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Krishna Janmabhoomi Case: श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद मामले पर HC ने फैसला रखा सुरक्षित
Krishna Janmabhoomi Case: पिछली सुनवाई 24 अगस्त को हुई थी। जिसमें हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की मांग पर राज्य सरकार से जवाब मांगा था। कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 4 सितंबर को तय करते हुए सरकार को जवाब के साथ पेश होने का आदेश दिया था।
Krishna Janmabhoomi Case: इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज यानी सोमवार 4 सितंबर को श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया गया है। उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ मामले की सुनवाई कर रही है। याचिकाकर्ता की ओर से विवादित भूमि पर पूजा का अधिकार देने को लेकर याचिका दाखिल की गई है।
पिछली सुनवाई 24 अगस्त को हुई थी। जिसमें हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की मांग पर राज्य सरकार से जवाब मांगा था। कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 4 सितंबर को तय करते हुए सरकार को जवाब के साथ पेश होने का आदेश दिया था। ऐसे में यूपी सरकार हाईकोर्ट में आज अपना पक्ष रख सकती है। कोर्ट में सरकार का पक्ष अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल रख रहे हैं।
क्या है याचिका में ?
इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर याचिका में पूरी विवादित भूमि का अधिग्रहण कर ट्रस्ट बनाने और हिंदुओं को पूजा का अधिकार देने की मांग की गई है। यह याचिका सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ता महक महेश्वरी की ओर से दायर की गई है। याचिकाकर्ता का कहना था कि एक समझौते के तहत कृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ भूमि में से 11.37 एकड़ जन्मभूमि मंदिर और शेष 2.37 एकड़ जन्मभूमि शाही ईदगाह को सौंपे जाना गलत है। याचिका में विवादित परिसर का एएसआई से साइंटिफिक सर्वे कराने की मांग भी की गई है।
याचिकाकर्ता की मांग है कि मुकदमे का निपटारा होने तक विवादित परिसर में हिंदुओं को पूजा-अर्चना की इजाजत दी जाए। इसमें दावा किया गया है कि विवादित परिसर पहले मंदिर था, जिसे तोड़कर शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण कराया गया था। दावा है कि जिस जगह फिलहाल शाही ईदगाह मस्जिद मौजूद है, वहां द्वापर युग में कंस ने भगवान श्रीकृष्ण के माता-पिता को कैद कर रखा था और वहीं पर भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था।
बता दें कि याचिकाकर्ता महक महेश्वरी की ओर से यह याचिका साल 2020 में दायर की गई थी, तब से इस पर सुनवाई जारी है। मथुरा की स्थानीय अदालतों में इसी तरह की मांग को लेकर 12 से अधिक केस दायर हो चुके हैं। ज्ञानवापी मस्जिद के एएसआई सर्वे को हरी झंडी मिलने के बाद अब इस स्थान के सर्वे की मांग भी जोड़ पकड़ने लगी है। आने वाले दिनों में कोर्ट का इस पर बड़ा फैसला आ सकता है।