×

Prayagraj News: हाईकोर्ट का निर्देश-सपा शासन में मिली नौकरी से निकाले गए सिपाहियों को 2006 से सभी सेवा लाभ देने पर सरकार पारित करे आदेश

Prayagraj News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सपा शासनकाल में वर्ष 2005- 06 बैंच की भर्ती में नियुक्त होने के बाद बसपा शासन में नौकरी से निकाल दिए गए 22 हजार कांस्टेबिलों को वर्ष 2006 से सेवा में निरंतर मानते हुए उन्हें वेतन वृद्धि, पदोन्नति, समेत सभी सेवा लाभ देने पर सरकार को आदेश पारित करने का निर्देश दिया है।

Syed Raza
Report Syed Raza
Published on: 18 Oct 2023 1:12 PM GMT
Prayagraj News: हाईकोर्ट का निर्देश-सपा शासन में मिली नौकरी से निकाले गए सिपाहियों को 2006 से सभी सेवा लाभ देने पर सरकार पारित करे आदेश
X

Prayagraj News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सपा शासनकाल में वर्ष 2005- 06 बैंच की भर्ती में नियुक्त होने के बाद बसपा शासन में नौकरी से निकाल दिए गए 22 हजार कांस्टेबिलों को वर्ष 2006 से सेवा में निरंतर मानते हुए उन्हें वेतन वृद्धि, पदोन्नति, समेत सभी सेवा लाभ देने पर सरकार को आदेश पारित करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने यह आदेश उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जारी शासनादेश दिनांक 17 फरवरी 2022 में प्रतिपादित व्यवस्था को आधार बनाते हुए पारित किया है। बसपा शासनकाल में इन 22 हजार कान्स्टेबिलों को निकाल दिया गया था।

यह आदेश जस्टिस अजीत कुमार ने मथुरा, गौतम बुद्ध नगर, आगरा, प्रयागराज, वाराणसी, जिलों में तैनात हेड कांस्टेबिलों तथा कांस्टेबिलों द्वारा संयुक्त रूप से अलग-अलग दाखिल विभिन्न याचिकाओं को निस्तारित करते हुए पारित किया है। कान्स्टेबल नीरज कुमार पाण्डेय, रामकुमार, दीपक सिंह पोसवाल, रेखा गौतम, प्रमोद यादव व कई अन्य ने अलग-अलग याचिकाओं में मांग की थी कि शासनादेश दिनांक 17 फरवरी 2022 के अनुपालन में 2005 -2006 बैच के आरक्षी सिविल पुलिस, आरक्षी पीएसी, सहायक परिचालक रेडियो विभाग के कांस्टेबिलों को वर्ष 2006 से सेवा में निरंतर मानते हुए उन्हें पेंशन, उपादान, वार्षिक वेतन वृद्धि, तथा पदोन्नति का लाभ व एसीपी का लाभ अनुमन्य कराया जाय।

सपा सरकार में भर्ती हुए 22 हजार पुलिसकर्मियों को बसपा शासन में निकाल दिया गया था

याची कांस्टेबिलों की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम का कहना था कि सभी याची कांस्टेबिलों की भर्ती वर्ष 2005-06 में हुई थी। उनकी भर्ती सपा शासनकाल में हुई थी। बसपा शासनकाल आने पर इन्हें नौकरी से निकाल दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ने के बाद इन्हें सेवा में वर्ष 2009 में बहाल किया गया। कहा गया था कि सभी याची कांस्टेबल वर्ष 2006 से नौकरी में है। इन्हें गलत आधारों पर निकाल दिया गया था। जिस कारण सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वर्ष 2009 में इन्हें बहाल किया गया। सीनियर एडवोकेट गौतम का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट ने दीपक कुमार के केस में यह आदेश पारित किया है कि वर्ष 2005-06 के आरक्षियों की नियुक्तियां उनके नियुक्ति के दिनांक से सेवा में निरंतर माना जाएगा तथा वे सभी कांस्टेबिल सभी प्रकार के सेवा लाभ पाने के अनुमन्य होंगे।

इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश

कहा गया था कि नियुक्ति के दिनांक से सभी कांस्टेबिल 16 वर्ष की सेवा पूर्ण कर द्वितीय प्रमोशनल पे स्केल यानी दरोगा के पद का वेतनमान प्रशिक्षण की अवधि को जोड़ते हुए पाने के हकदार हैं, परंतु इन्हें अभी तक इसका कोई लाभ नहीं दिया जा रहा है। हाईकोर्ट ने अपने पारित आदेश में 17 फरवरी 2022 को जारी शासनादेश का उल्लेख करते हुए उक्त निर्देश दिया है तथा कहा है कि कांस्टेबिलों की याचिका पर अपर पुलिस महानिदेशक भवन व कल्याण, डीजीपी हेड क्वार्टर उत्तर प्रदेश लखनऊ, सुप्रीम कोर्ट के दीपक कुमार केस में पारित आदेश के क्रम में जारी शासनादेश दिनांक 17 फरवरी 2022 के अनुपालन में याची कांस्टेबिलों की सेवा को निरंतर मानते हुए उनके पेंशन, उपादान, वार्षिक वृद्धि, पदोन्नति व एसीपी का लाभ प्रदान करने के संबंध में दो माह के अंदर उचित आदेश पारित करें।

Shashi kant gautam

Shashi kant gautam

Next Story