×

Prayagraj News: अशोक वानखेड़े का जनता से आह्वान, पूछें सरकार से सवाल, किशन पटनायक की पुण्यतिथि

Prayagraj News: नागरिक समाज और लोहिया विचार मंच के संयुक्त तत्वाधान में संकल्प लाल मेमोरियल ट्रस्ट इलाहाबाद में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता चर्चित वरिष्ठ पत्रकार अशोक वानखेड़े रहे।

Syed Raza
Report Syed Raza
Published on: 29 Sept 2024 7:20 PM IST
Prayagraj News ( Pic- Newstrack)
X

Prayagraj News ( Pic- Newstrack)

Prayagraj News: किशन पटनायक व्याख्यान माला के अंतर्गत उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर नागरिक समाज और लोहिया विचार मंच के संयुक्त तत्वाधान में संकल्प लाल मेमोरियल ट्रस्ट इलाहाबाद में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता चर्चित वरिष्ठ पत्रकार अशोक वानखेड़े रहे। इंदौर से आए वरिष्ठ पत्रकार अनिल जैन ने भी अपनी बात रखी।

सभा की शुरुआत करते हुए नागरिक समाज के संयोजक ने नागरिक समाज की क्रियाकलाप पर प्रकाश डालते हुए मंच पर अतिथियों का स्वागत किया।लोहिया विचार मंच के संयोजक विनय सिन्हा ने किशन पटनायक पर प्रकाश डालते हुए कहा कि थोड़े से वक्त में किशन पटनायक के व्यक्तित्व को नहीं बताया जा सकता। उन्होंने यहां आए उपस्थित साथियों का तहे दिल से स्वागत किया। खराब स्वास्थ्य के बावजूद नागरिक समाज के संरक्षक रवि किरण जैन भी मंच पर उपस्थित थे।

समाजवाद और किशन पटनायक के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए वरिष्ठ जननेता श्याम कृष्ण पांडे ने कहा कि मुझे किशन पटनायक के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि युवा अवस्था से ही किशन पटनायक समाजवादी आंदोलन से जुड़े रहे। 1977 में उन्होंने जंनसंघ के कारण जनता पार्टी को ज्वाइन नहीं किया। उन्होंने कहा था किशन पटनायक का मानना था कि जनसंघ के साथ समाजवादियों को समझौता नहीं करना चाहिए।

वरिष्ठ पत्रकार अनिल जैन ने अशोक वानखेडे के व्यक्तित्व प्रकाश डाला। उसके बाद श्री अशोक वानखेडे में विस्तार से अपनी बातें रखीं। उन्होंने शुरुआत करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार के सत्ता में आने के बाद जिस तरह संविधान और लोकतंत्र पर हमला हो रहा है, हमारे जैसे पत्रकार को भी मुखर होकर आगे आना पड़ा है । उन्होंने कहा कि हम लोग किसी पार्टी से नहीं है, लेकिन साथियों के सहयोग से महाराष्ट्र में एक निर्भय मंच का निर्माण किया।उन्होंने कहा कि बाबा साहब के प्रयासों से संविधान की स्थापना की गई, लेकिन संविधान के अस्तित्व पर खतरा आ गया है। उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में जनता को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस देश के लोग गरीब हो सकते हैं, भूखे हो सकते हैं, लेकिन मूर्ख नहीं हो सकते हैं जैसा कि 2024 लोकसभा चुनाव में दिखा।

उन्होंने उत्तर प्रदेश के मतदाताओं का भी धन्यवाद दिया, जिसका नतीजा हुआ कि वक्फ सहित कई मुद्दों को सरकार के द्वारा वह बिल वापस लेना पड़ा। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में 80 सीट ऐसी थी, जिस सीट में जितने मतदान पड़े, उस मतदान से ज्यादा वोट गिने गए। जिसमें 60 सीट भारतीय जनता पार्टी ने जीती है, अर्थात सही मतदान होता तो भारतीय जनता पार्टी 180 से अधिक सीट नहीं जीत पाती।उन्होंने कहा कि किशन पटनायक के बाद इस देश ने संत नहीं, बल्कि शैतान पैदा करने की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि टिकट पाने और लेने के लिए जिस हद तक नेता गिर चुके हैं, वह बताने में भी शर्म आती है। उन्होंने कहा कि किशन पटनायक चाहते तो भौतिक सुख सुविधा से रह सकते थे, लेकिन उन्होंने एक ऐसा मानक स्थापित किया वह आज अकल्पनीय लगता है।उन्होंने एक घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि इस देश का मुसलमान दुनिया के किसी भी हिस्से से ज्यादा सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश है, जहां पर गणपति की स्थापना मस्जिद में होती है। भारत में हिंदू मुस्लिम एकता को उन्होंने कई उदाहरण से स्पष्ट किया।

उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म उस समय भी खतरे में नहीं रहा था, जब इस देश में मुगल और अंग्रेज आए थे। उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यक के शोषण पर उन्होंने चिंता जताई और पूछा कि मस्जिद के पास से कांवरिया के जाने से क्या हिंदू अपवित्र हो जाएगा और हिंदू धर्म खतरे में आ जाएगा?उन्होंने कहा हिंदू धर्म सद्भाव में भरोसा करता है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री सबके विकास की बात करते हैं, लेकिन केवल अडानी और अंबानी का विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद यह स्थिति हो गई है कि 70% इंसान को सरकारी अनाज पर निर्भर करना पड़ रहा है। अगर यह निर्भरता नहीं रही तो देश की 70% जनता भूखे सोएगी। उन्होंने सरकार के अंतर्गत किसानों को तकनीकी और आर्थिक समस्या हो रही है, उसके बारे में भी विस्तार से बातें बताई।

उन्होंने इलेक्शन बांड पर चर्चा करते हुए कहा कि सारे राजनीतिक दल के हाथ इसमें जले हुए हैं। एक प्रसंग के माध्यम से इन्होंने बताया कि निर्मला सीतारमण पर मुकदमा दर्ज करके एक अदालत ने बता दिया कि इस देश न्यायपालिका का हाथ ऊपर है। उन्होंने एक प्रसंग के माध्यम से बताया कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस कहते हैं कि कोर्ट की टिप्पणियों को गंभीरता से नहीं देना चाहिए। श्री वानखेड़े ने कहा कि वोट की टिप्पणियों से मैंने मुख्यमंत्री को इस्तीफा देते देखा है, लेकिन इस तरह की घटिया टिप्पणी महाराष्ट्र के यह निर्लज्ज नेता कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जो सीबीआई और इनकम टैक्स के माध्यम से सरकार गिराने का काम करते हैं उन्हें चाणक्य कहा जाता है। उन्होंने आर्थिक स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत सरकार अडानी की मार्केटिंग एजेंट बन गई है इस क्रम में उन्होंने अनेकों प्रसंग सुनाए। उन्होंने आगे कहा कि नरेंद्र मोदी ने 60 महीने में नकारात्मक रूप से हुआ हर काम कर दिया जो कांग्रेस 60 साल में नहीं कर पाई। उन्होंने जनता से सवाल उठाने का आह्वान किया। उन्होंने हरियाणा का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां एक जनप्रतिनिधि को गांव में ले जाकर स्थान पर ले जाया गया जो बुनियादी आवश्यकताओं से महरूम था। इस तरह के अन्य उदाहरण भी उन्होंने बताएं।

उन्होंने कहा कि इस सरकार रूपी बैल को बदलने की जरूरत है। उन्होंने राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश में होने वाले 10 सीट पर होने वाले उपचुनाव के क्रम में जनता को सतर्क करते हुए एक कविता सुनाई। उन्होंने कहा किया यह चुनने का वक्त आ गया है कि देश संविधान से चलेगा या तानाशाही से। उन्होंने कहा कि यह शर्म की बात है कि 50 साल बाद भी किसान आत्महत्या कर रहा है और इस देश में नैतिकता का लोप हो चुका है। उन्होंने कहा कि इस सरकार से डरने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि संवाद जारी रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद में मेरी तीसरी यात्रा है।

उन्होंने शहर के साहित्यकार और कानूनविद के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि इलाहाबाद प्रशासनिक अधिकारियों को बनाने वाला शहर रहा है और मैं इसके सामने नतमस्तक हूं। उन्होंने नरेंद्र मोदी के शुरुआती दौर के मुख्यमंत्री बनने के बाद कहानी बता कर बताया है कि किस तरह यह छोटी-छोटी बातों को बम फटने का हमला बनाते हैं।

सभा की अध्यक्षता करते हुए शाहनवाज कादरी ने कहा कि देश में धर्म खतरे में नहीं है। हमें संविधान पर विश्वास करना चाहिए। उन्होंने किशन पटनायक को भी श्रद्धांजलि दी। सभा के अंत में वरिष्ठ समाजवादी चिंतक श्री नरेश सहगल ने धन्यवाद ज्ञापन दिया और कामरेड सीताराम येचुरी की मृत्यु पर 2 मिनट का शोक सभा रखा गया। इस कार्यक्रम में अनुग्रह नारायण सिंह, सुनील शुक्ला, हरिश्चंद्र द्विवेदी, गौहर रजा, डॉ सुधांशु मालवीय, डॉक्टर आशीष मित्तल, फरमान नकवी, के के राय, सी वी चतुर्वेदी, डॉ पंकज पांडे मनीष कुमार, प्रभाकर , कामरेड भानु, अंशु मालवीय, उत्पला शुक्ला, सतपाल, प्रदीप जी, सुकांत तिवारी, इरशाद उल्ला,सहित सैकड़ो साथी उपस्थित थे।

Shalini Rai

Shalini Rai

Next Story