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Prayagraj News: माघ मेले का अनोखा शिविर, सभी धर्म के लोग एकजुट होकर करते हैं क्रिया योग का अभ्यास
Prayagraj News: क्रिया योग आश्रम में कई विदेशी ऐसे भी हैं जो दो दशक से यहीं रहते हैं और इसका निरंतर अभ्यास करते हैं। कई विदेशी सैलानी माघ मेले के दौरान आते हैं और क्रिया योग का ध्यान और अभ्यास करके वापस अपने मुल्क लौट जाते हैं।
Prayagraj News: संगम नगरी प्रयागराज में लगे देश के सबसे बड़े धार्मिक मेले में एक ऐसा पंडाल भी सजा हुआ है, जहां हर धर्म, जाति, और आयु के लोग एक साथ बैठकर क्रिया योग का अभ्यास कर रहे हैं। खास बात यह है कि देश के कई राज्यों से लोग तो आए हुए हैं साथ ही साथ विदेशी श्रद्धालु भी भारी संख्या में मौजूद है।
54 दिनों तक चलने वाले धार्मिक मेले माघ मेले में देश-वदेश के कोने-कोने से लोग आस्था की डुबकी लगाने के लिए संगम तट पहुंच रहे हैं। लाखों की संख्या में श्रद्धालु कल्पवास भी करते हुए नजर आ रहे हैं। इसी कड़ी में संगम की रेत पर बसा क्रिया योगा आश्रम का शिविर आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
इस शिविर में हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई के साथ साथ सभी धर्मों के लोगों के साथ ही विदेशों की एक टोली भी कल्पवास करती हुई नजर आ रही है। सभी लोग क्रिया योग का ध्यान करते हुए नजर आते हैं। सुबह और शाम क्रिया योग का अभ्यास, क्रिया योग आश्रम के संस्थापक योगी सत्य महाराज के द्वारा कराया जाता है। शिविर में सैकड़ों की संख्या में लोग क्रिया योग का अभ्यास करते हैं और धार्मिक महत्व को समझ रहे हैं। क्रिया योग आश्रम के संस्थापक योगी सत्यम महाराज की बात माने तो उनका कहना है कि वह 1992 से लगातार क्रिया योग का अभ्यास करते हुए आ रहे हैं। इसी कड़ी में बीते 25 सालों से लगातार विदेशी मूल के निवासी भी क्रिया योग का अभ्यास करने के लिए हर साल आते हैं।
क्रिया योग आश्रम में कई विदेशी ऐसे भी हैं जो दो दशक से यहीं रहते हैं और इसका निरंतर अभ्यास करते हैं। कई विदेशी सैलानी माघ मेले के दौरान आते हैं और क्रिया योग का ध्यान और अभ्यास करके वापस अपने मुल्क लौट जाते हैं। इस बार भी बड़ी तादाद में विदेशी सैलानी आए हुए हैं खासकर कनाडा ऑस्ट्रेलिया साउथ अफ्रीका यूरोप न्यू यॉर्क, न्यू जीलैंड , इंग्लैंड जैसे देशों से आए हुए है।
विदेशी सैलानी बताते हैं कि क्रिया योग विद्या से जुड़ने के बाद उनकी ज़िंदगी में कई तरह का बदलाव आया और उन्हें इसका कितना फायदा हुआ है। सैलानियों की यह टोली करीब डेढ़ घंटे तक अपनी योग साधना का प्रदर्शन करती है योग की पाठशाला में अपनी कला का प्रदर्शन करने और मेले में आए लोगों को सन्देश देने के बाद यह विदेशी सैलानी रोज़ाना गंगा में आस्था की डुबकी लगाते हैं, गंगा का आचमन करते हैं और स्नान कर अपने पापों से मुक्त होने की कामना करते हैं। इन विदेशियों का कहना है कि मेले में आने के बाद वह अपना हर दुःख- दर्द भूल गए हैं।
बता दें 15 जनवरी से शुरू हुए माघ मेले का समापन 8 मार्च 2024 को हो रहा है। 8 मार्च को महाशिवरात्रि का स्नान पर्व है, जिसके बाद माघ मेला की समाप्ति हो जाएगी। हालांकि 14 फरवरी को माघ मेले का चौथा स्नान पर्व बसंत पंचमी पूर्णिमा का है।