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Mauni Amavasya Snan Guideline: महाकुंभ आ रहे हैं तो जान लीजिए सुरक्षित संगम में मौनी अमावस्या स्नान का यह ट्रैफिक प्लान, अन्यथा हो जायेंगे परेशान

Mahakumbh 2025 Mauni Amavasya Snan Guideline: प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित कर सुविधा पूर्वक स्नान के लिए जो प्लान तैयार किया है उसके मुताबिक पूरे मेला क्षेत्र में कोई दो या चार पहिया नहीं घुस पाएगी।

Dinesh Singh
Published on: 28 Jan 2025 3:14 PM IST
Mahakumbh 2025 Mauni Amavasya Snan Guideline
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Mahakumbh 2025 Mauni Amavasya Snan Guideline

Mauni Amavasya Snan Guideline: महाकुंभ नगर। प्रयागराज महाकुंभ का सबसे महत्वपूर्ण स्नान है जो इस साल 29 जनवरी को है। इस पर्व में भीड़ का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि 8 से 10 करोड़ लोगों का इस पर्व में स्नान करने का कुंभ प्रशासन का अनुमान है। ऐसे में इस भीड़ में किस रास्ते और किस जगह से आप सुरक्षित त्रिवेणी संगम पहुंच सकते है ताकि आप परेशान न हो।

निजी वाहन लेकर आने वाले कैसे पहुंचे संगम

प्रयागराज महाकुंभ में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का महाकुम्भ पहुंचने का सिलसिला जारी है । प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित कर सुविधा पूर्वक स्नान के लिए जो प्लान तैयार किया है उसके मुताबिक पूरे मेला क्षेत्र में कोई दो या चार पहिया नहीं घुस पाएगी। इसलिए यह समझ लीजिए कि आप अपनी दो या चार पहिया कहां खड़ी करे। अगर आप निजी वाहन से महा कुंभ आ रहे हैं तो आपके पास ये विकल्प है।

जौनपुर मार्ग 11 जोनपुर मार्ग से स्नान करने के लिए निजी वाहन से आ रहे हैं तो सहसों चौराहे से आगे बढते ही रवई गारापुर तिराहा, गारापुर रोड. चीनी मिल पार्किंग मिलेगी। यहीं आप अपनी गाड़ी पार्क करे। इसके आगे पूरे सूरेदास, बदरा सोनौटी उत्तरी-दक्षिर्णी पार्किंग, समयामाई पार्किंग से सीधे पैदल ओल्ड जीटी संगम घाट सेक्टर नंबर पांच तक आ सकते हैं। यानी संगम तक 5 किमी।

मिर्जापुर से आने वाली गाड़ियां रज्जू भैया सिटी पार्किंग, टेंट सिटी पार्किंग, सरस्वती हाईटेक और ओमेक्स पार्किंग तक आएंगी। यहां से सीधे अरैल संगम घाट पैदल जा कर स्नान कर सकते हैं। इस रूट से संगम जाने के लिए नैनी पुल पार करने के लिए पैदल के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। जो लंबा और जाम के नजरिए से उचित नहीं है।

वाराणसी रूट से आने वाले श्रद्धालुओं को हनुमानगंज हवुसा मोड़, कनिहार मोड, कनिहार अडरपास चमनगंज, उस्तापुर पार्किंग में गाड़ी खड़ी करना है । यहां से ऐरावत संगम घाट तक पैदल जा सकते हैं। सात किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ सकता है।

इसी तरह रीवा चित्रकूट मार्ग मध्य प्रदेश या चित्रकूट की ओर से आने वाले श्रद्धालु मामा भांजा तालाब, दांडी तिराहा, टीसीआई मोड़, खान चौराहा एग्रीकल्चर पार्किंग, नवप्रयागम पार्किंग और गजियाग्राम पार्किंग तक आएंगे यहीं आप अपनी गाड़ी पार्क करें । यहां से पैदल अरैल घाट जाएंगे जिसकी दूरी चार किमी है।

लखनऊ-प्रतापगढ़ मार्ग लखनऊ-प्रतापगढ़ से आने वाले 'यात्रियों की गाड़ियां मंडलायुक्त कार्यालय, मजार चौराहा, आईईआरटी फ्लाई ओवर, आईईआरटी पार्किंग तक आ सकती हैं। ये पार्किंग फुल हो गईं तो बेली कछार में ही गाड़ियां रोक दी जाएंगी। बहां से शटल बस से बैंक रोड तक आ सकते हैं। इससे आठ किमी तक चलकर आप संगम पहुंचेंगे।

कानपुर - कौशाम्बी मार्ग कौशाम्बी की ओर से आने वाली निजी गाड़ियां धूमनगंज नेहरू पार्क में बनी पार्किंग में खड़ी होंगी। यहां शटल सिटी बस से सिविल लाइंस या हिन्दू हॉस्टल तक आ सकते हैं। वहां से पैदल ही 5 किमी चलकर संगम की ओर जाना होगा।

आप रोडवेज बस से कैसे पहुंचे संगम

पूर्वाचल , गोरखपुर, आजमगढ़ की ओर से आने वाली बसे झूंसी कटका में बनी अस्थायी बस अड्डे पर रुकेंगी। यहां से शटल बसें मिलेगी जो केवल अंडावा मोड़ तक आएंगी। वहा से पैदल ही संगम जा सकते हैं जिसकी दूरी सात किमी है।

बनारस रूट से आने वालीं बसें झूसी अंदावा के पास बने अस्थायी बस स्टेशन तक आएंगी। यहां से पैदल ही यात्रियों को सगम या अन्य नजदीकी स्नान घाट तक आना होगा जिसकी दूरी भी सात किमी है।

दिल्ली व कानपुर रूट से आने वाली बसों को नेहरू पार्क बस स्टेशन में उतारा जाएगा। यहां से शटल बसें सिविल लाइंस या हिन्दू हॉस्टल तक मिल जाएंगी। वहां से पैदल ही संगम जाना होगा जिसकी दूरी आठ किमी है।

इसी तरह रायबरेली, अयोध्या मार्ग से बस से आने वाले यात्री फाफामऊ स्थित बेला कछार बस स्टेशन पर उतरेंगे। यहां से शटल बसें इविवि बैंक रोड तक आएंगी। वहां से पैदल ही जाना होगा जिसकी संगम से दूरी आठ किमी होगी।

विंध्याचल व मिर्जापुर मार्ग से आने वाली

बसें नैनी स्थित सरस्वती हाईटेक सिटी बस स्टेशन में रुकेंगी। वहां से शटल बसें केवल लेप्रोसी मोड के लिए मिलेंगी। वहां से अरैल घाट नजदीक होगा जिसकी दूरी 7 किमी होगी संगम आने के लिए नए यमुना पुल को पार कर पैदल ही आना होगा।

इसी तरह बांदा व चित्रकूट की ओर से आने वाली बसें नैनी स्थित लेप्रोसी मिशन सेवा बस स्टेशन में आएंगी। मध्य प्रदेश की बसें भी यहीं से मिलेंगी। यहां से भी केवल लेप्रोसी तक या टेंट सिटी तक शटल बसें चलेंगी। वहां से अरैल घाट तक पैदल ही जाना होगा जिसकी दूरी सात किमी है।

ट्रेन से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए खास प्लान

ट्रेन के जरिए प्रयागराज आने वाले यात्रियों के लिए अलग रूट है।

दिल्ली-हावड़ा रूट से आने वाली ट्रेनें प्रयागराज जंक्शन या सूबेदारगंज रेलवे स्टेशन पर रुकेंगी। सूबेदारगंज से कोई ऑटो या ई-रिक्शा नहीं मिलेगा। इस बार सूबेदारगंज रेलवे स्टेशन से शटल बसें चलाने की व्यवस्था है। इसी तरह जंक्शन से बाहर कोई ऑटो नहीं मिलेगा। वहां से पैदल पत्थर गिरजाघर आना होगा। यहां से शटल बसें हनुमान मंदिर तक जाएंगी। हनुमान मंदिर से पैदल ही संगम के लिए जाना होगा। इसकी दूरी आठ किमी होगी।

बिहार और गोरखपुर, बनारस रूट की ट्रेनें झूसी रेलवे स्टेशन तक आएंगी। झूसी स्टेशन से पैदल ही स्नान घाट तक जाना होगा जिसकी दूरी आठ से नौ किमी। वहीं लखनऊ रूट की ट्रेनें प्रयाग स्टेशन आएंगी। यहां यात्रियों को छोटा बघाड़ा की ओर बने प्रवेश द्वार से निकाला जाएगा। वहां से संगम के लिए कोई साधन नहीं है। पैदल ही सात किमी चलकर पुण्य की डुबकी लगानी है। अब मुम्बई और मध्य प्रदेश से आने वाले यात्री छिवकी व नैनी रेलवे स्टेशन तक आएंगे। यहां से केवल लेप्रोसी तक गाड़ियां मिलेंगी। वहां से पैदल ही आठ किमी जाना होगा।

वायु मार्ग से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सीमित विकल्प

हवाई मार्ग से महा कुंभ आने वाले यात्री संगम स्नान करने के लिए पैदल चलने को तैयार रहे । मौनी अमावस्या पर वह दूसरे शहरों से प्रयागराज एयरपोर्ट पहुंचने के बाद एयरपोर्ट से शटल बस और टैक्सी की सुविधा है लेकिन यह सुविधा सिर्फ हिन्दू हॉस्टल तक मिलेगी। यहां से संगम की ओर 6 किमी पैदल ही जाना होगा। यह सारे विकल्प भीड़ की संख्या पर निर्भर है अगर भीड़ बढ़ी तो आपको कुछ और किमी चलने का बैक अप प्लान करके आना होगा।



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