TRENDING TAGS :
Mahakumbh Mela 2025: धरती से लेकर आकाश तक महाकुंभ की दिखी भव्यता, अंतिम दिन वायु सेना ने ऐसे जीता दिल
Mahakumbh Mela 2025: महाकुंभ 2025 के अंतिम दिन भारतीय वायु सेना ने महाकुंभ मेला क्षेत्र में एयर शो का आयोजन किया। आसमान में वायु सेना के विमानों ने भव्य प्रदर्शन किया।
Mahakumbh Mela 2025: सनातन धर्म की ध्वजा को पूरे विश्व में विस्तार देने वाला महाकुंभ 2025 का महाशिवरात्रि के स्नान के साथ भव्य समापन हो गया। महाशिवरात्रि के दिन मां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के अविरल घाट पर आस्था का जन प्रवाह बना हुआ है। देश-विदेश के 66 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु अब तक पुण्य की डुबकी लगा चुके हैं।
वहीं महाशिवरात्रि अवसर पर महाकुंभ मेला क्षेत्र में जन सागर के साथ ही आकाश में भी भव्य नजारा देखने को मिला। महाकुंभ 2025 के अंतिम दिन भारतीय वायु सेना ने महाकुंभ मेला क्षेत्र में एयर शो का आयोजन किया। आसमान में वायु सेना के विमानों ने भव्य प्रदर्शन किया। जिसे देख श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गये। साथ ही भारतीय वायु सेना के इस एयर शो के जरिए श्रद्धालुओं के मन में महाकुंभ को यादगार बना दिया है।
पांच शक्तिशाली देशों के बराबर पहुंचे श्रद्धालु
मकर संक्रांति के दिन से शुरू हुये महाकुम्भ में अब तक 66 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु पवित्र त्रिवेणी में डुबकी लगा चुके हैं। महाकुंभ में डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं का अब तक का कुल आंकड़ा विश्व के पांच बड़े देशों अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस और कनाडा की कुल आबादी के बराबर है। उल्लेखनीय है कि अमेरिका की कुल आबादी 34.01 करोड़, ब्रिटेन की 6.84 करोड़, रूस की 14.38 करोड़, फ्रांस की 6.83 करोड़ और कनाडा की 4.01 करोड़ है। इस नजरिए से पांच देश की आबादी के बराबर श्रद्धालु एक बार महाकुम्भ में डुबकी लगा चुके हैं।
वसंत पंचमी के बाद जन प्रवाह में नहीं आयी कमी
ऐसा माना जाता है कि महाकुंभ में मौनी अमावस्या के स्नान के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ में कमी आ जाती है। प्रायः वसंत पंचमी के अमृत स्नान के बाद अखाड़े भी अपने गंतव्य की ओर चले जाते हैं। लेकिन इस बार के महाकुंभ में अलग ही दृश्य देखने को मिला। तीन फरवरी को वसंत पंचमी के स्नान के बाद जन सागर ही महाकुंभ मेला क्षेत्र में उमड़ पड़ा। हर कोई पवित्र त्रिवेणी में डुबकी लगाने को लालायित दिखा। वसंत पंचमी के बाद श्रद्धालुओं का जो रेला महाकुंभ में पहुंचना शुरू हुआ। वह महाशिवरात्रि के दिन तक जारी रहा।