्ड का शंखनाद, बिना सनातन बोर्ड लिए कुंभ से नहीं जायेंगे अखाड़े
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Mahakumbh 2025: प्रयागराज महा कुम्भ में अब सनातन बोर्ड के गठन को लेकर साधु संत आरपार की लड़ाई की तैयारी कर रहे हैं। महाकुंभ के सेक्टर 20 में अखाड़ों के साथ साधु संतों ने बैठक कर 27 को धर्म संसद में इसका प्रस्ताव लाकर इसपर मोहर लगाने की बात कही है।

सनातन बोर्ड से कम पर नहीं मानने वाले साधु संत

साधु संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने प्रयागराज महाकुंभ में 27 जनवरी को धर्म संसद आयोजित किए जाने का ऐलान किया है। यह धर्म संसद सेक्टर 17 में कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर के पंडाल में होगी। इस धर्म संसद में मुख्य रूप से दो मुद्दे रखे जाएंगे। पहला मुद्दा होगा देश में सनातन बोर्ड का गठन किया जाए और दूसरा मुसलमानो के वक्फ बोर्ड को खत्म किया जाए।

इस धर्म संसद में सभी अखाड़ों के पीठाधीश्वर और महामंडलेश्वरों के साथ ही अलग-अलग संप्रदायों के दूसरे प्रमुख संत महात्माओं को बुलाया जाएगा। संघ और राजनीति से जुड़े हुए किसी भी व्यक्ति को इस धर्म संसद में नहीं बुलाया गया है। गोरक्ष पीठाधीश्वर और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की व्यस्तता को देखते हुए फिलहाल उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया है।

आयोजन के लिए बनाई गई 5 सदस्यों की समिति

धर्म संसद के आयोजन के लिए वरिष्ठ संतों की पांच सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। इस कमेटी में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी के साथ ही आनंद अखाड़े के पीठाधीश्वर बालकानंद गिरि, जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि, उदासीन अखाड़े के हरि चेतनानंद जी और मशहूर कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर को रखा गया है।

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी और जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि के मुताबिक देश में सनातन बोर्ड का गठन बेहद जरूरी हो गया है। सनातन बोर्ड जितना जरूरी है, उतना ही आवश्यक वक्फ बोर्ड का खात्मा है। वक्फ बोर्ड अब जमीन कब्जा बोर्ड बन चुका है। संतों का यह भी कहना है कि वह आस्था के इस मेले से मोदी और योगी की सरकारों से दक्षिणा के तौर पर यह दोनों मांगे रखना चाहते हैं। उन्हें उम्मीद है कि अभी तक संतों के भरोसे पर पूरी तरह खरी उतरी केंद्र की मोदी सरकार संतों की इस मांग को जरूर पूरा करेगी और बहुत जल्द ही सनातन बोर्ड के गठन का औपचारिक तौर पर ऐलान किया जाएगा।



Shalini Rai

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