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Diwali Shilp Mela: रंगारंग कार्यक्रमों के साथ 13 दिवसीय शिल्पोत्सव का हुआ समापन, कलाकारों ने बांधा समा

Diwali Shilp Mela: सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच रंगारंग उत्सव का समापन हुआ। इसी के साथ सुर, स्वाद और शिल्प के 13 दिवसीय दीपावली शिल्प मेले में आए विभिन्न राज्यों के कलाकारों और शिल्पियों ने विदा ले ली।

Syed Raza
Report Syed Raza
Published on: 8 Nov 2023 10:03 PM IST
Diwali Shilp Mela
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Diwali Shilp Mela (Pic:Newstrack)

Prayagraj News: दीपावली शिल्प मेले में सुर स्वाद के समागम से कलाकार विदा हुए। आपको बता दें आज दीपावली शिल्प मेले की आखिरी निशा गायन, वादन और नृत्य की त्रिवेणी में नहाकर धन्य हुई। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच रंगारंग उत्सव का समापन हुआ। इसी के साथ सुर, स्वाद और शिल्प के 13 दिवसीय दीपावली शिल्प मेले में आए विभिन्न राज्यों के कलाकारों और शिल्पियों ने विदा ले ली। आखिरी शाम मुक्ताकाशी मंच पर कार्यक्रम का आगाज शिव लाल गुप्ता एवं दल ने कजरी गीत ओढ़ी मां लाली चुनारिया, विन्ध्याचल की मैय्या रे, गोरी बनि ठनि के घूमे चली मेला, भईल मेला आवै, जहां गंगा, यमुना कै निर्मल धार, बाटै सोने क चिरईया की प्रस्तुति देकर खूब तालियां बटोरी।

इसके बाद प्रतिमा यादव एवं दल ने अवधी लोकगीत बालू रेतिया डगरिया चलब कइसै, नोन देबै ननदी तेल देबै ननदी की प्रस्तुति देकर श्रोताओँ को मंत्रमुग्ध कर दिया। रोशन पाण्डेय ने सूफी गीत तेरे जिया होर दिस्दा कीना सोहना, छाप तिलक को पेश कर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। पूजा अग्रवाल एवं साथी ने नृत्य नाटिका की प्रस्तुति देकर दर्शकों को अभिभूत कर दिया। इस नृत्य में गोपियों के आग्रह पर कृष्ण उनके साथ नृत्य करते हैं। कार्यक्रम का संचालन संजय पुरषार्थी ने किया। पैड पर अभिषेक, मजीरा पर चन्द्रशेखर व नाल पर पंचम लाल ने साथ दिया।


इसके साथ ही देशभर के कोने-कोने से आए शिल्पकारों ने अपने स्टॉल लगाए हुए थे। इसमें हर प्रमुख राज्य के खान-पान के स्टॉल लगे तो वहां के स्थानीय उत्पाद के स्टॉल भी मौजूद रहे जिसमें भदोही की कालीन, पंजाब का फुलकारी, जम्मू कश्मीर का इम्ब्रोइडरी, आर्ट वेयर, ड्राई फ्रूट, दिल्ली की ज्वैलरी तो हैदराबाद का पर्ल ज्वैलरी, कर्नाटक का लकड़ी का खिलौना लोगों को खूब पसंद किया गया।



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Durgesh Sharma

Durgesh Sharma

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