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पूर्वांचल के बाहुबली बृजेश सिंह के 36 साल पुराने नरसंहार मामले में सुनवाई पूरी, हाईकोर्ट दिवाली के बाद सुनाएगा फैसला

Allahabad High Court : पूर्वांचल के माफिया डॉन और पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह के खिलाफ नरसंहार मामले में दाखिल अर्जी पर हाईकोर्ट ने सुनवाई पूरी कर ली है। ये मामला 1987 के एक हत्याकांड की है।

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Written By aman
Published on: 9 Nov 2023 12:20 PM GMT (Updated on: 9 Nov 2023 12:43 PM GMT)
Former MLC Brijesh Singh
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Former MLC Brijesh Singh (Social Media)

Former MLC Brijesh Singh: पूर्वांचल के माफिया डॉन और पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह (Former MLC Brijesh Singh) के खिलाफ 36 साल पहले हुए नरसंहार मामले में दाखिल अर्जी पर गुरुवार (09 नवंबर) को इलाहाबाद हाईकोर्ट में अंतिम सुनवाई पूरी हुई। हाईकोर्ट ने सभी पक्षों की बहस पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रखा है। दिवाली की छुट्टियों के बाद कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी। इससे पहले, सेशन कोर्ट के फैसले के खिलाफ हीरावती नाम की महिला ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

क्या है मामला?

वाराणसी की रहने वाली हीरावती ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दी थी। 36 साल पुराने मामले में हीरावती के पति, दो देवर और 4 मासूम बच्चों की निर्मम हत्या कर दी गई थी। ये मामला 1987 का है। इस हत्या का आरोप माफिया डॉन बृजेश सिंह और उनके साथियों पर लगा था। पीड़िता हीरावती ने अपनी अपील में जिला अदालत, वाराणसी के फैसले को चुनौती दी थी। जिला अदालत ने अपने 2018 में दिए गए फैसले में सभी 13 आरोपियों को बरी कर दिया था। बता दें, कोर्ट ने इन्हें गवाहों के बयान में भिन्नता होने के आधार पर बरी कर दिया था।

इसलिए ट्रायल कोर्ट के फैसले को दी चुनौती

ये मामला 36 साल पहले का है। इस नरसंहार में पीड़िता की बेटी शारदा घायल हो गई थी। इस अपील में कहा गया है कि, जिला अदालत ने उसके बयान पर गौर नहीं किया। ट्रायल कोर्ट में उसका भी बयान दर्ज किया गया था। दलील दी गई है कि, इस घटना में घायल पीड़िता चश्मदीद गवाह थी। मगर, ट्रायल कोर्ट ने उसके बयान पर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि, घटना के वक़्त अंधेरा था। पुलिस की जांच में लालटेन और टॉर्च सहित घटना के दौरान रोशनी के लिए इस्तेमाल हुई सामग्रियों की फर्द बनाई गई थी। स्वयं विवेचक ने बयान दिया था कि, उसने आरोपी बृजेश सिंह (Brijesh Singh News) को घटना के समय पकड़ा था। बावजूद कोर्ट ने आरोपियों को बरी कर दिया। इसलिए ट्रायल कोर्ट का फैसला सही नहीं है।

इन धाराओं में दर्ज है मामला

हीरावती की ओर से की गई अपील में जघन्य हत्या मामले में बरी हो चुके माफिया बृजेश सिंह (Mafia Brijesh Singh) को सजा दिए जाने की मांग की गई है। ज्ञात हो कि, बृजेश सिंह पर वाराणसी जिले के बलुआ पुलिस स्टेशन में केस दर्ज है। इस मामले में आईपीसी की धारा-148, 149, 302, 307, 120बी और आर्म्स एक्ट की धारा- 25 के तहत एफआईआर दर्ज है।

किसी को सजा नहीं हुई, जबकि चश्मदीद...

एक ही परिवार के 7 लोगों की हत्या मामले में पुलिस किसी को भी सजा नहीं दिला पाई, तब जबकि हत्याकांड का चश्मदीद गवाह मौजूद था। विवेचक द्वारा दर्ज बयान ट्रायल कोर्ट में पढ़ा ही नहीं गया। उच्च न्यायालय में हुई सुनवाई में आरोपी बृजेश सिंह ने खुद को बेगुनाह बताया है।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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