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Prayagraj News: UPRTOU के दीक्षांत समारोह में बोली राज्यपाल- शिक्षा को चारदीवारी से निकालकर आंगनबाड़ी तक पहुंचाएं
Prayagraj News: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शिक्षा को रोजगार एवं कौशल से जोड़ने की सलाह दी और सभी विद्यार्थियों को इंटर्नशिप के द्वारा इंडस्ट्री से जुड़ने का महत्व बताया। भारत सरकार द्वारा तैयार की गई इस प्रकार की योजनाओं का भी उन्होंने संदर्भ रखा।
Prayagraj News: शिक्षा को चारदीवारी से बाहर निकाल कर आंगनबाड़ी तक पहुंचाना आज के युग की आवश्यकता है। महिलाओं को शिक्षित किया जाना इस देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए अनिवार्य है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प तभी पूरा होगा जब महिलाएं शिक्षित होंगी। उक्त उद्गार बुधवार को उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के 19वें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करते हुए उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि युवा शक्ति के साथ-साथ बच्चों को भी विकास की धारा से जोड़ना अति आवश्यक है। बहुमुखी प्रतिभा के धनी बच्चों के बाल मनोविज्ञान को समझने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के साथ-साथ विश्वविद्यालय में भी प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों की आवश्यकता है।
इस अवसर पर राज्यपाल ने शिक्षा को रोजगार एवं कौशल से जोड़ने की सलाह दी और सभी विद्यार्थियों को इंटर्नशिप के द्वारा इंडस्ट्री से जुड़ने का महत्व बताया। भारत सरकार द्वारा तैयार की गई इस प्रकार की योजनाओं का भी उन्होंने संदर्भ रखा। उन्होंने कहा कि कारागारों को भी अध्ययन केंद्र बनाया जाना चाहिए और ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को शिक्षा की मुख्यधारा में लाया जाना चाहिए। राज्यपाल ने उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय को यह निर्देश दिया कि विद्यार्थियों की संख्या में बढ़ोत्तरी करने का प्रयास किया जाए। इसके लिए विश्वविद्यालय अपने 12 क्षेत्रीय केन्द्रों के लिए प्रवेश का लक्ष्य निर्धारित करें और अध्ययन केदो को भी छात्र संख्या बढ़ाने के लिए प्रेरित किया जाय।
राज्यपाल ने कहा कि वह महीने भर बाद उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के कार्यों की समीक्षा करेंगी। पटेल ने सास बेटी बहू का संदर्भ देकर भारतीय पारिवारिक संरचना के महत्व को जाहिर किया और बताया कि देश के विकास के लिए हमारा पारिवारिक ढांचा मजबूत होना चाहिए। दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि प्रोफेसर कामेश्वर नाथ सिंह, कुलपति, दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय, बोधगया ने दीक्षांत भाषण देते हुए कहा कि हमारी शिक्षा व्यवस्था भारतीय सांस्कृतिक मूल्य और भारतीय जीवन दृष्टि के अनुरूप होनी चाहिए तभी हम एक समावेशी भारत को मूर्त रूप दे सकेंगे। उन्होंने पदक विजेताओं एवं उपाधि प्राप्त करने वाले शिक्षार्थियों से कहा कि वह अपने जीवन में नैतिकता एवं मानवीय मूल्य का समावेश करते हुए जीवन को व्यावहारिक रूप प्रदान करें।
समारोह के विशिष्ट अतिथि डॉ. योगेंद्र कुमार उपाध्याय, उच्च शिक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि शिक्षा किसी भी जागरूक समाज का आधार स्तंभ होती है। यह एक ऐसी आधारशिला है जिस पर एक प्रगतिशील लोकतांत्रिक समाज खड़ा होता है। हमारे शिक्षण संस्थान युवाओं में मातृभूमि से प्रेम, सभी के लिए दया, महिलाओं का सम्मान, जीवन में ईमानदारी, आचरण में आत्म संयम तथा अनुशासन के बुनियादी मूल्यों का समावेश करने में प्रमुख भूमिका का निर्वाह करते हैं, जिससे एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण किया जा सके। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि रजनी तिवारी, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि सशक्त राष्ट्र के निर्माण के लिए युवा शक्ति को आगे आना होगा। उन्होंने सभी विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि अपने लिए एक योग्य लक्ष्य निर्धारित करें और इसको साकार करने के लिए तकनीकी ज्ञान और समर्पित परिश्रम का उपयोग करें।
दीक्षान्त समारोह में सत्र दिसम्बर 2023 तथा जून 2024 की परीक्षा के सापेक्ष उत्तीर्ण 31940 शिक्षार्थियों को उपाधि प्रदान की गयी। इस अवसर पर राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती पटेल ने 19वें दीक्षान्त समारोह में कुलाधिपति स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केंद्र, आजमगढ़ की छात्रा आरती यादव को प्रदान किया। आरती ने बी.एस.सी. की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की तथा समस्त विद्याशाखाओं की स्नातक एवं स्नातकोत्तर परीक्षाओं में उत्तीर्ण समस्त स्नातक/परास्नातक शिक्षार्थियों में सर्वश्रेष्ठ रहीं। विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक इस बार स्नातकोत्तर वर्ग में विद्याशाखाओं के 07 टापर्स को दिए गए। जिसमें मानविकी विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केंद्र, आगरा से सम्बद्ध एम.ए. (अर्थशास्त्र) के छात्र यश यादव को, समाज विज्ञान विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक प्रयागराज क्षेत्रीय केंद्र से सम्बद्ध एम.ए. (समाज कार्य) के छात्र तौफीक खान को, प्रबन्धन अध्ययन विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केंद्र, गोरखपुर से सम्बद्ध एम.काम. की छात्रा प्रिया शर्मा को, कंप्यूटर एवं सूचना विज्ञान विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक प्रयागराज क्षेत्रीय केन्द्र से सम्बद्ध एम.सी.ए. के छात्र अनित सिंह मलिक को, शिक्षा विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केंद्र, आगरा से सम्बद्ध एम.ए. (शिक्षाशास्त्र) के छात्र जानकी प्रसाद को, विज्ञान विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक भी क्षेत्रीय केंद्र, आगरा से सम्बद्ध एम.एस.सी. (जैव रसायन) के छात्र पवन कुमार को, स्वास्थ्य विज्ञान विद्याशाखा से विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक क्षेत्रीय केंद्र, आजमगढ़ से सम्बद्ध एम.ए. (गृह विज्ञान) की छात्रा विनीता सिंह को राज्यपाल ने स्वर्ण पदक देकर सम्मानित किया।
राज्यपाल के निर्देश पर दीक्षान्त समारोह के पूर्व विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गांव में स्थित आंगनबाड़ी केन्द्रों में स्वास्थ्य, स्वच्छता, पोषण आहार एवं कार्यकत्रियों की उपस्थिति मानदंड आधारित प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। इसी तरह गोद लिए गांव के प्राथमिक/जूनियर विद्यालयों तथा माध्यमिक/उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में भाषण, चित्रकला एवं कहानी कथन प्रतियोगिताओं का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया था। इस अवसर पर पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री डॉ नरेंद्र कुमार सिंह गौर, न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल, रज्जू भैया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार सिंह, विधायक गुरु प्रसाद मौर्य, प्रोफेसर पीके साहू, पूर्व कुलपति, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, मनोज गौतम कमांडेंट आर ए एफ आदि विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे।