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Mahakumbh 2025: कंपकपा देने वाली सर्दी में भी 81 घड़ों के ठंडे जल से सुबह करता है स्नान, महाकुंभ का महा हठ योगी
Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ में तमाम ऐसे हठ योगियों के दर्शन हो रहे हैं जिनका कठिन तप देखकर आप हैरत में पड़ जाएंगे। यकीन न हो तो मिलिए महाकुंभ में सेक्टर 20 में अटल अखाड़ा के बाहर शिविर लगाए बैठे नागा संत प्रमोद गिरी से।
Mahakumbh 2025: प्रयागराज महा कुम्भ भक्ति ,साधना और तपस्या का केंद्र बन गया है। जितने साधक उतने ढंग की उनकी साधना भी । साधना ऐसी की आप दांतों तले उंगली दबा ले। जल साधक नागा प्रमोद गिरी की साधना का स्वरूप जानकर ही आप कांप उठेंगे।
81 घड़ों के ठंडे जल के स्नान की जल तपस्या
प्रयागराज महाकुंभ में तमाम ऐसे हठ योगियों के दर्शन हो रहे हैं जिनका कठिन तप देखकर आप हैरत में पड़ जाएंगे। यकीन न हो तो मिलिए महाकुंभ में सेक्टर 20 में अटल अखाड़ा के बाहर शिविर लगाए बैठे नागा संत प्रमोद गिरी से। त्रिवेणी की ठंडी रेत में कड़ाके की ठंड में जब तेज हवा हो, गंगा जी का घाट और ठंडा पानी हो, जहां लोग रजाई, कंबल से निकलने में कतराते हैं, नहाना भी हो तो गीजर का पानी या गर्म पानी का इस्तेमाल करते हैं और वहीं, महाकुंभ में नागा प्रमोद गिरी ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 4 बजे 82 घड़ों के गंगा जी के पानी से प्रतिदिन स्नान करते है। इसके बाद गंगा जी की पूजा, अपने इष्ट देव, अपने गुरु का ध्यान अर्चन पूजन करते हैं। इसके बाद पूरे शरीर में भभूत लगाकर साधना में लीन हो जाते हैं। इस साधना का नाम है जल तपस्या।
108 घड़ों के ठंडे पानी से स्नान का है संकल्प
नागा संन्यासी प्रमोद गिरी बताते हैं कि यह हठयोग की एक साधना है जिसका उद्देश्य मानवता और जन कल्याण है। श्री पंच दशनाम अटल अखाड़े से जुड़े प्रमोद गिरी का संकल्प है कि वह 24 तारीख तक 108 घड़ों के ठंडे पानी से स्नान करेंगे। उन्होंने 51 घड़ों से अपना स्नान शुरू किया था। प्रतिदिन उसने वह दो घड़ों की बढ़ोत्तरी करते हैं। स्नान करने के बाद भी नागा प्रमोद गिरी शरीर में कोई वस्त्र धारण नहीं करते । शरीर में केवल भभूत लगाकर धूनी रमा कर बैठ जाते हैं अपनी साधना में।