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Prayagraj: महामना मदन मोहन मालवीय के पौत्र जस्टिस गिरधर का निधन, कल होगा अंतिम संस्कार

Prayagraj: इलाहाबाद उच्च न्यायालय के रिटायर्ड न्यायमूर्ति और महामना मदन मोहन मालवीय के पौत्र जस्टिस गिरधर मालवीय का सोमवार सुबह निधन हो गया। उन्होंने प्रयागराज के जॉर्जटाउन स्थित एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली।

Shishumanjali kharwar
Published on: 18 Nov 2024 4:18 PM IST
Prayagraj News
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महामना मदन मोहन मालवीय के पौत्र जस्टिस गिरधर का निधन (न्यूजट्रैक)

Prayagraj News: इलाहाबाद उच्च न्यायालय के रिटायर्ड न्यायमूर्ति और महामना मदन मोहन मालवीय के पौत्र जस्टिस गिरधर मालवीय का सोमवार सुबह निधन हो गया। उन्होंने प्रयागराज के जॉर्जटाउन स्थित एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। 19 नवंबर (मंगलवार) को जस्टिस मालवीय का अंतिम संस्कार रसूलाबाद घाट पर किया जाएगा। श्री मालवीय बीते साल बीएचयू के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए थे। इसके बाद स्वास्थ्य कारणों के चलते वह किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में सम्मिलित नहीं होते थे।

गिरधर मालवीय के पुत्र पश्चिम बंगाल के पूर्व डीजीपी और पश्चिम बंगाल राज्य पुलिस के सलाहकार मनोज मालवीय हैं। उनकी दो बेटियां इस समय शहर से बाहर हैं। साल 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान बीएचयू के चांसलर रहे गिरधर मालवीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावक भी थे। वह 14 मार्च 1988 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति बने थे। वह साल 2018 में बीएचयू के चांसलर और गंगा महासभा के अध्यक्ष बने थे।

गिरधर मालवीय प्रयागराज स्थित सेवा समिति इंटर कॉलेज प्रबंध समिति के अध्यक्ष भी थे। जस्टिस मालवीय के निधन के बाद प्रयागराज में शोक का माहौल व्याप्त हो गया। अस्पताल में करीबियों की भारी भीड़ एकत्रित हो गयी। बीएचयू के पूर्व कुलपति प्रो. जीसी त्रिपाठी ने कहा कि गिरधन मालवीय हमेशा मदन मोहन मालवीय के विचारों और सिद्धांतों पर चलते थे। उनका निधन सभी के लिए अपूर्णनीय क्षति है।

चार दिन पहले था जन्मदिन

जस्टिस गिरधर मालवीय का जन्म वाराणसी में 14 नवंबर को हुआ था। चार दिन पूर्व ही श्री मालवीय का जन्मदिन भी था। वह महामना मदन मोहन मालवीय के पुत्र गोविंद मालवीय की इकलौती संतान थे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा वाराणसी के बेसेंट थियोसोफिकल स्कूल में हुई। इसके बाद काशी हिंदू विश्वविद्यालय में चिल्ड्रन्स स्कूल से दसवीं तक की शिक्षा ग्रहण की। 1957 में गिरधर मालवीय ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय में एक साथ विधि स्नातक और एमए राजनीतिशास्त्र की पढ़ाई की।

साल 1960 में वकालत की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस शुरू की। पिता के अस्वस्थ रहने के कारण गिरधर ने दिल्ली में सरदार ज्ञानसिंह वोहरा के साथ तीस हजारी कोर्ट और 1961 में पिता के निधन के बाद प्रयागराज आकर 1965 तक इलाहाबाद जिला कचहरी में पंडित विश्वनाथ पांडेय और सत्यनारायण मिश्र के साथ वकालत शुरू की थी।



Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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