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Atiq Murder Case: माफिया अतीक-अशरफ हत्या मामले में चार्जशीट दाखिल, 2000 पन्नों की केस डायरी, 56 पेज का आरोपपत्र दाखिल

Atiq Murder Case: प्रयागराज पुलिस की SIT ने मौके से गिरफ्तार तीनों शूटरों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। बीते 15 अप्रैल को हमलावरों ने माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या कर दी थी।

Aman Kumar Singh
Published on: 13 July 2023 3:13 PM GMT (Updated on: 13 July 2023 3:31 PM GMT)
Atiq Murder Case: माफिया अतीक-अशरफ हत्या मामले में चार्जशीट दाखिल, 2000 पन्नों की केस डायरी, 56 पेज का आरोपपत्र दाखिल
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माफिया अतीक अहमद और अशरफ (Social Media)

Atiq Murder Case : यूपी के माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और उसके भाई अशरफ अहमद की हत्या मामले में प्रयागराज पुलिस की एसआईटी (Special Investigation Team) ने गुरुवार (13 जुलाई) को अदालत में चार्जशीट दाखिल की। प्रयागराज की सीजेएम कोर्ट में चार्जशीट दाखिल हुई है। मौके से गिरफ्तार तीनों शूटरों के खिलाफ SIT ने चार्जशीट दाखिल की है।

अतीक-अशरफ को गोली मारने वाले शूटर लवलेश तिवारी (Lovelesh Tiwari), अरुण मौर्य (Arun Maurya) और सनी सिंह (Sunny Singh) के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। 56 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया गया है। इसके अतिरिक्त, करीब 2000 पन्ने की केस डायरी तैयार है। बता दें, 15 अप्रैल को प्रयागराज के काल्विन हॉस्पिटल (Calvin Hospital) में पुलिस कस्टडी में माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।

एसआईटी के साथ-साथ न्यायिक आयोग का भी गठन हुआ था

अतीक-अशरफ हत्याकांड की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एसआईटी के अलावा न्यायिक आयोग (Judicial Commission) का भी गठन किया था। हालांकि, पुलिस प्रशासन से जुड़े सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा था कि, विशेष जांच दल (SIT) 90 दिनों की निर्धारित अवधि समाप्त होने के साथ जल्द ही अपनी चार्जशीट दाखिल कर सकती है। आरोपपत्र 15 जुलाई तक अदालत में दाखिल करने की बात कही जा रही थी। आज 13 जुलाई को ही चार्जशीट फाइल हो गया।

हमलावरों को 'आक्रामक' बताया

पुलिस विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, एसआईटी टीम ने तफ्तीश पूरी की। गहन जांच में तीनों शूटरों के पड़ोसियों, रिश्तेदारों और दोस्तों के भी बयान लिए गए। इन्हीं बयानों के आधार पर चार्जशीट में हमलावरों को 'आक्रामक' बताया गया।

गोगी और सुंदर भाटी गिरोह से थे रिश्ते

बताया जाता है कि कथित हमलावरों के संबंध पश्चिमी यूपी और दिल्ली के गोगी तथा सुंदर भाटी गिरोह (Sundar Bhati Gang) जैसे आपराधिक गुटों से भी संबंध थे। पुलिस कस्टडी में अतीक अहमद और अशरफ की सनसनीखेज हत्याओं के पीछे का मकसद लोकप्रियता, प्रसिद्धि और पैसा कमाना था। अधिकारियों ने कहा, 'उमेश पाल हत्याकांड (Umesh Pal murder case) के बाद अतीक की मीडिया कवरेज के बाद हमलावरों ने उसे खत्म करने तथा अपने लिए बड़ा नाम कमाने की योजना बनाई।'

Aman Kumar Singh

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