TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Prayagraj Maha Kumbh 2025: कुंभ क्षेत्र में अखाड़ों के बसावट की प्रकिया शुरू, 10 अखाड़ों को किया गया भूमि का आवंटन

Prayagraj Maha Kumbh 2025: महाकुंभ में जन आस्था के सबसे बड़े आकर्षण अखाड़ों की बसावट की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कुंभ मेला प्रशासन ने अखाड़ों के संतों की सहमति से कुंभ क्षेत्र में छावनी बसाने के लिए भूमि आवंटित करनी शुरू कर दी है।

Syed Raza
Report Syed Raza
Published on: 18 Nov 2024 7:40 PM IST
Prayagraj Maha Kumbh 2025: कुंभ क्षेत्र में अखाड़ों के बसावट की प्रकिया शुरू, 10 अखाड़ों को किया गया भूमि का आवंटन
X

Prayagraj Maha Kumbh 2025: प्रयागराज में होने जा रहे सनातन परंपरा के सबसे बड़े समागम महाकुंभ 2025 में कुंभ क्षेत्र में साधु संतों की चहल पहल बढ़नी शुरू हो गई है। महाकुंभ में जन आस्था के सबसे बड़े आकर्षण अखाड़ों की बसावट की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कुंभ मेला प्रशासन ने अखाड़ों के संतों की सहमति से कुंभ क्षेत्र में छावनी बसाने के लिए भूमि आवंटित करनी शुरू कर दी है।

कुंभ क्षेत्र में 10 अखाड़ों को किया गया भूमि का आवंटन

मुख्यमंत्री योगी की दिव्य और भव्य महाकुंभ के आयोजन की परिकल्पना ने कुंभ क्षेत्र में आकार लेना प्रारंभ कर दिया है। इस दिशा के सबसे पहले कदम सनातन संस्कृति के प्रतीक अखाड़ों को भूमि आवंटन की प्रकिया शुरू हो गई। कुंभ क्षेत्र में आज संन्यासी और उदासीन अखाड़ों के संतों को अपनी छावनी लगाने के लिए कुंभ मेला प्रशासन की तरफ से भूमि का आवंटन शुरू कर दिया गया। अपर कुंभ मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी बताते हैं कि आवंटन के पहले दिन साधु संतों की सहमति से दस अखाड़ों की कुंभ क्षेत्र में जमीन का आवंटन किया गया है।अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी का कहना है कि पहले दिन संन्यासी और उदासीन अखाड़ों के लिए भूमि आवंटित की गई। प्रशासन के सहयोग से अब यहां भूमि पूजन की प्रकिया पूरी करने के बाद अन्य परंपराएं पूरी की जाएंगी ।


अखाड़ों ने अपनी भूमि का किया सीमांकन, खूंटा गाड़ने की परंपरा हुई पूरी

सभी अखाड़ों में भूमि आवंटन की सहमति बनने के साथ ही कुंभ मेला प्रशासन के अधिकारियों की टीम अखाड़ों के साधु संतो के साथ कुंभ मेला क्षेत्र में अखाड़ा सेक्टर पहुंची । यहां मेला प्रशासन की तरफ से अखाड़ों को उनकी भूमि को दिखाया गया जहां उनकी छावनी लगनी है। पूरी तरह समतल भूमि पर अखाड़ों ने अपनी अपनी भूमि का सीमांकन किया । इसके उपरांत कुंभ क्षेत्र में खूंटा गाड़ने की परम्परा पूरी की गई। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी बताते है कि मेला क्षेत्र में भूमि सीमांकन के साथ ही अखाड़ों ने अपने खूंटे गाड़ दिए हैं अब अखाड़ों के सभी कार्यक्रम इसी भूमि से संपादित होंगे। श्री पंचायती अखाड़ा महा निर्वाणी के सचिव महंत जमुना पुरी का कहना है कि कुंभ की स्थापित परंपरा के अनुसार ही मेला प्रशासन से हमें भूमि प्राप्त हुई है। अब अखाड़े की पूर्व नियोजित योजना के अनुसार बसावट का कार्य पूरा होगा।


मेला प्रशासन और अखाड़ों के बीच संपन्न बैठक से बनी सहमति

मेला प्राधिकरण की तरफ से 18 और 19 नवम्बर को अखाड़ों के लिए भूमि आवंटन की योजना बनी थी। उसी के अनुरूप सोमवार की श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण के मुख्यालय में मेला प्रशासन और अखाड़ों के बीच एक समन्वय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में ही मेला क्षेत्र में अखाड़ों के लिए भूमि आवंटन पर अंतिम मुहर लगी।बैठक समापन के बाद अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने बताया कि “हम सभी 13 अखाड़े एकजुट हैं और मेला प्रशासन जो जमीन हमें देगा, हम उस पर तैयार हैं। उन्होंने कहा, “ हमारा मेला है, हमारे मुख्यमंत्री योगी जी हैं..। जहां-जहां जमीन हमें आबंटित होगी, हम खुशी से वहां निशान लगाएंगे।”महंत रवींद्र पुरी ने कहा, “बैठक में सभी की समस्याएं सुनी गईं जिनका हल निकाल लिया गया है। इस बैठक में 10 अखाड़ों के प्रतिनिधि शामिल हुए हैं.. बाकी तीन अखाड़ों से भी हमारी बात हुई है। हम सब एक हैं। हमने प्रशासन से जमीन और सुविधाएं बढ़ाने की बात कही थी जिसे प्रशासन ने मान ली है।”आज दस अखाड़ों को भूमि का आवंटन किया गया। शेष तीन वैष्णव अखाड़ों को 19 नवंबर को भूमि आवंटन होगा।



\
Shalini Rai

Shalini Rai

Next Story