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Mahakumbh 2025: महाकुंभ में अग्नि अखाड़े में शुरू हुई ब्रह्मचारी दीक्षा, सौ से अधिक को दी गई अखाड़े में एंट्री
Mahakumbh 2025: सनातन धर्म के ध्वज वाहक 13 अखाड़ों में संयासी संतों के अखाड़े श्री शंभू पंच अग्नि अखाड़े में सौ से अधिक लोगों की दीक्षा हुई है। अखाड़े के महा मंडलेश्वर संपूर्णानंद ने बताया है कि श्री शंभु पंच अग्नि अखाड़े में मकर संक्रांति के दूसरे दिन से ही ब्रह्मचारी की दीक्षा का आरंभ किया गया है ।
Mahakumbh 2025: प्रयागराज की संगम की रेती पर चल रहे महाकुंभ में अखाड़ों में नए सदस्यों की भर्ती का सिलसिला शुरू हो गया है। श्री शंभू पंच अग्नि अखाड़े में इसमें बाजी मारी है। सौ से अधिक लोगों को महाकुंभ में अग्नि अखाड़े में संन्यास और ब्रह्मचारी की शिक्षा दी गई।
अग्नि अखाड़े में नए सदस्यों की भर्ती शुरू
सनातन धर्म के ध्वज वाहक 13 अखाड़ों में संयासी संतों के अखाड़े श्री शंभू पंच अग्नि अखाड़े में सौ से अधिक लोगों की दीक्षा हुई है। अखाड़े के महा मंडलेश्वर संपूर्णानंद ने बताया है कि श्री शंभु पंच अग्नि अखाड़े में मकर संक्रांति के दूसरे दिन से ही ब्रह्मचारी की दीक्षा का आरंभ किया गया है । अग्नि अखाड़ा कुंभ मेले के दौरान सैकड़ों पात्रों को ब्रह्मचारी की दीक्षा पूरे रीति रिवाज के साथ दिया गया । यह प्रकिया अब भी चल रही है।
कैसे होती है दीक्षा
अग्नि अकेला संन्यासी अखाड़ा है जिसमें नागा संन्यासी नहीं होते केवल ब्रह्मचारी इसमें बनाते है। अखाड़े के महा मंडलेश्वर संपूर्णानंद ने बताया किआदि गुरु शंकराचार्य की परंपरा से जुड़े चतुर्नम्ना ब्रह्मचारी अग्नि अखाड़े में होते हैं जिनको प्रकाश,स्वरूप,चेतन और आनंद के नाम दिए गए है । यही चार शंकराचार्य का प्रतिनिधित्व इस अखाड़े में करते हैं । चारो शंकराचार्य की परंपरा से जुड़े ब्रह्मचारी हैं इसलिए चारों वेद का अध्ययन यहां पर किया जाता है ताकि दीक्षित होने वाले ब्रह्मचारी सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करें । अग्नि अखाड़े में लाखों की संख्या में ब्रह्मचारी हैं और जो ब्रह्मचारी की दीक्षा लेना चाहता है ।
क्या है योग्यता
नई भर्ती के लिए वेद पाठी ब्राह्मण को सनातन धर्म की परंपराओं की समझ होनी चाहिए। उसे शुरू में अखाड़े की परंपराओं से रूबरू होना होगा और जब अखाड़े के प्रमुख को लगेगा कि वह परिपक्व है तो उसे ब्रह्मचारी की दीक्षा दी जाती है । दीक्षा देने से पहले जो सनातन धर्म का पालन करता है सनातन धर्म के लिए काम करता है वह ब्रह्मचारी बन सकता है । अग्नि अखाड़े में दीक्षित ब्रह्मचारी डॉक्टर इंजीनियर, वैज्ञानिक भी बनते हैं जो समाज और धर्म के लिए समर्पित होते हैं । ब्रह्मचारी दीक्षित होने के बाद योग्य ब्रह्मचारी को अखाड़े से जुड़े पद भी दिए जाते हैं जिनमें सभापति, महामंत्री सचिव, श्रीमहंत, महंत, थानापति, कोतवाल, पुजारी योग्यता के अनुसार बनाये जाते है।