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Maha Kumbh 2025: वैष्णव अखाड़ों का भव्य छावनी प्रवेश, युद्ध कला का हुआ प्रदर्शन

Maha Kumbh 2025: संगम की रेती में बसी अखाड़ों की दुनिया में शिव उपासक अखाड़ों के छावनी प्रवेश के समापन के बाद अब वैष्णव अखाड़ों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है।

Syed Raza
Report Syed Raza
Published on: 8 Jan 2025 9:05 PM IST
वैष्णव अखाड़ों का भव्य छावनी प्रवेश, युद्ध कला का हुआ प्रदर्शन
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 वैष्णव अखाड़ों का भव्य छावनी प्रवेश, युद्ध कला का हुआ प्रदर्शन (Photo: Social Media)

Maha Kumbh 2025: त्रिवेणी के तट पर 13 जनवरी से आयोजित होने जा रहे आस्था के जन समागम महाकुम्भ में सनातन धर्म के ध्वज वाहक अखाड़ों की दुनिया विस्तार लेने लगी है। शैव उपासक संन्यासी अखाड़ों के छावनी क्षेत्र में प्रवेश के बाद बुधवार को विष्णु उपासक वैष्णव अखाड़ों का भी भव्य छावनी प्रवेश हुआ। शहर में जगह जगह वैष्णव अखाड़ों के संतों का पुष्प वर्षा से स्वागत किया गया।


वैष्णव अखाड़ों की छावनी प्रवेश यात्रा में दिखा राम भक्ति का अद्भुत रंग

संगम की रेती में बसी अखाड़ों की दुनिया में शिव उपासक अखाड़ों के छावनी प्रवेश के समापन के बाद अब वैष्णव अखाड़ों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है। शहर के केपी ग्राउंड परिसर से तीनों वैष्णव अखाड़ों की भव्य छावनी प्रवेश यात्रा की शुरुआत हुई। तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु राम भद्राचार्य की अगुवाई में यह प्रवेश यात्रा निकाली गई जिसमें दस हजार से अधिक वैष्णव उपासक संतो ने हिस्सा लिया। अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अणि अखाड़े के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत राजेंद्र दास का कहना है कि प्रवेश यात्रा में तीनों वैष्णव अखाड़ों के सौ से अधिक महा मंडलेश्वर और द्वाराचार्य ने हिस्सा लिया।


प्रवेश यात्रा में वैष्णव संतो के युद्ध कला प्रदर्शन पर जमकर हुई पुष्प वर्षा

तीनों वैष्णव अखाड़ों ने संयुक्त रूप से अपनी छावनी प्रवेश यात्रा निकाली जिसे देखने के लिए शहर के मार्गों में दोनों तरफ हज़ारों लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा। यात्रा में सबसे आगे तीनों अखाड़ों के इष्ट भगवान हनुमान की धर्म ध्वजा और मूर्ति के बाद अखाड़ों के खालसों की रंग बिरंगी धर्म ध्वजा लहरा रही थी। तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु राम भद्राचार्य के रथ के बाद गाजे बाजे और बैंड बाजे के साथ हाथी, घोड़े और ऊंट की सवारी में सिंहासन में विराजमान संत चल रहे थे। इन सबके बीच वैष्णव अखाड़ों के संतों के युद्ध कला कौशल का प्रदर्शन सबके लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा। एक हाथ में माला और एक हाथ में भाला के संकल्प को दर्शाती इस युद्ध कला का प्रदर्शन कर रहे संतो पर जगह जगह पुष्प वर्षा की गई। मेला प्रशासन की तरफ से भी वैष्णव अखाड़ों का महा कुम्भ क्षेत्र पहुंचने पर विभिन्न स्थानों पर स्वागत किया गया।






Ragini Sinha

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