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Maha Kumbh 2025: योगी और मोदी के राज में आज देश और प्रदेश में आनंद ही आनंद, बोले- स्वामी अधोक्षजानंद

Maha Kumbh 2025: महाकुम्भ में साधु संतों की पूजा और अनुष्ठान का पुण्य राज्य और स्वयं उनको प्राप्त होगा। सभी संत और महंत मुख्यमंत्री की यश, कीर्ति, मान, सम्मान और उज्ज्वल भविष्य के लिए विशेष प्रार्थना करेंगे।

Syed Raza
Report Syed Raza
Published on: 31 Dec 2024 3:09 PM IST
Swami Adhokshjanand Devtirth
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Swami Adhokshjanand Devtirth  (फोटो सोशल मीडिया )

Maha Kumbh 2025: प्रयागराज में महाकुम्भ का महाआयोजन अब बस चंद दिन दूर है और महाकुम्भनगर में पूज्य संतों का आगमन शुरू हो चुका है। महाकुम्भ के लिए योगी सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं से ये संत भी प्रभावित नजर आ रहे हैं। इन व्यवस्थाओं को लेकर गोवर्धनमठ पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ ने योगी सरकार की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि सीएम योगी स्वयं एक साधु पुरुष हैं। वो यहां बार-बार आकर व्यवस्थाओं का अवलोकन कर रहे हैं, जिससे धर्मावलंबियों का हौसला और मनोबल प्रबल हो रहा है। ऋषि मुनियों और साधकों को साधना, यज्ञ और तप करने के लिए अनुकूल माहौल मिल रहा है। महाकुम्भ में साधु संतों की पूजा और अनुष्ठान का पुण्य राज्य और स्वयं उनको प्राप्त होगा। सभी संत और महंत मुख्यमंत्री की यश, कीर्ति, मान, सम्मान और उज्ज्वल भविष्य के लिए विशेष प्रार्थना करेंगे।

आज सनातन को मानने वालों का शासन

स्वामी अधोक्षजानंद ने कहा कि कालांतर में भारत में विधर्मी शासन रहा, जिसमें हमारे धार्मिक अनुष्ठानों को महत्व नहीं मिलता था। आज फिर से भारत भूमि में सनातन को मानने वालों का शासन आया है, जिसका असर यहां प्रत्यक्ष दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि तीर्थ क्षेत्र में आने के लिए भक्ति और भक्त होना जरूरी है। कोई अभक्त और अशिष्ट शासक अहंकार से आएगा तो तीर्थ उसे कभी स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री की प्रशंसा करते हुए कहा कि जितना मुखर और उदार होकर मुख्यमंत्री ने हमारे मान-सम्मान के लिए व्यवस्था की है तो हम लोग भी राज्य की समृद्धि, कल्याण, आर्थिक उत्थान और उनके खुद के अभ्युदय की विशेष कामना करेंगे। उन्होंने कहा कि राक्षसी प्रवृत्तियां अनादिकाल से ही सनातन को चोट पहुंचाने और भ्रम फैलाने के लिए कार्य करती रही हैं। कभी-कभी वो कामयाब होती भी दिखती हैं। लेकिन जब-जब ऐसा होता है तब परमात्मा अवतार लेते हैं। यह महाकुम्भ सनातन धर्मावलंबियों को शक्ति प्रदान करेगा। सनातन का झंडा पूरे विश्व में लहराने वाला है और इसका शक्तिपात महाकुम्भ से होने वाला है।

आज के शासक हमारे धर्म के अनुकूल

देश और राज्य में धार्मिक स्थलों के उन्नयन पर उन्होंने कहा कि जब भी कोई सभ्य शासक हुआ है वो यह जानने की कोशिश करता है कि हमारी प्रजा के साथ कहां अन्याय हुआ है और उनकी भावनाएं कहां आहत हुई हैं। देवी, देवता, मठ, मंदिर, गंगा, यमुना, हिमालय यह सब हमारे अराध्य देव हैं। इनका मान सम्मान होता है तो समाज सुखी होता है। वो बुरा समय था जब हमारे मठ मंदिरों को तोड़ा गया। हमारे सांस्कृतिक प्रतीकों को चोट पहुंचाई गई। जब असुरीय शक्तियां हावी होती दिखती हैं तो दैवीय शक्तियां उत्पन्न होती हैं। ये महान लोग महापुरुष, त्यागी, बैरागी,ज्ञानी, आचार्य के साथ ही एक महान शासक के रूप में भी आते हैं। आज आनंद का समय है। हमारा शासक अनुकूल है, हमारा धर्म-कर्म सब अनुकूल है।

केले के आसन महाकुम्भ का बनेंगे आकर्षण

स्वामी अधोक्षजानंद के शिविर में असम से आए केले के पत्तों के बने आसन महाकुम्भ का प्रमुख आकर्षण बनने जा रहे हैं। सेक्टर 18 में स्थित शिविर में असम से 151 आसन आ चुके हैं। इसके साथ ही, नॉर्थ ईस्ट से बड़ी संख्या में नारियल और कच्ची सुपारी (तांबुल) भी लाई गई है। यह सभी चीजें महाकुम्भ के दौरान यज्ञशाला में हवन में उपयोग में लाई जाएंगी। केले के बने आसन के बारे में स्वामी जी ने बताया कि केले के पेड़ को काटकर और खोलकर सुखाया जाता है। इसके बाद इसे जोड़कर तैयार किया जाता है। उन्होंने बताया कि पहली बार महाकुम्भ में इस तरह के आसन लाए गए हैं। नॉर्थ ईस्ट के अलावा अन्य राज्यों से भी बड़ी संख्या में यहां नारियल और सुपारी लाई जा रही है।



Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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