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Kumbh 2025: महाकुंभ में रामानुज सम्प्रदाय की एंट्री, बसने लगा आचार्यबाड़ा

Kumbh 2025: अखाड़ों के अलावा कुंभ क्षेत्र में कई और बड़ी धार्मिक संस्थाएं भी बसती हैं। इनमें दंडी स्वामी, आचार्य और खालसा संप्रदाय भी शामिल है। रामानुजाचार्य के अनुयायियों ने कुंभ क्षेत्र के सेक्टर 18 में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है।

Dinesh Singh
Published on: 26 Nov 2024 9:30 PM IST
Kumbh 2025: महाकुंभ में रामानुज सम्प्रदाय की एंट्री, बसने लगा आचार्यबाड़ा
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Kumbh 2025: त्रिवेणी के तट पर प्रयागराज में आयोजित होने जा रहे आस्था के महाकुंभ में हिंदू सनातन धर्म के सभी संप्रदायों की मौजूदगी देखने को मिलेगी। सनातन धर्म के 13 अखाड़ों में शिव उपासक संन्यासी अखाड़ों और विष्णु जी के उपासक वैष्णव अखाड़ों के साथ विशिष्ट अद्वैतवाद के प्रवर्तक श्री रामानुजाचार्य के उपासक आचार्यों ने भी महाकुंभ में अपनी मौजूदगी दर्ज करानी शुरू कर दी है

आचार्यों की उपस्थिति से कुंभ में प्रवाहित होगी रामानुज सम्प्रदाय की भक्ति धारा

अखाड़ों के अलावा कुंभ क्षेत्र में कई और बड़ी धार्मिक संस्थाएं भी बसती हैं। इनमें दंडी स्वामी, आचार्य और खालसा संप्रदाय भी शामिल है। रामानुजाचार्य के अनुयायियों ने कुंभ क्षेत्र के सेक्टर 18 में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। कुंभ क्षेत्र में आचार्यों की बस्ती आचार्यबाड़ा अब स्वरूप लेने लगी है। कुंभ मेला प्रशासन की ओर से हरिश्चंद्र मार्ग से अनंत माधव के बीच आचार्यबाड़ा बसाने के लिए करीब 200 बीघे जमीन आवंटित की है। इसमें मंगलवार आचार्यबाड़ा का भूमि पूजन संपन्न हो गया ।

रामानुज वैष्णव समिति आचार्यबाड़ा के अध्यक्ष अच्युत प्रपन्नाचार्य और रामानुज प्रबंध समिति के अध्यक्ष रामेश्वराचार्य अपने-अपने पदाधिकारियों के साथ गंगा पार हरिश्चंद्र मार्ग पर पहुंचे। इनके साथ अखिलेशाचार्य, कौशलेंद्र प्रपन्नाचार्य, श्रीधराचार्य, शालिग्रामाचार्य, पुरुषोत्तमाचार्य समेत कई संत और कुंभ मेला प्रशासन के कई अधिकारी मौजूद रहे। संतो की मौजूदगी में भूमि पूजन का कार्य सम्पन्न हुआ। आचार्य बाड़ा के अध्यक्ष रामेश्वरचार्य का कहना है कि भूमि पूजन के बाद अब यहां आचार्यों के शिविर लगने शुरू हो जायेंगे।

माघ मेले में भी बस्ती है आचार्यों की नगरी

महाकुंभ और कुंभ का आयोजन प्रयागराज के अलावा नासिक, उज्जैन और हरिद्वार में भी होता है लेकिन माघ मेले का आयोजन केवल गंगा , यमुना और सरस्वती के तट पर प्रयागराज में ही होता है।त्रिवेणी के तट पर हर साल माघ के महीने में लगने वाले माघ मेले में अखाड़े नहीं आते लेकिन दंडी संन्यासी, आचार्य और खाक चौक के खालसे अवश्य आते हैं। महाकुंभ में इन सबसे बड़ी सनातन संस्थाओं की भक्ति धारा निरंतर प्रवाहित होती है। आचार्य बाड़ा के मीडिया प्रभारी मयंक चतुर्वेदी बताते हैं कि महाकुंभ में 200 बीघे में 400 से अधिक आचार्य अपना शिविर लगा रहे हैं। महाकुंभ के दौरान इन शिविरों में निरंन्तर संत प्रवचन चलते रहेंगे। इसके अलावा संत सम्मेलन और रामानुज महराज की शोभा यात्रा भी निकाली जाएगी।



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Shalini singh

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