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Kumbh2025: अक्षय वट पर पूजा-अर्चना के साथ पीएम मोदी ने की परिक्रमा, कॉरिडोर में हुए कार्यों को भी निहारा

Kumbh 2025: अक्षय वट पर भी महाकुम्भ-2025 के सफल आयोजन के लिए बतौर यजमान भूमिका निभाते हुए पीएम मोदी ने अक्षय वट पर शीश नवाया, संकल्प लेकर अभिषेक किया और समस्त तीर्थों का आवाहन करते हुए सकल मंगलकामनाओं की पूर्ति के लिए आस्था का दीप जलाया।

Syed Raza
Report Syed Raza
Published on: 13 Dec 2024 2:58 PM IST
kumbh 2025 PM Modi performed Parikrama at Akshayavat Vat and prayer in Prayagraj news up ki khabar
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अक्षय वट पर पूजन-अर्चन के साथ ही पीएम मोदी ने की परिक्रमा (Pic: Newstrack)

Kumbh 2025: उत्तर प्रदेश में महाकुम्भ-2025 के सफल आयोजन, वैश्विक कल्याण, विश्व शांति, भारत के अरुणोदय व तीर्थराज प्रयागराज आकर पुण्य की डुबकी लगाने वाले करोड़ों भक्तों, सनातन शक्तियों के सामर्थ्य व अक्षय पुण्य की वृद्धि के उद्देश्य से पीएम मोदी ने शुक्रवार को अक्षयवट का दर्शन कर पूजन-अर्चन किया। संगम नोज पर यजमान की भूमिका में संगम अभिषेक करने के उपरांत उन्होंने अक्षय वट के दर्शन किए। अक्षय वट पर भी महाकुम्भ-2025 के सफल आयोजन के लिए बतौर यजमान भूमिका निभाते हुए पीएम मोदी ने अक्षय वट पर शीश नवाया, संकल्प लेकर अभिषेक किया और समस्त तीर्थों का आवाहन करते हुए सकल मंगलकामनाओं की पूर्ति के लिए आस्था का दीप जलाया। इसके उपरांत उन्होंने अक्षय वट की प्रदक्षिणा की और समस्त विश्व के कल्याण की कामना की। पीएम मोदी ने न केवल इस परम पावन तीर्थ पर पूजा-अर्चना की, बल्कि कॉरीडोर को लेकर हुए कार्यों का आवलोकन भी किया। उन्होंने विशेषतौर पर महाकुम्भ के अवसर पर यहां दर्शन करने आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को सुगम दर्शन कराने को लेकर हुए प्रयासों की जानकारी ली और समस्त प्रक्रियाओं की विवेचना की।

अक्षय वट पर की भारत के अक्षय पुण्य की कामना

अक्षय वट को तीर्थराज प्रयागराज के रक्षक श्रीहरि विष्णु के वेणी माधव का साक्षात स्वरूप माना जाता है। उल्लेखनीय है कि अक्षय वट को कॉरीडोर रूप में महाकुम्भ-2025 के पूर्व सुव्यवस्थित करने का कार्य पीएम मोदी के विजन और सीएम योगी के कुशल क्रियान्वयन में किया गया है। ऐसे में, शुक्रवार को पीएम मोदी ने अक्षय वट का पूजन-अर्चन करने के साथ ही भारत के अक्षय पुण्य की वृद्धि और विश्वगुरू के तौर पर उद्भव को अक्षुण्ण बनाने की कामना की।

प्रभु श्रीराम, माता जानकी व लक्ष्मण सहित ब्रह्मा, विष्णु महेश का होता है पूजन-अर्चन

अक्षय वट को लेकर ऐसी मान्यता है कि इसकी जड़ों में सृष्टि निर्माता ब्रह्मा, मध्य भाग में वेणी माधव स्वरूप श्रीहरि विष्णु तथा अग्र भाग में महादेव शिव-शंकर का वास है। इनकी पूजा के साथ ही समुद्र मंथन से प्राप्त 14 रत्नों में कल्पवृक्ष के अंश के रूप में भी अक्षय वट की मान्यता है। पुराणों में प्राप्त उल्लेख के अनुसार, सर्व सिद्धि प्रदान करने वाली आध्यात्मिक शक्ति के केंद्र के तौर पर प्रसिद्ध अक्षय वट ने मुगल काल व अंग्रेजों के शासन में पराभव का दंश झेला, मगर इसके बावजूद वह अक्षुण्ण बना रहा और आज सनातन धर्म के ध्वजवाहक के तौर पर सकल विश्व में अपनी पहचान को पुख्ता कर रहा है। अक्षय वट के बारे में यह भी प्रसिद्ध है कि प्रभु श्रीराम लंका विजय के उपरांत अयोध्या लौटने से पूर्व पुष्पक विमान से आते हुए अक्षय वट के दर्शन किए थे। उनके साथ माता सीता और भ्राता लक्ष्मण भी थे और अक्षय वट पर इन तीनों के ही विग्रह का पूजन होता है। पीएम मोदी के साथ ही अक्षय वट पूजन-अर्चन प्रक्रिया में सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी उपस्थित रहीं।

Ragini Sinha

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