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Maha Kumbh 2025: महाकुम्भ में तैनात हुआ अत्याधुनिक मल्टी डिजास्टर रिस्पांस व्हीकल, आपदाओं से निपटने में होगा कारगर
Maha Kumbh 2025: यह वाहन विभिन्न अत्याधुनिक उपकरणों से लैस है, जो प्राकृतिक आपदाओं से लेकर सड़क दुर्घटनाओं तक, हर परिस्थिति में उपयोगी साबित होंगे।
Maha Kumbh 2025: महाकुम्भ 2025 की तैयारियों के बीच एक और बड़ी पहल की गई है। अब महाकुम्भ के विशाल आयोजन में किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए अत्याधुनिक मल्टी डिजास्टर रिस्पांस व्हीकल को मैदान में उतारा गया है। इस वाहन में कई आधुनिक सुविधाएं और उपकरण शामिल हैं, जो आपात स्थिति में लोगों की जान बचाने और आपदा प्रबंधन को आसान बनाने में मदद करेंगे।
विक्टिम लोकेशन कैमरा से भी लैस है व्हीकल
महाकुम्भ के नोडल और मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रमोद शर्मा के अनुसार यह वाहन विभिन्न अत्याधुनिक उपकरणों से लैस है, जो प्राकृतिक आपदाओं से लेकर सड़क दुर्घटनाओं तक, हर परिस्थिति में उपयोगी साबित होंगे। 10 से 20 टन क्षमता वाले लिफ्टिंग बैग के जरिए वाहन मलबे के नीचे दबे लोगों को आसानी से बाहर निकालने में सक्षम है। यही नहीं, डेढ़ टन तक की भारी वस्तुओं को उठाने और स्थानांतरित करने के लिए इसमें विशेष मशीनें फिट की गई हैं। आपदा के दौरान मजबूत मलबे को काटने और फैलाने के लिए वाहन में विशेष टूल्स उपलब्ध हैं। इसके साथ ही, यह विक्टिम लोकेशन कैमरा से भी लैस है जो मलबे या ध्वस्त संरचनाओं में फंसे लोगों को खोजने में अत्यंत मददगार है। उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के संचालन के लिए इनबिल्ट जनरेटर की सुविधा है, जो कठिन परिस्थितियों में भी काम करेगा। इसके अतिरिक्त वाहन में रेस्क्यूवर की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई प्रकार के प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट्स रखे गए हैं। इसमें लाइफ जैकेट, लाइफ रिंग, रेस्क्यू कांटा और लाइफ बाय जैसे उपकरण हैं जो इसे और उपयोगी बनाते हैं। अग्नि आपदाओं के दौरान तापमान की सही जानकारी के लिए वाहन में टेंपरेचर मेजरिंग डिवाइस उपलब्ध है।
आपदाओं से निपटने में मिलेगी मजबूती
उन्होंने बताया कि इस मल्टी डिजास्टर रिस्पांस व्हीकल की तैनाती के बाद महाकुम्भ के दौरान संभावित आपदाओं से निपटने में प्रशासन को काफी मदद मिलेगी। यह वाहन न केवल कुम्भ मेले के लिए, बल्कि अन्य आपदा प्रबंधन अभियानों के लिए भी उपयोगी साबित होगा। उन्होंने बताया कि महाकुम्भ के दौरान इस अत्याधुनिक व्हीकल के उपयोग से आपदा प्रबंधन को मजबूती मिलेगी और महाकुम्भ जैसे बड़े आयोजन में लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी।