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Prayagraj News: कुंभ क्षेत्र में सभी 13 अखाड़ों का भूमि आवंटन पूरा , 100 बीघे में बसेंगे अखाड़े
Prayagraj News: महाकुंभ में जन आस्था के सबसे बड़े आकर्षण अखाड़ों के लिए भूमि आवंटन का चरण पूरा हो गया है। कुंभ मेला प्रशासन ने अखाड़ों के संतों की सहमति से कुंभ क्षेत्र में छावनी बसाने के लिए सभी 13 अखाड़ों को भूमि आवंटित कर दी गई।
Prayagraj News: प्रयागराज में होने जा रहे विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम महाकुंभ 2025 में आस्था के रंग निखरने लगे हैं । कुंभ क्षेत्र में सनातन धर्म के शिखर 13 अखाड़ों की बसावट का पहला चरण पूरा हो गया है। अखाड़ों को भूमि आवंटन से कुंभ मेला प्रशासन ने राहत की सांस ली है।
वैष्णव अखाड़ों को भी कुंभ क्षेत्र में आवंटित हुई भूमि
महाकुंभ में जन आस्था के सबसे बड़े आकर्षण अखाड़ों के लिए भूमि आवंटन का चरण पूरा हो गया है। कुंभ मेला प्रशासन ने अखाड़ों के संतों की सहमति से कुंभ क्षेत्र में छावनी बसाने के लिए सभी 13 अखाड़ों को भूमि आवंटित कर दी गई। मंगलवार को तीन वैष्णव अखाड़ों को भी कुंभ क्षेत्र के अखाड़ा सेक्टर में मेला प्रशासन की तरफ से भूमि का सीमांकन हेतु उन्हें भूमि प्रदान कर दी गई। एडीएम कुंभ विवेक चतुर्वेदी बताते हैं कि कुंभ क्षेत्र में अखाड़ों के पूज्य संतो के साथ सहमति और विचार विमर्श के बाद 18 और 19 नवंबर को भूमि वितरण का जो कार्यक्रम रखा गया था, उसी के अनुरूप मंगलवार को तीनों वैष्णव अखाड़ों को कुंभ क्षेत्र में भूमि वितरित कर दी गई। इस अवसर श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा, श्री दिगंबर अनी अखाड़ा और श्री निर्वाणी अनी अखाड़ा के प्रमुख पदाधिकारी और संत उपस्थित रहे। श्री निर्वाणी अनी अखाड़े के अध्यक्ष महंत मुरली दास का कहना है कि मेला प्रशासन के साथ सहमति के बाद अखाड़ों को आवश्यक भूमि का आवंटन हो गया है। अब भूमि पर टीन का घेरा करने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होगी। जिसके बाद यहां अखाड़े की परंपरा संपादित होगी।
13 अखाड़ों को आवंटित की गई कुल 100 बीघे भूमि
प्रयागराज महाकुंभ में अखाड़ों की मौजूदगी दिखने लगी है । सनातन संस्कृति के प्रतीक 13 अखाड़ों को भूमि आवंटन की प्रकिया का समापन हो गया है। कुंभ क्षेत्र में मंगलवार को तीन वैष्णव अखाड़ों को भी बिना विवाद के जरूरी मांगी गई भूमि वितरित कर दी गई। संन्यासी और उदासीन अखाड़ों के संतों को सोमवार को ही 75 बीघे भूमि का आवंटन किया जा चुका है। इस तरह सौ बीघे से अधिक की भूमि अखाड़ों के संतो की सहमति से उन्हें वितरित कर दी गई। अखाड़ों के बाद अब दंडी बाड़ा, आचार्य बाड़ा, खाकचौक व्यवस्था समिति और खालसों को भूमि वितरित की जाएगी।